
ऑस्कर के लिए भेजी गई गुजराती फिल्म द लास्ट शो (छेलो शो) की जबरदस्त चर्चा हो रही है. फिल्म 14 अक्टूबर को रिलीज हो रही है. फिल्म में भाविन ने अहम रोल प्ले किया है. अब उन्होंने अपने मुश्किल दिनों को याद करते हुए अपने निजी जीवन के बारे में कुछ खुलासे किए हैं, जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
अमिताभ-टाइगर के फैन हैं भाविन
भाविन ने कहा- जब मैं स्कूल में था, उस वक्त चार-पांच लोग मेरे स्कूल आए थे. क्लास में आकर हम सभी से पूछा कि आपके फेवरेट हीरो कौन है. सिर्फ मैंने जवाब दिया टाइगर श्रॉफ और अमिताभ बच्चन. फिर मुझे ऊपर लेकर गए और वहां भी तीन अलग लोग थे, उन्होंने पूछा कि गधा, बंदर कैसे आवाज निकालता है. मैंने सभी आवाज निकाल कर उन्हें बता दिया. उन लोगों ने मेरा नंबर लिया और बोलकर गए कि अपने बाल मत कटवाना. थोड़े दिन बाद प्रिसिंपल का फोन घर पर आया और बोला कि हमें एक रेजॉर्ट में जाना है. मेरे पापा ड्राइविंग करते हैं और मां घर पर रहती है, तो मेरे साथ कोई नहीं गया. हम वहां जाकर दो दिन रहे फिर घर वापस आ गए. फिर हमें कास्टिंग डायरेक्टर जैकी भाई का कॉल आया कि मुझे तीन महीने के लिए उनके साथ रहना है. मैं कपड़े लेकर वहां गया और सेट पर सबसे दोस्ती गई. इससे पहले मैं बचपन में टिकटॉक पर एक्टिंग करता था. अब तो वो बैन हो गया है, उसको साइड में रखो, अभी मुझे इंस्टाग्राम पर फॉलो करो.
एक्टिंग करने से खुश नहीं थे पेरेंट्स
'मेरे मम्मी-पापा खुश नहीं थे. उन्होंने बोल दिया था कि इसमें (एक्टिंग) में नहीं जाना है. जामनगर से 15 किलोमिटर दूर हमारे गांव का नाम वसई है. वहां एक अंकल थे, उन्होंने पापा-मम्मी को समझाया कि इसे भेज दो. पापा-मम्मी और चाचा सब मान गए. परिवार वाले मम्मी को बोलते थे कि क्या तुम बेटे को ऐसी गंदी जगह भेज रहे हो, लेकिन मां कहती, कोई नहीं... मेरे दो बच्चे हैं, एक चला गया तो दूसरा है. मैं इसको आगे बढ़ाऊंगी.'
भाविन ने आगे कहा- क्लास 8 में हूं. जब शूटिंग शुरू हुई, तो मैं पांचवी में था. मैं स्कूल में फर्स्ट आता था. सांतवी में सेकेंड हो गया, तो क्लास में लड़के बोलने लगे, फिल्म में जा रहा था न इसलिए तुमको दूसरा स्थान मिला. एक्टिंग में आने के बाद जब मैं अपने दोस्तों संग क्रिकेट खेलने जाता था, तो वहां दूसरे लोग आते थे और मेरे साथ फोटो खिंचवाते थे. मेरे दोस्त मुझे हीरो बोलने लगे हैं. कैमरा देखकर मुझे कभी डर लगा ही नहीं. मैं कैमरा देखकर एक्टिंग तो कर ही नहीं रहा था. मुझे वहां स्क्रिप्ट याद नहीं होती थी, वो लोग हमें अलग तरह से समझाते थे. सेट पर एक दीदी स्क्रिप्ट के साथ-साथ मुझे स्कूल की भी पढ़ाई करवा देती थी. मेरी इंग्लिश ठीक नहीं थी लेकिन दीदी ने इंग्लिश सीखा दी है.
ऑस्कर पर क्या बोले भाविन?
ऑस्कर के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन वो मूर्ति मैंने देखी है, वो बहुत सुंदर है. हमारे गांव के फिल्मी जानकार ने बोला कि ये मूर्ति सबसे बड़ा ईनाम होता है. ये अगर हमारे पास आएगा, तो हमारा गांव बहुत रौशन हो जाएगा. मैंने बोला, अरे गांव क्या देश को रौशन करना है.
'पहली फीस मिलने पर मैंने घरवालों को पैसे दे दिए. उन्होंने कहा- तुमको जो चीज चाहिए, वो खरीद लो. तो मैंने एक साइकिल ले ली और बाकी बचे पैसों को मैंने पापा को दे दिया है. मुझे एक्टिंग करनी है. हर जगह से मुझे फोन आते हैं और फिल्मों के लिए, मैंने सबकुछ जैकी भाई को बोल दिया है, वो काम संभालेंगे. मुझे रश्मिका बहुत पसंद है. उसकी गीता गोविंदम बहुत पसंद है. मैं उसके साथ काम करना चाहूंगा.'
'मुझे ऐसे अच्छा नहीं लगता है और शूटिंग में जब जाता हूं, तो घर की याद आने लगती है. मुंबई आते ही मुझे घर जाने को मन करता है. घर में बहुत मजा आता है, जब छुट्टी होती है, तो हम सब दोस्त घर से खाने का समान लेकर खेत और नदी में चले जाते हैं और शाम को घर लौटते हैं.'