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चला गया कहने वाला 'हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं', अधूरी रह गई दोस्त से आखिरी मुलाकात

सचिन पिलगांवकर ने अपने पीड़ित दोस्त की इस आखिरी इच्छा को पूरा को किया, लेकिन दोनों की आखिरी मुलाकात होकर भी अधूरी रह गई. जूनियर महमूद की ख्वाहिश थी कि उनके बचपन के दोस्त सचिन पिलगांवकर उनसे आकर मिलें. सचिन ने उनकी इच्छा को पूरा भी किया. लेकिन हालात ने उनका साथ नहीं दिया.

जूनियर महमूद जूनियर महमूद
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST

हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं... ये कहकर हंसा देने वाले जूनियर महमूद ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया. 8 दिसंबर को देर रात 2 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली. जूनियर महमूद पेट के स्टेज 4 कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज मुंबई के अस्पताल में चल रहा है. जॉनी लीवर, सचिन पिलगांवकर, जितेंद्र और शैलेश लोढ़ा जैसे सितारे उनसे मिलने भी पहुंचे थे.

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सभी के लिए जूनियर महमूद को इस हाल में देखना बेहद मुश्किल था. एक्टर सचिन पिलगांवकर और जूनियर महमूद की दोस्ती काफी पुरानी और गहरी थी. दोनों ने अपने करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर ही की थी. उन्होंने 70 के दशक में काफी सफलता देखी. दोनों की जोड़ी को भी काफी पसंद किया जाता था. ऐसे में जूनियर महमूद की आखिरी ख्वाहिशों में से एक अपने बचपन के दोस्त सचिन से मिलना भी था.

सचिन पिलगांवकर से हुई मुलाकात

सचिन पिलगांवकर ने अपने पीड़ित दोस्त की इस आखिरी इच्छा को पूरा को किया, लेकिन दोनों की आखिरी मुलाकात होकर भी अधूरी रह गई. 6 दिसंबर को ट्विटर (अब X) पर जूनियर महमूद की पुरानी फोटो को शेयर करते हुए उनकी इच्छा के बारे में बात की गई थी.ट्वीट में कहा गया था कि जूनियर महमूद अस्पताल में स्टेज 4 कैंसर का इलाज करवा रहे हैं. उन्होंने जितेंद्र से मिलने की इच्छा जताई है, और वो चाहते हैं कि उनके बचपन के दोस्त सचिन पिलगांवकर उनसे मुलाकात करने आएं.'

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इस ट्वीट के जवाब में सचिन की बेटी श्रिया पिलगांवकर ने बताया था कि उनके पिता जूनियर महमूद के परिवार संग कॉन्टेक्ट में हैं और उनसे मुलाकात भी कर आए हैं. इस बीच जूनियर महमूद के करीबी दोस्त सलाम काजी ने सचिन का एक वीडियो शेयर किया है. इसमें सचिन को जूनियर महमूद के साथ बेड के पास खड़े देखा जा सकता है. उनकी आंखों में आंसू हैं और वो बोल नहीं पा रहे हैं.

वीडियो में सचिन बता रहे हैं कि वो अपने दोस्त जूनियर महमूद से मिलने के लिए आए थे. लेकिन दवाइयों के नशे में होने की वजह से महमूद नींद में थे, उनसे बात नहीं कर पा रहे और सो रहे हैं. सचिन पिलगांवकर के चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी. उन्होंने कहा कि जब भी जूनियर महमूद होश में आएं तो उन्हें बताया जाए वो दोबारा अपने दोस्त से मिलने जरूर आएंगे. इस बीच वो दोस्त के लिए दुआ भी कर रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, 67 साल की उम्र में जूनियर महमूद का निधन हो गया. 8 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद जुहू के कब्रिस्तान में जूनियर महमूद को सपुर्द ए खाक किया जाएगा. निधन के बाद जूनियर महमूद अपने पीछे अपना परिवार छोड़ गए हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे, बहू और 1 पोता है. जूनियर महमूद का असली नाम नईम सैय्यद था. उनका जन्म 15 नवंबर 1956 को हुआ था. उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी. 'बचपन', 'गीत गाता चल', 'कटी पतंग', 'मेरा नाम जोकर', 'ब्रह्मचारी' जैसी फिल्मों में उन्हें देखा गया था.

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