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Lata Mangeshkar birthday: जब लता मंगेशकर ने ऑडियंस के बीच उदित नारायण को दी सोने की चेन

भारत की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है. ऐसे में पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री और फैंस उन्हें शुभकामनाएं दे रहा है. उदित नारायण भी एक अलग अंदाज में लता जी को उनकी जन्मदिन पर बधाई दे रहे हैं.

Lata Mangeshkar and Udit Narayan Lata Mangeshkar and Udit Narayan
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 28 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST
  • लता मंगेशकर को ऐसे विश कर रहे हैं उदित नारायण
  • लता जी संग कई गानों में काम करने का मिला है मौका
  • अपने छोटे भाई की तरह मानती हैं मुझे

उदित नारायण और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने इंडस्ट्री को कई सारे सुपरहिट गाने दिए हैं. उदित नारायण यह दावा भी करते हैं कि उनके जनरेशन में वो एकलौते ऐसे सिगंर हैं, जिन्होंने लता जी के साथ कई गाने गाए हैं. लता मंगेशकर के जन्मदिन के मौके पर उदित हमसे ढेर सारी बातचीत करते हैं, और कई ऐसे किस्से सुनाते हैं, जिन्हें सुन आप भी हैरान हो जाएंगे. 

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छोटे भाई की तरह करती हैं प्यार

आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत कर उदित नारायण बताते हैं, 'मैं खुद को इस जनरेशन का सबसे भाग्यशाली सिंगर मानता हूं कि लता जी के साथ मुझे सबसे ज्यादा गाना गाने का मौका मिला है. इसके अलावा वो मुझे एक छोटे भाई की तरह बेहद प्यार करती हैं. जबसे मैं उनसे मिला, मुझे एक से एक फिल्मों में गाने का मौका मिला है. हमारी जुगलबंदी ने कई सुपरहिट गाने दिए हैं.' 

उन्होंने मुझे प्रिंस ऑफ प्लेबैक का टाइटल दिया है

उदित आगे कहते हैं, 'जब भी उनको देखता हूं, तो फौरन उनसे आशीर्वाद लेने पहुंच जाता हूं. वो अक्सर कहती हैं, कि उन्हें मेरी आवाज बहुत ओरिजनल लगती है. उन्होंने कहा कि मुझे इस जनरेशन की सभी आवाजें पसंद है लेकिन तुम्हारी सबसे अच्छी लगती है. अब लता जी से ये बात सुनकर लगता है कि मैंने तो सबकुछ अचीव कर लिया. मेरा नाम उन्होंने रखा है प्रिंस ऑफ प्लेबैक सिंगर..'

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दो लाख लोगों के बीच गिफ्ट की सोने की चेन

 '1992 में बैंगलोर के एक स्टेडियम में शो था. 1 दिसंबर को मेरा जन्मदिन होता है, तो संयोग से उसी वक्त ही हमारा शो वहां था. वहां मदन मोहन साहब के बेटे संजीव कोहली ने लता जी के कान पर जाकर कह दिया कि आज उदित का बर्थडे है. वहां स्टेज पर लगभग दो तीन लाख लोग मौजूद थे. उन्होंने सबके बीच मुझे सोने की चेन गिफ्ट की और वहां के एंकर को कहा कि आज अनाउंसमेंट कर दो कि उदित नारायण प्लेबैक सिंगिग के प्रिंस हैं. ये टाइटल लता जी ने ही मुझे दिया गया है.'

नहीं सोचा था, जिन्हें छुपकर देखता हूं उनके साथ गाऊंगा

'मैं जब स्ट्रगल के दिनों में म्यूजिक स्टूडियो के चक्कर काटा करता था, तो उस वक्त मैं दो साल लगातार उन्हें दूर से देखा करता था. वे जिस स्टूडियो में गाती थीं,वहां दूर से ही उन्हें देखकर सीखता रहा. वो कैसे चलती हैं, कैसे बातें करती हैं, वो माइक पर कैसा गाती हैं. मैं इसे खुद की ट्रेनिंग ही समझता था. जिंदगी में यह भी मौका आ गया, जब उनके साथ मुझे गाने का मौका मिला. आप यकीन मानिए नर्वस इतना था कि बोल नहीं निकल रहे थे.'

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उस चार लाइन ने जिंदगी बदल दी

उदित आगे कहते हैं, वहां आरडी बर्मन साहब ने मुझे कहा था, 'देखो, मौका अच्छा है, लता जी के साथ चार लाइन गाने का चांस मिल रहा है. तुम यह चार लाइन इतना अच्छा गा लो ताकि आने वाले समय में तुम्हारा रास्ता खुल जाए. और आगे चलकर जो हुआ, वो इतिहास है. वो चार लाइन थे, जीवन के दिन छोटे सही, हम भी बड़े दिलवाले.'

कई सारे स्टेज परफॉर्मेंस भी किए हैं

उदित और लता जी ने कई सारे स्टेज परफॉर्मेंस दिए हैं. इस पर उदित कहते हैं, 'मैं जब भी उनके साथ स्टेज पर गाता हूं, तो वे मेरी एक्शन को देखकर अक्सर कहती हैं कि उदित जी आप इतनी एक्टिंग कैसे कर लेते हैं. तो मेरा जवाब उनके लिए हमेशा यही होता है कि भले असल जिंदगी में हम दोनों भाई बहन हों लेकिन गाने में तो रोमांस है. इसलिए पब्लिक में तो इसे दिखाना जरूरी है ही न.. वो मुझे छोटे भाई की तरह पेश आती हैं.'

मुझे लगा कोई मजाक कर रहा है

लता जी अक्सर अपने साथी सिंगर्स को इनकरेज करती रही हैं. एक किस्सा शेयर करते हुए उदित कहते हैं, 'जब वीरा जारा का सॉन्ग जानम देख लो मिट गईं दूरियां रिलीज हुआ, तो लता जी ने पर्सनली कॉल कर कहा कि उदित जी, मैं लता मंगेशकर बोल रही हूं. मुझे आपसे कुछ बात करनी है. तो मुझे लगा कि कहीं वो मजाक तो नहीं कर रही हैं. लता जी मुझे कैसे कॉल करेंगी. उन्होंने आगे कहा कि मैं अंधेरी के स्टूडियो में आई हूं और तुमसे मिलना चाहती हूं. मुझे यकीन नहीं हुआ और लगा कि मजाक कर रही हैं.'

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मेरे घर पर 4 घंटे वो रहीं

'अगले 15 मिनट में उनकी गाड़ी मेरे घर के बाहर खड़ी थी. वो मेरे घर आकर चार घंटे बैठीं. मेरे साथ उन्होंने पोहा खाया. उस वक्त मेरे माता-पिता भी साथ में ही थे. मुझे आज भी वो दिन याद है 21 सितंबर था. दो बार दार्जलिंग चाय भी पी. बहुत सारी बातें की, मुझे नहीं लगता है कि वाकई में ऐसा कुछ हुआ है. ऐसा लग रहा था कि साक्षात सरस्वती मां हमारे घर आकर बैठी थीं.'

आज उनका जन्मदिन है, तो मैं यही कहना चाहूंगा कि उनकी जो कला है, जो आवाज है, वो साक्षात सरस्वती हैं, वो मेरे और देश के लिए भाग्य की बात है. मैं इश्वर से यही प्रार्थना करता रहूंगा कि उनके गानों को जब तक धरती आकाश रहेगी, तबतक लोगों के दिलों में जिंदा रहे. वहीं उनकी उम्र भी हजार साल की हो जाए. 

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