
सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान, हमारे दौर के तीन पक्के वाले सुपरस्टार हैं. भले इनकी फिल्में पिछले कुछ समय में बहुत बड़ा कमाल न कर सकीं हों, और हर तरफ 'सुपरस्टार्स का दौर खत्म' टाइप बहसें चल रही हैं. लेकिन अभी अगर इनमें से कोई भी अपनी नई फिल्म अनाउंस कर दे तो माहौल से तुरंत समझ आ जाएगा कि वे सुपरस्टार क्यों कहलाते हैं. इन तीनों के बाद एक ही नाम ऐसा है जिसे बड़े हक के साथ अगला 'सुपरस्टार' कहा जाता है, वो नाम है- ऋतिक रोशन.
ऋतिक की पिछली फिल्म 'विक्रम वेधा' भी बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट नहीं रही. लेकिन जब 'स्टार' के टैग वाले लोग एक्टिंग के साथ एक्सपेरिमेंट करते हैं तो ये सब होता रहता है. फिर भी ये कहना गलत नहीं होगा कि जिन लोगों ने भी फिल्म देखी, उनके थिएटर तक जाने की वजह भी ऋतिक का ये एक्सपेरिमेंट ही था. इससे पहले आई ऋतिक की फिल्म 'वॉर', 2019 की सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्म थी और इसने 300 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन किया था. और उन्हें 'सुपरस्टार' टाइटल का दावेदार मानने वालों को 'वॉर' से पहले भी उनका शानदार रिकॉर्ड देख लेना चाहिए.
नई सदी का नया स्टार- ऋतिक रोशन
ऋतिक नई सदी में डेब्यू करने वाले पहले सुपरस्टार भी हैं. क्योंकि उनके बाद एंट्री लेने वालों में से इंडस्ट्री में कोई इस तमगे का पक्का दावेदार अभी तक नहीं बन सका. उनसे पहले के सब सुपरस्टार 90s या उससे पहले डेब्यू करने वाले ही हैं, यानी पिछली सदी के. साल 2000 के साथ एक नई सदी बस शुरू ही हुई थी और 10 जनवरी को फैन्स के साथ एक इवेंट में ऋतिक अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे थे. इन फैन्स ने अभी तक स्क्रीन पर ऋतिक को नहीं देखा था, इसलिए उन्हें ज्यादा बड़ा इंतजार 14 तारीख का था. बर्थडे से 4 दिन बाद ही ऋतिक की पहली फिल्म 'कहो न प्यार है' रिलीज हुई और वो रातोरात कामयाब होने का उदाहरण बन चुके थे.
आज ऋतिक की कामयाबी और उनके स्टारडम का लेवल देखकर क्या आप सोच सकते हैं कि वो अपनी पहली फिल्म के बाद एक्टिंग छोड़ने वाले थे? जी हां, ये पूरी तरह सच है. और उनके इस फैसले की वजह 'कहो न प्यार है' की कामयाबी ही थी, ऐसा तब ऋतिक का मानना था.
ऋतिक के पिता पर जानलेवा हमला
'कहो न प्यार है' को इतना पसंद किया गया कि 2001 में फिल्म को 9 फिल्मफेयर अवार्ड मिले. इसमें से दो तो ऋतिक को ही मिले- बेस्ट मेल डेब्यू और बेस्ट एक्टर. इन अवार्ड्स के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था. अपने अवार्ड्स लेने के बाद, ऋतिक ने मंच पर आकर अलग से एक स्पीच दी थी जिसका वीडियो कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.
ऋतिक मंच पर स्पीच देते हुए रो पड़े थे और इसकी वजह थी उनके पिता राकेश रोशन पर हुआ घातक हमला. 21 जनवरी 2000 को, मुंबई में राकेश रोशन पर दो अनजान हमलावरों ने दो गोलियां फायर कीं. एक उनकी बाजू में जा कर लगी और दूसरी उनके छाती में जाकर, हार्ट की बाहरी परत को छूती हुई फंस गई.
