
'हीरामंडी' डायरेक्टर संजय लीला भंसाली एक परफेक्शनिस्ट हैं. उनके साथ काम करने वाले सभी एक्टर्स ये कहते हैं कि वो तगड़े 'टास्क-मास्टर' हैं और एक एक्टर से उनका बेस्ट निकलवाने में पूरा दम लगा देते हैं. इसी के साथ संजय की एक रेपुटेशन बनी हुई है कि उन्हें गुस्सा आ जाता है और कहा जाता है कि वो एक्टर्स को डांट लगा देते हैं.
हाल ही में जब सोनाक्षी सिन्हा से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने संजय की इस इमेज को एक 'अफवाह' कहते हुए, हंसकर नकार दिया था. उन्होंने संजय के रूड और गुस्सैल होने की बात से इनकार किया था. अब इंडिया टुडे के साथ बातचीत में संजय ने बताया कि उन्हें लेकर इस तरह की कहानियां क्यों बनी हैं. संजय ने अपने गुस्से की वजहें बताते हुए कहा 'मैं गुस्सा हो भी गया तो इसमें क्या गलत है?'
'मैं एक अलग यूनिवर्स हूं'
इंडिया टुडे के साथ बातचीत में जब भंसाली से पूछा गया कि क्या वो अपने बारे में कोई गलतफहमी दूर करना चाहेंगे? तो उन्होंने कहा, 'ऐसी कोई गलतफहमी नहीं है. आप मेरे बारे में क्या सोचते हैं ये आपको कंसीव करना है. और मैं क्या हूं ये आपको सोचना है. मैं अपने काम से हद से ज्यादा प्यार करता हूं.' भंसाली ने बताया कि जैसे ही उनकी कार फिल्मसिटी मैदान में घुसती है, जहां वो अपना ज्यादातर प्रोजेक्ट शूट करते हैं, वो ऑब्सेस्ड हो जाते हैं. चाहे सुबह 6 बजे की शिफ्ट हो, या शाम की शिफ्ट, वो शूट से एक-दो घंटे पहले पहुंच जाते हैं.
भंसाली ने बताया कि 30 साल बाद भी वो कभी सेट पर एक घंटा लेट नहीं पहुचते हैं और इसीलिए वो अपने एक्टर्स और टेक्नीशियन से भी ऐसा ही कमिटमेंट चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पूरी जान लगा रहा हूं और आप फोन पर नहीं रह सकते. और आपको बारीकियां समझनी ही होंगी. मैं लंबे टेक लेता हूं, लंबे शॉट्स लेता हूं. इसलिए उनके (एक्टर्स) लिए एक टाइमिंग से दूसरी टाइमिंग पर जंप करना मुश्किल होता है.'
'मैं जान लगा रहा हूं तो आप फोन नहीं चला सकते'
ये जोड़ते हुए कि परफेक्शन चाहने में कुछ भी गलत नहीं है, भंसाली ने कहा, 'तो अगर मैं कहता हूं कि मुझे वो नहीं मिल रहा जो मुझे चाहिए. और मैं गुस्सा हो जाता हूं. तो इसमें क्या गलत है?' भंसाली बोले कि कोई भी डायरेक्टर ऐसा करेगा, जिसे लग रहा होगा कि उसे उसका शॉट नहीं मिला या कोई इसे खराब कर रहा है या समझ नहीं रहा. आपको सही तरह से काम करना पड़ेगा और मोमेंट उसी तरह कैप्चर किए जाते हैं. इसलिए लोगों ने कहानियां बना ली हैं कि वो गुस्सा करते हैं या खराब बर्ताव करते हैं.
भंसाली ने कहा, 'मैं अपने एक्टर्स से प्यार करता हूं. सेट पर काम करने वाले मेरे असिस्टेंट्स से प्यार करता हूं, टेक्नीशियन्स से प्यार करता हूं. जितना प्यार मैं उन्हें देता हूं, जितना प्यार वो मुझे देते हैं, सब थोड़े से बिगड़े हुए हैं. कभी-कभी मैं अपसेट हो जाता हूं. मैं एक बच्चे की तरह हूं जो अपनी टॉफी के लिए जिद करता है.'
भंसाली ने कहा कि उनमें सिर्फ एक्टर्स को डांटने की ही नहीं, उनके पास फिर से जाने की, उनसे माफी मांगने की भी हिम्मत है. उनका गुस्सा हमेशा प्यार और ह्यूमर से भरा होता है. उन्हें नहीं लगता कि उन्हें लेकर कोई गलतफहमी है, बल्कि लोग उनसे ज्यादा उनके काम में दिलचस्पी लेते हैं. उन्होंने कहा कि लोग उन्हें जितना कम जानें उतना उनके काम के लिए अच्छा है.