Advertisement

Salaam Venky की शूटिंग के वक्त काजोल का हुआ था इमोशनल ब्रेकडाउन, बिना ग्लिसरीन रो पड़ीं

करियर के इस पड़ाव में केवल मां के रोल्स को क्या काजोल तवज्जो दे रही हैं? इसके जवाब में कहती हैं, ऐसा कुछ नहीं है. मैं हमेशा से कहती हूं कि मुझे अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश है. ऐसे बहुत कम मौके होते हैं, जब अच्छी स्क्रिप्ट आपके पास आती है. लोगों को यह भी पता है कि मैं बहुत चूजी भी रही हूं.

काजोल काजोल
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

काजोल अपनी आगामी फिल्म 'सलाम वैंकी' के किरदार को लेकर चर्चा में हैं. फिल्म में काजोल एक ऐसी मां के किरदार में हैं, जहां उनका बेटा जानलेवा बीमारी-ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (DMD) से गुजरता है. अपने किरदार, मदरहुड और जर्नी पर काजोल हमसे डिटेल में बातचीत करती हैं.

अपने रोल पर क्या बोलीं काजोल?

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए काजोल बताती हैं, मैं एक असल जिंदगी की औरत सुजाता का किरदार निभा रही हूं. जब मैं सुजाता से मिली, तो उनकी सिंपलिसिटी मुझे भा गई. वे बेहद ही स्ट्रॉन्ग औरत हैं. कई बार जो सिंपल लोग होते हैं, वो सबसे ज्यादा निडर भी होते हैं. यही सुजाता की खासियत है कि उन्होंने जो भी देखा और जो भी किया है, वो बहुत ही कम लोग कर पाते हैं. मेरे लिए उनका किरदार निभाना काफी चैलेंजिंग रहा है. उनके इमोशन को स्क्रीन पर निभाना, बहुत मुश्किल टास्क था. भगवान से दुआ करूंगी कि उन्होंने जो फेस किया है, दुनिया में कोई भी इंसान उससे ना गुजरे. उनसे मैंने यही सीखा है, अपने डर को कभी भी बच्चों पर हावी मत होने दो. उनके जो सपने हैं, ख्याल है या जिंदगी है, मेरे डर की वजह से उसमें कोई ब्रेक नहीं आए. 

Advertisement

खुद से मैं सुजाता को बहुत ज्यादा रिलेट कर पाती हूं. वो पूरी तरह से एक मां हैं. 90 प्रतिशत वो मां और 10 प्रतिशत सुजाता हैं. जब तक वैंकी गुजरा नहीं, तबतक उनकी जिंदगी वही रही है. उनकी पूरी जिंदगी अपने बेटे के इर्द-गिर्द रही है. जब हम मां बन जाते हैं, तो वो अलग ही फीलिंग होती है. मुझे याद है, जब न्यासा छोटी थी, तो वो पहला साल मेरा कैसा गुजरा है, वो मैं ही जानती हूं. मैं उस वक्त पागल हो गई थी. मेरी पूरा फोकस यही था कि इस एग्जाम में मैं फेल नहीं हो सकती. ये एक चीज है, जिसमें मैं कोई गलती कर ही नहीं सकती. एक नन्हीं सी जान को मेरे हाथ में रख दिया है और भगवान ने कहा कि मुझे उसे बड़ा करना है. मेरा यही फोकस था कि वो एक साल की हो जाए. उसके पहले जन्मदिन पर मैंने बहुत राहत महसूस की. यह एहसास वाकई में सुकून देता है कि आपका बच्चा ठीक है. मैं सुजाता की सिचुएशन अपने बुरे सपने में भी कंपेयर नहीं कर सकती हूं. मैं निश्चित ही उनकी सोच को समझ सकती हूं. 

Advertisement

मां बनने के बाद क्यों लिया ब्रेक?

