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Exclusive: ‘आई एम ए डिस्को डांसर’ का वो सिंगर जिसे बप्पी दा ने मिथुन की आवाज बना दिया

"मेरी म्यूजिकल जर्नी की शुरुआत ही बप्पी दा से हुई है. उन्होंने मुझ जैसे सिंगर को एक बड़ा ब्रेक दिया है. मैं आज जो भी हूं, उसका सारा श्रेय बप्पी दा को ही जाता है. मैंने अबतक जितनी भी 30-35 फिल्में की हैं, ज्यादातर उनके साथ ही रही है."

नेहा वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST
  • सुपरहिट थी बप्पी, मिथुन और बेनेडिक्ट की जोड़ी
  • भाई के मर्डर से टूटे बेनेडिक्ट ने छोड़ दी थी इंडस्ट्री
  • बप्पी दा का 69 की उम्र में हुआ निधन

बप्पी दा के आई एम ए डिस्को डांसर गाने ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. यह कहना गलत नहीं होगा कि बप्पी दा के डिस्को किंग टाइटल में इस गाने का बहुत बड़ा योगदान रहा है. हालांकि इस गाने ने न केवल बप्पी दा, मिथुन चक्रवर्ती बल्कि एक और इंसान की जिंदगी बदली थी. इस गाने को गाकर सिंगर विजय बेनेडिक्ट भी रातों-रातों टॉप प्ले-बैक सिंगर की लिस्ट में शुमार हो गए थे. 

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आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान विजय बेनेडिक्ट हमसे अपने गाने की जर्नी और बप्पी दा को म्यूजिक ट्रिब्यूट देते हुए उनसे जुड़े कई किस्से सुनाते हैं. मेरी म्यूजिकल जर्नी की शुरुआत ही बप्पी दा से हुई है. उन्होंने मुझ जैसे सिंगर को एक बड़ा ब्रेक दिया है. मैं आज जो भी हूं, उसका सारा श्रेय बप्पी दा को ही जाता है. मैंने अबतक जितनी भी 30-35 फिल्में की हैं, उनके साथ सबसे ज्यादा काम किया है. उनके साथ मेरा रिलेशन फैमिली की ही तरह था. जब फिल्म नहीं भी कर रहा था, तो उनसे मुलाकात होती रहती थी. 

किशोर दा गाने वाले थे आई एम ए डिस्को डांसर
विजय बताते हैं, मैं लंदन में उन दिनों पढ़ रहा था. वहीं मेरी मुलाकात बप्पी दा से हुई थी. उन्होंने मुझसे कहा भी कि तुम इंडिया आकर म्यूजिक क्यों नहीं ट्राई करते, सफल हो सकते हो. मैंने उन्हें बताया कि मैंने तो खुद क्लासिकल वोकल में ग्रैजुएशन किया है. जब मैं इंडिया वापस आया, तो उनसे मुलाकात की, उन्होंने मुझे उस वक्त बी शुभाष जी से मिलवाया. शुभाष जी ने डायरेक्ट मेरे फेस पर कहा कि विजय यह फिल्म का टाइटल सॉन्ग है, लेकिन हम इस गाने को तुम्हें दे नहीं सकते हैं क्योंकि इस फिल्म में मैंने अपने पूरे पैसे दांव पर लगा दिए हैं. अब नए सिंगर से गाना गवाकर रिस्क नहीं लेना चाहता हूं. फिर भी आपकी आवाज अच्छी है, अगर जम जाता है, तो आपको रखेंगे नहीं तो फिर हम किशोर दा से ही कहेंगे. वो गाना गा लेंगे. मैंने शुभाष जी से कहा कि मैं फिर भी इसे ट्राई करूंगा. 

