
अभी-अभी स्वर्गवासी हुए एक आदमी के चौथे की तैयारी चल रही है. भोज के लिए खाना तैयार हो रहा है. बर्तनों में पकती डिशेज को कैमरा यूं दिखाता है कि खाने का रंग, उसकी खूबसूरती आपको यूं महसूस होती है जैसे स्क्रीन पर दिख रहे पकवानों का स्वाद आपकी जीभ पर उतर आएगा. सिनेमा में ऐसे शॉट्स खुशी के मौके पर बनती डिशेज को दिखाने के लिए इस्तेमाल होते आए हैं.
एक कार्पेट पर खून ऐसे बिखरा है जैसे कटोरी में लेकर उड़ेला गया हो. होना भी था, क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले कमरे में एक आदमी को गोली लगी है. अधेड़ उम्र के पति-पत्नी बड़ी शिद्दत से इस खून को पोछे से साफ करने में लगे हैं. कुछ मिनट गुजरते हैं और उसी कार्पेट पर इस काल का लव मेकिंग सीन चल रहा है. बिस्तर पर लाल रंग ही रोमांटिक है, तो जरूरी थोड़ी है कि गुलाब का ही हो, खून का भी हो सकता है! ये अभिषेक चौबे का सिनेमेटिक संसार है, जो नेटफ्लिक्स की नई इंडियन वेब सीरीज 'किलर सूप' में आपका इंतजार कर रहा है.
पचड़ों का 'सूप'
जिंदगी का लगभग आधा सफर तय कर चुका एक कपल है प्रभु उर्फ प्रभाकर शेट्टी (मनोज बाजपेयी) और स्वाति (कोंकणा सेनशर्मा). तमिलनाडु के एक फिक्शनल हिल स्टेशन की सेटिंग में, प्रभु एक माफिया बॉस अरविंद शेट्टी (सयाजी शिंदे) का छोटा भाई है. अपने भाई के आगे दब्बू बनने वाला प्रभु, सामने से उसे एक नया बिजनेस प्लान चिपका रहा है और पीठ पीछे से उसे चूना लगा रहा है.
नर्स रह चुकी स्वाति, शादी के इतने साल बाद अपना कुछ करना चाहती है और कुकिंग सीख रही है. शो के पहले ही सीन में जब वो प्रभु को सूप टेस्ट करवाती है तो आप समझ जाते हैं कि इस शादी और स्वाति के सूप का हाल एक जैसा है. रईस दिखने का फील ले रहे प्रभु के मुंह से निकलती अंग्रेजी, गाली लगती है. और उसके बड़े भाई की पहली जबान ही गाली है, बाकी के शब्द तो वो धरती पर एहसान करने के लिए बोलता है.
इस हिसाब में अरविंद शेट्टी, गणेश गायतोंडे (सेक्रेड गेम्स में नवाजुद्दीन सिद्दीकी का किरदार) का मेले में बिछड़ा भाई लगता है. लेकिन ऐसा होता तो अरविंद को बड़ा गर्व होता. मगर इस डिपार्टमेंट में तो उसे 'लूजर' के पर्यायवाची प्रभु से ही काम चलाना पड़ रहा है.
दोनों भाइयों को मसाज का बड़ा चस्का है और प्रभु का फेवरेट 'मसाजर' है उमेश, जो बहुत ज्यादा उसी के जैसा दिखता है (डबल रोल में मनोज बाजपेयी). कुकिंग सीखने निकली स्वाति कुछ अनोखी डिश भी पका रही है, जिसमें उमेश मुख्य सामग्री है. और ये स्वाति की बनाई दूसरी डिश है जिसे प्रभु निगल नहीं पाता.
इस बदहजमी का नतीजा है एक मर्डर, जो असल में सेल्फ डिफेंस में गलती से हुआ है. इस मर्डर को छिपाने की कोशिश रायता बनकर ऐसी फैलती है कि स्वाति के लिए समेटना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, इससे पहले कहानी में एक डिटेक्टिव एक्सीडेंट की भेंट चढ़ चुका है और पुलिस को उसके तार प्रभु से जुड़ते हुए लगते हैं.
ये इन्वेस्टिगेशन रिटायरमेंट की दहलीज पर बैठे इंस्पेक्टर हासन (नासर) के जिम्मे है और उनके साथ है ए.एस.आई थुपल्ली (अम्बुदासन), जिसने अभी-अभी थाने को मंदिर मानकर उसकी चौखट चूमी है. हासन का सीधा मानना है कि पुलिस की नौकरी में 'सोचने' के पैसे नहीं मिलते, तो जितने मिलते हैं उतना ही काम किया जाए. मगर पोएट्री पढ़कर पुलिस की नौकरी करने चले थुपल्ली की एनर्जी उबाल पर है और वो जल्दी से अपने करियर का पहला केस सुलझा डालना चाहता है.
इस चाहत में थुपल्ली भी ठिकाने लग जाता है. यंग लड़के के साथ ऐसा होने से हासन पर बहुत असर पड़ा है और अब वो हर हाल में ये केस निपटाना चाहता है. इस पूरी सेटिंग में कहानी उन पहाड़ी सड़कों के जैसे सांप की तरह घूम रही है, जहां कांडों का ये कारोबार चल रहा है. इस पंगे में दो और शेट्टी भी हैं, अरविंद की बेटी अप्पू (अनुला नवलेकर) और प्रभु का बेटा सैंडी.
