
कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार, 4 सितंबर को इस मामले में एक बड़ा मोड़ आया. फिल्म की रिलीज लगभग दो हफ्ते के लिए अटक गई है. कंगना की इस फिल्म को 6 सितंबर को रिलीज होना था, लेकिन ये सेंसर बोर्ड के पंगे में फंस गई थी. 'इमरजेंसी' को अभी तक सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिला है. ऐसे में फिल्म के मेकर्स ने बॉम्बे कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
टली कंगना की फिल्म की रिलीज
कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को आदेश दिया है कि वो 18 सितंबर तक 'इमरजेंसी' के सर्टिफिकेट पर फैसला ले. इसके बाद 19 सितंबर को को कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा. इस फैसले के आने के बाद एक्ट्रेस कंगना रनौत ने ट्वीट कर खुद को सभी का 'फेवरेट टारगेट' बता दिया है. अपनी लंबी-चौड़ी पोस्ट में कंगना ने काफी बातें कही हैं.
कंगना रनौत ने खुद को बताया टारगेट
एक्ट्रेस ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'आज मैं सभी की फेवरेट टारगेट बन गई. इस सोते हुए देश को जगाने का यही दाम आपको चुकाना पड़ता है. इन लोगों को नहीं पता कि मैं क्या बात कर रही हूं. इन्हें समझ नहीं कि मैं किस बात से चिंतित हूं. क्योंकि ये लोग शांति चाहते हैं. किसी की साइड लेना नहीं चाहते. वो लोग कूल हैं, वो लोग चिल हैं. हाहा काश सीमा पर खड़े उस बेचारे जवान के पास भी कूल होने की विशेषाधिकार होता. काश उसे साइड न लेनी पड़तीं और पाकिस्तान और चीन को अपना दुश्मन न समझना पड़ता. वो आपकी रक्षा कर रहा है जबकि आप आतंकवादियों या राष्ट्र-विरोधियों पर लालसा रख सकते हैं.'
कंगना रनौत ने आगे लिखा, 'वो लड़की जिसका अपराध सिर्फ यही था कि वो रोड पर अकेली थी और इसका बुरी तरह बलात्कार किया गया. वो शायद नम्र और दयालु लड़की थी, जिसे इंसानियत से प्यार था. लेकिन क्या उसकी इंसानियत की भावना को लौटाया गया? काश लुटेरों और चोरों को भी ऐसा ही प्यार और स्नेह मिल रहा होगा जो इस कूल और सोती हुई पीढ़ी को मिल रहा है. लेकिन सच्चाई कुछ और ही है.' कंगना ने ये भी लिखा, 'चिंता मत करो वो तुम्हारे लिए आ रहे हैं. अगर हम लोग भी तुम्हारी तरह कूल बन गए तो वो तुम्हें पकड़ लेंगे और तुम्हें पता चल जाएगा कि जो लोग कूल नहीं होते वो कितने जरूरी होते हैं.'
फिल्म पर हो रहा विवाद
फिल्म 'इमरजेंसी' पर लगातार विवाद चल रहा है. इस फिल्म में कंगना रनौत, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल निभाती नजर आने वाली हैं. फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद सिख समुदाय ने इसे आपत्तिजनक बताया था. शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली शाखा ने इस फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट पर रोक की मांग उठाई थी. उनका कहना था कि 'इमरजेंसी' की वजह से सिख समुदाय को लेकर लोगों में हीन भावना फैल सकती है.