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'मायरी' से 'पिया बसंती रे' तक... प्रदीप सरकार ने बनाए थे ये आइकॉनिक म्यूजिक वीडियोज, जिनमें सांस लेती थीं खूबसूरत सुबहें

फिल्ममेकर प्रदीप सरकार अब हमारे बीच नहीं रहे. वैसे तो उन्हें 'परिणीता' और 'मर्दानी' जैसी बेहतरीन फिल्मों के लिए याद किया जाता है. लेकिन अपने एक काम से वो बहुत लोगों के बचपन से जुड़े सबसे खूबसूरत गीतों का भी हिस्सा थे. 'मायरी' और 'पिया बसंती रे' जैसे गानों के म्यूजिक वीडियो उन्होंने बनाए थे. इन वीडियोज में एक कॉमन थीम थी, आपने कभी नोटिस की?

विद्या बालन, प्रदीप सरकार (क्रेडिट: सोशल मीडिया) विद्या बालन, प्रदीप सरकार (क्रेडिट: सोशल मीडिया)
सुबोध मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 24 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

पलाश सेन का म्यूजिक बैंड 'यूफोरिया', जा जाने कितने लोगों की यादों का एक बहुत बड़ा हिस्सा है. पलाश की आवाज, गानों के लिरिक्स और देसी बीट्स जैसे कदमों को अपने आप थिरकने पर मजबूर कर देते थे. यूफोरिया शब्द का मतलब ही होता है एक उल्लास, उत्साह. ये फीलिंग सिर्फ यूफोरिया ही नहीं, बल्कि ढलते 90s और उभरती नई सदी के शुरुआत में आए कई आइकॉनिक हिंदी गानों के साथ आती थी. 

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ऐसे ही गानों में पलाश सेन का गाया 'कभी आना तू मेरी गली' और शुभा मुद्गल की आवाज में 'अबके सावन' भी शामिल हैं. ये गाने आपकी यादों का हिस्सा जरूर होंगे. जितने आइकॉनिक ये गाने थे, उतने ही खूबसूरत इनके म्यूजिक वीडियो भी. इन दोनों गानों के म्यूजिक वीडियो आज भी खूब देखे जाते हैं. लेकिन या आपने इन दोनों वीडियो में एक कॉमन थीम पर ध्यान दिया? 

क्रेडिट: सोशल मीडिया

दोनों म्यूजिक वीडियोज की कहानी एक सुबह से शुरू होती है. दोनों वीडियोज को एक ऐसे फिल्ममेकर ने तैयार किया था जिसे बाद में 'परिणीता' के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला. ऐसे कई म्यूजिक वीडियोज में खूबसूरत सुबहों के कुछ बेहतरीन दृश्य उकेरने वाले डायरेक्टर प्रदीप सरकार, शुक्रवार की सुबह हमारे बीच नहीं रहे. डायलेसिस पर चल रहे प्रदीप सरकार का पोटेशियम लेवल गुरुवार को बहुत तेजी से गिरा. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां आज सुबह करीब 3 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. 

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प्रदीप सरकार की लीगेसी में उनकी फिल्में तो यादगार हैं ही, मगर 90s के उन म्यूजिक वीडियोज के बिना उनका जिक्र पूरा ही नहीं होता, जो हमेशा के लिए हमारी यादों और प्लेलिस्ट में फेवरेट बन चुके हैं. आपको बताते हैं उनके बनाए 5 आइकॉनिक म्यूजिक वीडियोज और उनकी खूबसूरत थीम के बारे में:

1. 'मायरी'

इस गाने की कहानी, एक लड़के पर घूमती है जो अपनी प्रेमिका को याद कर रहा है. म्यूजिक वीडियो में पलाश सेन और रिमी सेन की लव स्टोरी, सर्दियों की एक कोहरे भरी सुबह से शुरू होती है. 'बिंदियां लगाती तो कांपती थी पलकें' गाते पलाश सेन की आवाज के साथ, रिमी की पलकों का झपकना ऑलमोस्ट एक रिदम में है.

कहानी का हीरो ट्रेन में बैठकर अपनी प्रेमिका को याद कर रहा है, और उसका ये सफर शाम से शुरू होकर सुबह तक पहुंचता लगता है. जबकि फ़्लैशबैक में चल रही उसकी स्टोरी सुबह से शुरू होती है. ये दोनों पैरेलल ट्रैक, प्यार की खूबसूरत सुबहों और यादों की उदास शामों का एक मिक्स हैं. नहीं यकीन आता , तो वीडियो दोबारा देखिए और फ्रेम्स को पढ़िए. 
 