काजोल आगे कहती हैं, मां बनने के बाद मैंने जानबूझकर अपने करियर से ब्रेक लिया था. मैंने यही सोचा था कि मैं फाइनैंसियल स्टेबल हूं. काम को छोड़ना पूरी तरह से मेरी चॉइस थी. मुझे न ही अजय ने या बच्चों या किसी परिवार ने फोर्स किया था. मैं उस वक्त अपने बच्चों संग वक्त गुजारना चाहती थी. मैंने बच्चे पैदा किए हैं, तो मैं मानती हूं कि कहीं न कहीं मेरी यह जिम्मेदारी भी है कि मैं उन्हें अच्छी तरह से बड़ा करूं. जिसका मतलब ही यही है कि मैं पूरा वक्त उनके साथ गुजार दूं. जिस रफ्तार से मेरा करियर चल रहा था, उसको कंटीन्यू करती, तो मदरहुड की रिस्पॉन्सिबिलिटी नहीं निभा पाती. मैंने तो इस फैसले के लिए किसी से इजाजत ही नहीं ली थी. यहां तक कि मेरी सास ने कहा था कि तुम बेटा काम कंटीन्यू करो, ये मत सोचना कि बच्चा पैदा हुआ है, तो काम नहीं करना है. न्यासा की टेंशन मत लो, हम संभाल लेंगे. मैं बहुत लकी हूं कि मेरे इर्द-गिर्द इतनी खूबसूरत औरतों का सपोर्ट था.

बच्चों संग कैसा है बॉन्ड?

अपने बच्चों संग बॉन्डिंग पर काजल कहती हैं, मेरे बच्चे मेरे दोस्त की तरह ही हैं. मैं बहुत कोशिश करती हूं कि उनको अपनी दोस्ती भी दिखाऊं और जब जरूरत पड़े, तो मां भी बन जाऊं. मेरे लिए जरूरी है कि मैं मां तो बनी रहूं, इससे एक अथॉरिटी आती है. 

Advertisement

मां के रोल करने पर क्या बोलीं काजोल?

करियर के इस पड़ाव में केवल मां के रोल्स को क्या काजोल तवज्जो दे रही हैं? इसके जवाब में कहती हैं, ऐसा कुछ नहीं है. मैं हमेशा से कहती हूं कि मुझे अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश है. ऐसे बहुत कम मौके होते हैं, जब अच्छी स्क्रिप्ट आपके पास आती है. लोगों को यह भी पता है कि मैं बहुत चूजी भी रही हूं. ऐसी कोई भी प्लानिंग नहीं है कि मैं केवल एक तरह की ही फिल्म करना चाहती हूं. हां, मुझे कॉमिडी फिल्म करने का बड़ा मन है. मेरी कोशिश होगी कि मैं अगला प्रोजेक्ट कॉमेडी ही करूं. आप लोगों को तो रोहित शेट्टी और अजय से पूछना चाहिए कि मुझे क्यों गोलमाल में रोल नहीं देते हैं. मैं भी गोपाल का किरदार पूरी ईमानदारी से निभा सकती हूं. मुझे लगता है कि मैं बहुत ही फनी हूं. 

आमिर संग काम का एक्सपीरियंस

आमिर खान के साथ एक लंबे समय के बाद काम करने पर काजोल कहती हैं, मुझे आमिर के साथ काम करने में बहुत मजा आया. मैं उनकी इस बात की बहुत रिस्पेक्ट करती हूं कि इतने साल काम करने के बावजूद आमिर का कोई सेट स्टाइल नहीं है. उन्होंने अपने आपको स्टाइलाइज नहीं किया है. हर फिल्म में एक अलग किरदार होता है. आप उनसे यह पूरी उम्मीद कर सकते हो कि अपना सौ प्रतिशत दे देंगे. जो भी फिल्म में वो होंगे, फिल्म बेहतरीन ही बनेगी. सलाम वैंकी में भी बिलकुल वही हुआ है. एक बेहतर एक्टर, बेहतर सीन, बेहतर लुक को लेकर जो उनकी कोशिश है, वो आज भी जारी है. वो काबिल ए तारीफ है. 

Advertisement

सलाम वैंकी की कहानी पर क्या कहा?
फिल्म की कहानी बहुत ही सेंसेटिव है. शूटिंग के दौरान अपने ब्रेकडाउन मोमेंट पर काजोल कहती हैं, यह सब्जेक्ट या किरदार ऐसा है कि इसे आप चाहकर भी हल्के में ले ही नहीं सकते हैं. शूटिंग के दौरान कई ऐसे मोमेंट रहे हैं कि सेट पर हम बिना ग्लिसरीन रोए हैं. हमारे रोने की वजह से कई रीटेक्स भी हुए हैं. जब आपको अचानक से याद आता है कि यह तो असल घटना है, कोई इससे गुजर चुका है. बहुत रोना आता है. बहुत से ऐसे पार्ट्स हैं, जहां हम कई बार ब्रेकडाउन हुए हैं. यह फिल्म ही ऐसी है कि कहीं न कहीं आपके दिल को छू जाएगी. इस किरदार को निभाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी. 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement