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क्या ड्रग्स की अंधेरी दुनिया में धंस गया बॉलीवुड? जावेद अख्तर ने बताया सच

अब इस बड़े सवाल का जवाब जावेद अख्तर ने दे दिया है. एक न्यूज पोर्टल को इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने माना है कि ड्रग्स एक बड़ी समस्या है, लेकिन उनकी नजरों में ये एक समाजिक बुराई है जो हर फील्ड में देखने को मिल रही है.

जावेद अख्तर जावेद अख्तर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

एंटरटेनमेंट की दुनिया में बॉलीवुड को सबसे बड़ा माना जाता है. हमेशा फिल्मों से गुलजार रहने वाली ये इंडस्ट्री एक ऐसे चक्रव्यू में फंस गई है जिससे बाहर निकलना चुनौती साबित हो रहा है. इस समय इंडस्ट्री में फिल्मों के बजाय ड्रग्स पर चर्चा हो रही है. ड्रग्स की वजह से बॉलीवुड की छवि खराब होती दिख रही है. बड़े-बड़े सेलेब्स पर आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे में ये सवाल सभी के मन में है कि क्या ड्रग्स की अंधेरी दुनिया में धंस गया बॉलीवुड?

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ड्रग विवाद पर जावेद अख्तर

अब इस बड़े सवाल का जवाब जावेद अख्तर ने दे दिया है. एक न्यूज पोर्टल को इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने माना है कि ड्रग्स एक बड़ी समस्या है, लेकिन उनकी नजरों में ये तो एक समाजिक बुराई है जो हर फील्ड में देखने को मिल रही है. वे कहते हैं- मैंने सुना है कि नौजवान लोग इस ड्रग का सेवन करते हैं. लेकिन वो सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में नहीं होता है, ये तो एक समाजिक बुराई है जो हर फील्ड में देखने को मिल रही है. मैंने खुद कभी ड्रग्स नहीं देखे हैं. मुझे तो ये भी नहीं पता कि क्या वैध है और क्या अवैध.

नेपोटिज्म और विरासत में फर्क

जावेद अख्तर का ये कहना ही दिखाता है कि बॉलीवुड में ड्रग्स एक बड़ी समस्या तो है, लेकिन उनकी नजरों में इसके लिए सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री को दोषी मान लेना भी गलत है. एक्टर के मुताबिक इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए और इस बुराई को जड़ से खत्म करने पर जोर देना चाहिए. वहीं इस समय क्योंकि नेपोटिज्म भी एक बड़ा मुद्दा है, ऐसे में जावेद अख्तर ने इस पर भी खुलकर अपने विचार रखे हैं. वे मानते हैं कि लोगों को नेपोटिज्म और विरासत में अंतर नहीं पता है. वे कहते हैं- बॉलीवुड में नेपोटिज्म नहीं हो सकता. जो भी फिल्म देखने के लिए टिकट खरीदता है, उसका वोट उस कलाकार के लिए होता है. और वैसे भी विरासत को आप नेपोटिज्म का नाम नहीं दे सकते हैं.

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इससे पहले भी जावेद अख्तर ने कहा था कि अगर वे अपने बेटे के लिए कुछ करना चाहते हैं तो उसमे गलत क्या है. उनकी नजरों में हर पिता अपने बेटे के लिए कुछ करना चाहता है. ऐसे में जब भी कोई नेपोटिज्म के नाम पर फरहान पर निशाना साधने की कोशिश करता है, तब जावेद अख्तर को खासा बुरा लगता है.
 

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