
बॉलीवुड एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत के फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर चल रहे विवाद का फिलहाल कोई अंत नहीं होता नजर आ रहा. बॉम्बे हाई कोर्ट में फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट को लेकर चल रहा केस अभी चल ही रहा है. हालांकि अब इस मामले में नया अपडेट सामने आया है. फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिलने का इंतजार कर रहे मेकर्स, सेंसर बोर्ड के सुझावों को मानते हुए फिल्म में कुछ बदलाव करने के लिए राजी हो गए हैं.
बदलाव को राजी 'इमरजेंसी' के मेकर्स
जानकारी के अनुसार, बॉम्बे हाई कोर्ट में 'इमरजेंसी' पर सुनवाई के दौरान फिल्म के फाइनेंसर की तरफ से बताया गया कि 'इमरजेंसी' के मेकर्स मणिकर्णिका फिल्म्स और CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) के बीच, फिल्म में कुछ कट्स लगाए जाने को लेकर सहमति बन गई है. कुछ ही दिन में ये कट्स फाइनल कर लिए जाएंगे.
'इमरजेंसी' के फाइनेंसर को रिप्रेजेंट कर रहे शरण जगतियानी ने जस्टिस बी.पी. कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच को बताया कि CBFC ने उन्हें बहुत सारे बदलाव और कट्स सुझाए थे, जिनपर बोर्ड और को-प्रोड्यूसर के बीच चर्चा हुई है. उन्होंने कहा, 'को-प्रोड्यूसर ने हमें सूचित किया है कि कुछ कट्स हैं जिनपर सहमति बन गई है.'
केस में CBFC की तरफ से एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि बोर्ड ने जो कट्स सुझाए हैं वो बस 'इधर-उधर कुछ शब्दों' से जुड़े हैं, जिनसे दो घंटे से ज्यादा लंबी फिल्म पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा. बेंच ने पाया कि 'इमरजेंसी' के सर्टिफिकेशन को लेकर अभी फॉर्मैलिटीज जारी ही हैं इसलिए आज सुनवाई को स्थगित कर दिया गया. फिल्म फाइनेंसर की याचिका पर कोर्ट अब 3 अक्टूबर को सुनवाई करेगा, तब तक फिल्म के सर्टिफिकेशन का मुद्दा हल हो जाएगा.
क्या है इमरजेंसी पर विवाद?
कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 6 सितंबर को थिएटर्स में रिलीज होने के लिए तैयार थी. इस फिल्म में कंगना, देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रोल में हैं. फिल्म में लीड रोल करने के साथ ही उन्होंने इसे डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया है. 14 अगस्त को फिल्म का ट्रेलर आया और ट्रेलर आने के बाद 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद खड़ा हो गया. ट्रेलर आने के बाद पंजाब में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन हुए और इसपर बैन लगाने की मांग होने लगी.
धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर भी 'इमरजेंसी' का विरोध बढ़ने लगा. फिल्म पर आरोप है कि ये सिख समुदाय को गलत तरीके से दिखा रही है, जो उनकी छवि के लिए 'अपमानजनक' है. CBFC ने 'इमरजेंसी' पहले सर्टिफिकेट दे दिया था, लेकिन जब सिख समुदाय के कुछ लोग फिल्म के विरोध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंचे, तो केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि अभी मेकर्स को सर्टिफिकेट इशू' नहीं किया गया है.
इसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने CBFC को आदेश दिया कि वो सर्टिफिकेट देने से पहले सिख समुदाय के लोगों की आपत्तियों पर भी ध्यान दे. दूसरी तरफ मेकर्स ने 'इमरजेंसी' को सेंसर सर्टिफिकेट न दिए जाने पर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. CBFC ने एक रिवाईजिंग कमेटी बनाई, जिसने कंगना को फिल्म में और बदलाव सुझाए. कंगना अभी भी फॉर्मेलिटीज पूरी करवाकर फिल्म रिलीज करवाने के लिए CBFC के साथ डिस्कशन में हैं.