
सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है, जहां हर कोई अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र है. हाल ही में फैबइंडिया के दिवाली ऐड पर चर्चा हुई. हर गलत कारण के चलते यह सुर्खियों में आया. इस ऐड में उर्दू के शब्द 'जश्न-ए-रिवाज' से यूजर्स को दिक्कत थी. कुछ लोगों का कहना था कि दिवाली के फेस्टिव कलेक्शन को 'जश्न-ए-रिवाज' नाम क्यों दिया गया, जबकि यह तो हिंदुओं का त्योहार है. अब जावेद अख्तर ने इसपर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी राय रखी है. जावेद अख्तर हमेशा से ही अपना पक्ष हर मुद्दे पर रखते नजर आते रहे हैं.
जावेद अख्तर ने किया यह ट्वीट
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्यों फैबइंडिया के 'जश्न-ए-रिवाज' से इतनी परेशानी है. इस उर्दू के शब्द को अगर हम अंग्रेजी में ट्रांसलेट करें तो इसका मतलब होता है पारंपरिक सेलिब्रेशन. कैसे किसी को भी इससे परेशानी हो सकती है, यह देखना काफी क्रेजी नजर आ रहा है." बता दें कि यूजर्स ने जब फैबइंडिया के इस ऐड पर सोशल मीडिया पर बवाल करना शुरू किया तो कंपनी ने इसे डिलीट कर दिया.
इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी और राइट विंग के कई ग्रुप्स ने इसपर कॉमेंट्स किए. फैबइंडिया ने ऐड शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा था, "प्यार और रोशनी के त्योहार का स्वागत करते हुए फैबइंडिया का 'जश्न-ए-रिवाज' कलेक्शन भारतीय कल्चर को पारंपरिक रूप से मनाता है." अपने क्लोदिंग लाइन को लॉन्च करते हुए कंपनी ने यह वीडियो 9 अक्टूबर को रिलीज किया था.
Jashn-e-Riwaaz पर Fabindia की सफाई, कहा- ये दिवाली कलेक्शन नहीं
कंपनी ने जब ऐड हटाया तो इसपर होने वाले बवाल को लेकर उन्होंने कहा कि फैब इंडिया में हम हमेशा भारत और इसकी असंख्य परंपराओं को सेलिब्रेट करते हैं. सच तो यह है कि हमारा टैगलाइन ही है-फैबइंडिया-सेलिब्रेट इंडिया. असल में जश्न-ए-रिवाज के तहत जो भी प्रोडक्ट आए हैं वह भारतीय परंपराओं का सेलिब्रेशन है. यह दिवाली कलेक्शन नहीं है.