अप्पू भी स्वाति की तरह अपना कुछ करना चाहती है, मगर वो थोड़ी ज्यादा स्मार्ट है. सैंडी क्या करना चाहता है और क्या कर रहा है, ये तो ईश्वर को भी नहीं पता. अरविंद का बॉडीगार्ड लूकस (लाल), प्रभु की ऑफिस सेक्रेटरी कीर्तिमा (कनी कुसरुती) इस डिश में सीजनिंग का काम कर रहे हैं.
कॉमेडी का कॉकटेल और सस्पेंस का स्नैक
'किलर सूप' की डार्क कॉमेडी का जायका भी बहुत लजीज है. फिल्म में कई लोग परलोक यात्रा को निकल पड़े हैं लेकिन किसी की भी हत्या इरादतन नहीं है. सबसे खतरनाक सीक्वेंस में सिचुएशनल कॉमेडी बड़ी नेचुरली घुस आती है. जैसे कोई किसी को शूट करके मारना चाहता है, मगर उसे गन चलानी ही नहीं आती. हालांकि, सामने वाला ऊंचाई से गिर के खुद ही मर जाता है. मरे हुए किरदार अपने पीछे इतनी भसड़ छोड़े जा रहे हैं कि वो समेटे नहीं सिमट रही है.
शो में एक मुर्दाघर पर एक लाइन लिखी दिखती है- 'the dead teach the living' यानी 'मुर्दे, जिंदा लोगों को सबक सिखाते हैं'. अंग्रेजी में 'सूप' उस सिचुएशन को भी कहते हैं जहां आदमी गले तक मुसीबतों की बाढ़ में डूब चुका हो. शो की शुरुआत में सूप बनाने में कच्ची लग रही स्वाति जिस तरह अंत तक आते-आते मास्टरशेफ बन चुकी है और उसका ये 'सूप' यकीनन बहुत लजीज हो जाता है!
अभिषेक चौबे ने बाकी राइटर्स के साथ मिलकर जो कहानी और स्क्रीनप्ले लिखा है वो कमाल का है. शो के पहले 4 एपिसोड्स में कहानी एक बिल्ड-अप है और इसलिए वहां पर आप थोड़े कन्फ्यूज हो सकते हैं कि मामला जाना कहां चाह रहा है. मगर इसके बाद कहानी जैसे पेस पकड़ती है वो मजेदार है. 'किलर सूप' में भाषाओं का फ्लेवर बहुत स्वाद लगता है.
तमिल, मलयालम, हिंदी, दक्कनी और इंग्लिश का पंचफोरन अभिषेक की डिश को एक बहुत अनोखा फ्लेवर देता है. शो का बैकग्राउंड स्कोर बहुत कमाल का है, गानों से लेकर अलग-अलग साउंड्स तक सीन्स के साथ बहुत खूबसूरती से यूज की गई हैं. राइटिंग डिपार्टमेंट में 'किलर सूप' की ताकर डायलॉग भी हैं. एक सीन में 'मैं तुझसे नहीं डरता' को लूकस जिस अंदाज में बोलता है वो कमाल का डायलॉग है.
सुपर दमदार एक्टिंग परफॉरमेंस
मनोज और कोंकणा किस लेवल के एक्टर हैं ये सब जानते हैं, मगर 'किलर सूप' उन्हें एक बिल्कुल नए अंदाज में लेकर आया है. प्रभु और उमेश, दोनों किरदारों में मनोज एकदम अलग लगते भी हैं. कोंकणा अपने किरदार को एक साथ वल्नरेबल, बेखौफ, महत्वाकांक्षी और बेवकूफ दिखाने में अपनी मास्टरी का जलवा पेश करती हैं. सयाजी शिंदे को लंबे समय बाद स्क्रीन पर वो करते देखना मजेदार लगता है, जो वही बेहतरीन करते हैं- बड़ी सहजता से अश्लीलता की हद तक पावरफुल दिखना.
लेकिन कास्ट के सीनियर एक्टर्स नासर ने ऐसी परफॉरमेंस दी है जो उनके बेहद लंबे-चौड़े एक्सपीरियंस में भी, टॉप परफॉरमेंस की लिस्ट में शामिल की जा सकती है. कनी कुसरुती, कीर्तिमा के रोल में कलारिपयट्टू करते हुए जितनी भयंकर लगती हैं, प्यार में पड़ी हुई उतनी ही सॉफ्ट. लाल और अनुला भी परफॉरमेंस के मामले में याद रखने लायक हैं.
'किलर सूप' में थोड़ी बहुत कमियां पेस की हैं, जो शुरुआत के एपिसोड्स में कहीं-कहीं थोड़ी स्लो लगती है. ह्यूमर कुछ जगह थोड़ा जोर लगाकर फिट किया हुआ लगता है. कहानी में एक सुपरफिशियल एलिमेंट है जो थोड़ा पचाने में भारी लगता है. मगर ओवरऑल देखने पर ये चीजें आपके एंटरटेनमेंट में खलल जैसा नहीं पैदा करेंगी कि आप शो छोड़कर उठ जाना चाहें.
कुल मिलाकर 'किलर सूप' वो जनवरी की सर्दियों में वो कम्फर्ट डिश बनकर आया है, जो आपको बांधकर रखेगा. सॉलिड राइटिंग के दम पर, दमदार एक्टिंग परफॉरमेंस और सॉलिड डार्क कॉमेडी के साथ आया ये 'किलर सूप' जरूर चखा जाना चाहिए.