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बप्पी दा ने ही दिलवाया था ये गाना
मैं स्टूडियो गया, जहां बप्पी दा के अलावा सौ लोगों का ऑर्केस्ट्रा था, जिसमें कोरस सिंगर, वायलेंस, गिटार, मेलेडी सभी लोग भरे पड़े थे. गाने की रेकॉर्डिंग करते-करते सुबह से शाम हो गई थी. गाने की रेकॉर्डिंग वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुई थी. अब वहां से मैं शाम को रिकॉर्ड कर निकल रहा था. शुभाष जी अपनी गाड़ी में बैठे थे, मुझसे पूछा कि विजय कहां जा रहे हो, तो मैंने बताया कि मेरे कुछ दोस्त लंदन से आ रहे हैं, मैं उन्हीं से मिलने बांद्रा जा रहा हूं. मैं लोकल ट्रेन से निकलने वाला था, तो शुभाष जी ने कहा कि चलो मैं छोड़ आता हूं. फिर गाड़ी में ही उन्होंने कहा कि तुमने गाना शानदार गाया है और मैं ये रिस्क लेने के लिए तैयार हूं. अब तुम ही इसे गाओगे. मुझे तो उनकी बातों पर यकीन नहीं हो रहा था, मैं सरप्राइज हो गया था. 

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बप्पी दा के घर पर हुई थी मिथुन से मुलाकात
बप्पी दा के साथ मैंने दुनिया घुमा है. वे जहां भी परफॉर्म करते थे, मुझे ले जाया करते थे. वेस्ट कंट्री में तो हमारी तिकड़ी देखने को बनती थी. मैं मिथुन और बप्पी दा, जब भी स्टेज पर आते थे, तो फॉरन ऑडियंस में हलचल मच जाती थी. हमारी जुगलबंदी की मिसालें दी जाती थीं. मुझे याद है कि मिथुन चक्रवर्ती से मेरी पहली मुलाकात बप्पी दा के घर पर ही हुई थी. मिथुन दा से मिलाते हुए बप्पी जी ने उनसे कहा कि यही गाना गाएगा. तो मिथुन मुझसे कहते हैं, तुम गाओगे न, ऐसा गाना कि गले का नस दिखने लगे. गाने में खूब फोर्स होना चाहिए. मैं मिथुन की बात सुन नर्वस हो गया था. बप्पी दा मेरे डर को भांपते हुए कहने लगे कि नहीं विजय कर लेगा. 

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भाई के मर्डर ने तोड़ दिया था, इंडस्ट्री बीच में छोड़ दी
मैं अपनी सिंगिंग के टॉप पर था लेकिन अचानक मुझे इंडस्ट्री बीच में ही छोड़नी पड़ी. दरअसल मेरे भाई का मर्डर हो गया था, वो जर्मनी में रहता था. वहां संदिग्ध हालातों में मर्डर हुआ, वहां के यूरोपियन लोग हम इंडियंस की फिक्र नहीं करते हैं. मैं उन्हीं चीजों में उलझा रह गया. उस दर्द ने मुझे इतना परेशान कर दिया कि मुझसे संगीत छूट गया. उस घटना ने मुझे पूरी तरह बदल दिया है. मैं अब चीजों को लेकर ज्यादा परेशान हो गया. मैं सोचता रहा कि आखिर ये सब तो एक दिन खत्म हो जाना है. मैंने इसलिए पीक करियर को छोड़ अध्यात्म की ओर जाना बेहतर समझा. आज इस फैसले को अरसा हो गया है. मैं कितनी फिल्में, शोज को मना करता आया हूं. आप कह सकते हैं कि डिस्को के बाद मैं अब स्पीरिचुअल म्यूजिक बनाने लगा हूं और वहीं मेरा फोकस है. बप्पी दा को भी इस फैसले से कोफ्त होती थी, वो अक्सर कहते थे कि वापस आ जा, क्यों चला गया. हम तुम्हें बहुत मिस करते हैं. तुम नहीं आते हो, तो मुझे गाना पड़ता है. ये उनका प्यार है. 

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