2. अबके सावन ऐसे बरसे 

मुर्गे की बांग से एक सोए आदमी की नींद डिस्टर्ब होती है. शुभा मुद्गल गुनगुनाना शुरू करती हैं. पीछे से किसी के गला साफ़ करने की वो आवाज भी आती है, जिसे लोगों ने मोहल्लों में किसी न किसी के घर से आते सुना तो होगा, मगर उससे चिढ़ बहुत होती है. ये प्रदीप सरकार की सुबह है. अभी ये सुबह खूबसूरत है, लेकिन जल्द ही मिट्टी के कच्चे रास्ते पर सावन की पहली बारिश की पहली बूंद पड़ने वाली है. फिर ये सुबह अद्भुत हो जाएगी. 

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जितना खूबसूरत इसे प्रसून जोशी ने लिखा और शुभा मुद्गल ने गाया, उतनी ही खूबसूरती के साथ प्रदीप सरकार ने इसे फिल्माया भी. 
 
3. पिया बसंती रे

प्रदीप सरकार के म्यूजिक वीडियोज में गाने के पीछे की कहानी अपने आप में एक फिल्म होती थी. 'पिया बसंती रे' में हीरो की कहानी सुबह से नहीं शाम से शुरू होती है, रात में चलती है फिर सुबह में पहुंचती है. लेकिन यहां सुबह से शुरू करने वाला स्टाइल इसलिए बदला है क्योंकि हीरो ने हथियार उठा रखे हैं और लड़की को किडनैप कर रहा है. मगर इसी लड़की के प्यार में पड़कर उसे हथियार छोड़ने का ख़याल आता है. 

4. कभी आना तू मेरी गली 

'अबके सावन' की तरह इस वीडियो में भी आपको सुबह शुरू होती दिखेगी. लेकिन साथ में दूरदर्शन की आइकॉनिक धुन बजती है. विद्या बालन गाने की कहानी में हीरोइन हैं और अपनी बहन से एक राज शेयर कर रही हैं कि उन्हें 'खन्ना अंकल के यहां रहने वाले' बंगाली लड़के से प्यार है, मगर 'पापा नहीं मानेंगे'! 

ये गाना अपने आप में एक पूरी फिल्म है, जिसमें विद्या को देखकर लोग देखते रह गए थे. प्रदीप सरकार ने इन्हीं विद्या बालन को अपनी पहली हिंदी फिल्म 'परिणीता' से डेब्यू करने का मौका दिया था. उसकी एक अलग कहानी है. फिलहाल, गाना देखें और प्रदीप सरकार के विजन को सलाम करें.  

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5. धूम पिचक धूम 

ऊपर जिन गानों का जिक्र है उनमें सुबह कस्बाई थी. जबकि 'धूम पिचक धूम' में सुबह काशी की हो गई. और अब वीडियो में बनारस की गलियां आ गई हैं. नावों को किनारा देते घाट, घाटों पर पूजा पाठ से शुरुआत करते और सुबह को गुलाबी बनाता सूरज साथ में हैं. और प्रेम में अध्यात्म सर्च करने की रिसर्च करते पलाश सेन गा रहे हैं- 'तुम हो मेरी मैं तुम्हारा, छोटा सा संसार हमारा, आगे जाने राम क्या होगा...' 

गाने से वीडियो हटा के सोचिए... पलाश सेन का गाना वही रहेगा. लेकिन इन विजुअल्स के बिना, इन छवियों के बिना गाने का फील कम सा लगने लगेगा. 

बोनस- गंगा बहती हो क्यूं

गंगा से शिकायत करते हुए इस गीत के बोल पंडित नरेंद्र शर्मा के लिखे हुए हैं. भूपेन हजारिका का गाया हुआ ये गीत, समाज के टूटने-बिखरने का एक खेद जताता गीत है. 'सकल समाज' के 'व्यक्तित्व रहित' हो जाने की कहानी वीडियो में प्रदीप सरकार ने जैसे कही है वो देखने लायक है. करीब 6 मिनट लंबे इस वीडियो के विजुअल्स में, प्रदीप सरकार की ट्रेडमार्क सुबहों के मुकाबले बहुत डार्क हैं. 

2010 के आसपास हिंदी में इंडिपेंडेंट म्यूजिक का सीन बदल गया. यूफोरिया जैसे बैंड्स और खूबसूरत म्यूजिक एल्बम आने कम हो गए. प्रदीप सरकार म्यूजिक वीडियो से कहीं आगे बढ़कर एक नामी फिल्ममेकर बन गए. मगर उनके बनाए इन आइकॉनिक म्यूजिक वीडियोज को लोग कभी नहीं भूल सकते. 

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