छाती में धंसी बुलेट के साथ पिता को फोन
2001 में अपने एक इंटरव्यू में ऋतिक ने बताया था कि उनके पिता ने जानलेवा हमला होने के बाद पहला फोन उन्हें ही किया था. राकेश रोशन को इस बात की चिंता थी कि कहीं परिवार पर एक साथ हमला न किया गया हो और ऋतिक सुरक्षित हों. इंटरव्यू में ऋतिक ने बताया कि 'कहो न प्यार है' रिलीज होने के बाद ही लोग कहने लगे थे कि फिल्म हिट है. लेकिन उन्हें ये मानने के लिए बॉक्स ऑफिस के, पहले हफ्ते के आंकड़ों की रिपोर्ट का इंतजार था. जिस दिन आंकड़े आने वाले थे उसी दिन दोपहर में उनके पिता पर ये हमला हो गया.
हमले के बाद राकेश रोशन ने मोबाइल निकाला और सबसे पहले ऋतिक को फोन लगाया. ऋतिक जिम में थे. उन्होंने फोन पर जब सबकुछ सुना तो कुछ सेकंड बाद दिमाग क्लिक किया कि अगर पिता को गोली लगी है तो उन्हें पहले हॉस्पिटल जाना चाहिए था, जबकि वो पुलिस स्टेशन जाने की बात कह रहे थे. ऋतिक बताते हैं कि 'वो गुस्सा थे और क्रिमिनल्स को छोड़ना नहीं चाहते थे. वो पुलिस स्टेशन गए और वहां जाकर बेहोश हो गए. फिर पुलिस वाले उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए.'
ऋतिक ने आगे कहा, 'मैंने अपनी कामयाबी एन्जॉय करनी भी शुरू नहीं की थी और ये हो गया. क्योंकि मैं ट्रेड पेपर्स के ये कहने का इंतजार कर रहा था कि फिल्म हिट हो गई है. और वो हफ्ता पूरा होने से पहले, अभी शुक्रवार आया ही था, मैं अपने दिमाग में जबरदस्त सेलेब्रेशन के लिए तैयार हो रहा था क्योंकि मैंने जिस चीज के लिए इतनी मेहनत की थी, आख़िरकार वो सफल हो रही थी. और शुक्रवार की दोपहर ही ये हो गया.'
एक्टिंग छोड़ने का फैसला
ऋतिक को डेब्यू फिल्म की रिलीज से पहले ही 'फिजा' और 'मिशन कश्मीर' मिल चुकी थीं. 'कहो न प्यार है' की रिलीज के बाद जब दुनिया थिएटर्स में ऋतिक का जलवा देख रही थी, तब वो अपनी अगली फिल्म पर मेहनत शुरू कर चुके थे. लेकिन पिता पर अटैक के बाद ऋतिक ने एक्टिंग छोड़ने का फैसला ले लिया. उस फैसले को याद करते हुए ऋतिक ने बताया था, 'मुझे काम के लिए अपना कमिटमेंट पूरा करना था, तो मैं शूट कर रहा था. 'मिशन कश्मीर' के 'बुमरो' गाने का रिहर्सल चल रहा था. मैं डांस कर रहा था, गाना चल रहा था और हम सब रिहर्सल कर रहे थे. तभी मैंने शीशे में अपना चेहरा देखा और मैं ऐसे था (गाने के मूड में मुस्कुराते हुए).'
ऋतिक अचानक रुक गए और एक गिल्ट से भर गए. इस गिल्ट के बारे में ऋतिक ने बताया, 'मुझे लगा ये कितना गलत है. मेरे पिता हॉस्पिटल में हैं और मैं ये क्या कर रहा हूं? मैं ये क्यों कर रहा हूं? मैं डांस कर रहा हूं? मुझे अंदर से बहुत गंदा लगा. मुझे महसूस हुआ कि मैं ये नहीं करना चाहता. मुझे अंदर से ये पता था कि डायरेक्टली नहीं, लेकिन इनडायरेक्टली ये अटैक फिल्म बिजनेस की वजह से, फिल्म की वजह से, इसकी कामयाबी की वजह से हुआ है. ये किसी न किसी तरह 'कहो न प्यार है' फिल्म से जुड़ा है. मेरा दिल ही टूट गया, मैं अब फिल्में ही नहीं करना चाहता था. मैंने कहा कि मैं ये नहीं करना चाहता. और मैं रिहर्सल छोड़कर घर आ गया.' ऋतिक ने बताया कि अपने दिमाग में अब वो एक्टिंग से क्विट कर गए थे.
लेकिन फिर ऋतिक के परिवार ने उनसे बात की और उन्हें लगा कि अटैक करने वाले यही तो चाहते थे. इस समय फिल्में छोड़ देना तो बहुत आसान चीज होगी, लेकिन आगे बढ़ना मुश्किल होगा. ऋतिक ने बताया, 'मुझे लगा अगर मैंने छोड़ दिया तो आखिर जीत उनकी ही होगी. मुझे ये थॉट अच्छा नहीं लगा.' अपने दिमाग में ऋतिक पूरे 4 दिन के लिए एक्टिंग छोड़ चुके थे. लेकिन इस मोटिवेशन के आते ही वो तुरंत काम पर लौट आए.
खोने का डर और कामयाबी के आंसू
फिल्मफेयर अवार्ड के मंच से अवार्ड लेने के बाद ऋतिक ने एक खास स्पीच दी. उस स्पीच में ऋतिक ने पूरी इंडस्ट्री को अपने परिवार के साथ खड़ा होने के लिए शुक्रिया कहा. ऋतिक ने कहा कि 'मेहनत और अच्छाई से मेरा विश्वास ही उठ चुका था.' उन्होंने स्पीच देते हुए कहा, 'किसी बात में सेन्स समझ नहीं आ रहा था. मैं शुरू करने से पहले ही सब छोड़ देना चाहता था. लेकिन किसी चीज ने ये सब बदल दिया. किसी चीज ने वो सब बदल दिया जो मैं सोच रहा था. (और वो चीज थी) उस दिन हॉस्पिटल में जब आप लोग आए और मैंने सबके चेहरे देखे, और आप सबने अपने-अपने खास अंदाज में मुझे एहसास करवाया कि मैं अकेला नहीं हूं, और मुझे कभी अकेला महसूस करने की जरूरत नहीं है.'
ऋतिक 'द स्टार' का जन्म
ऋतिक ने शुरू से यही कहा है कि वो अपने एक्टिंग टैलेंट पर ज्यादा मेहनत करना चाहते हैं और एक आर्टिस्ट के तौर पर ज्यादा एक्सपेरिमेंट करना चाहते हैं. हाल ही में उन्होंने कहा है कि ये सुपरस्टार वाली इमेज मेंटेन करना उन्हें थोड़ा भारी काम लगता है. लेकिन एक्टिंग छोड़ने का फैसला करने वाले ऋतिक जब 4 दिन बाद वापस काम पर लौटे, तब वो एक एक्टर नहीं थे. वो एक स्टार का जन्म था. और जब वो अपनी स्पीच में पूरी इंडस्ट्री को शुक्रिया कह रहे थे, तब उस स्टार ने फिल्म बिजनेस का मूल मन्त्र अपना लिया था- 'शो मस्ट गो ऑन' यानी शो हमेशा चलते रहना चाहिए!
उस दिन मंच पर ऋतिक ने अनाउंस किया कि उनके पिता पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनके साथ एक और फिल्म बनाने जा रहे थे. ये वही फिल्म थी जिसने बतौर सोलो लीड 2001-2002 में फ्लॉप रहने के बाद, ऋतिक को उनकी अगली सुपर हिट दी. बॉक्स ऑफिस पर स्ट्रगल कर रहे ऋतिक को जब लोग फीका समझने लगे थे, तब उस स्पीच के साथ अनाउंस हुई फिल्म ने ही उन्हें फिर से स्टार बनाया. और अबकी बार तो ऐसा स्टार बनाया कि घर-घर में बच्चों से बूढों तक को उनका नाम याद हो गया. ये फिल्म थी 'कोई मिल गया', जिसके बाद ऋतिक स्टार से सुपरस्टार बनते गए.