मेरी मां ने 100 से भी ज्यादा फिल्में की हैं, लेकिन हर कोई पापा की ही बात करता है: नमाशी चक्रवर्ती

मिथुन चक्रवर्ती और योगिता बाली के छोटे बेटे नामाशी चक्रवर्ती ने फिल्म 'बैड बॉय' से बॉलीवुड में डेब्यू किया है. नामाशी मानते हैं कि अक्सर उनसे उनके पिताजी के रिलेशन पर बातचीत होती है. कोई मां का जिक्र नहीं करता है.

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नमाशी चक्रवर्ती नमाशी चक्रवर्ती

नेहा वर्मा

  • मुंबई,
  • 18 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:21 AM IST

मिथुन चक्रवर्ती के बेटे नमाशी चक्रवर्ती की फिल्म 'बैड बॉय' को मिक्स्ड रिव्यू मिले थे. नमाशी की फिल्म अब ओटीटी प्लैटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है, जिसे दर्शकों का बेशुमार प्यार मिल रहा है. इस मुलाकात में नमाशी हमसे ओटीटी के पावर और अपने परिवार के बारे में बातचीत करते हैं. 

'बैड बॉय' जब रिलीज हुई थी, तो उस वक्त कम स्क्रीन मिलने की वजह से फिल्म थिएटर पर खास कमाल नहीं दिखा पाई थी. अब नमाशी को इस बात की तसल्ली है कि ओटीटी पर फिल्म के आ जाने के बाद इसकी पहुंच घर-घर तक जाएगी.ओटीटी रिलीज के फायदे पर बात करते हुए नमाशी कहते हैं, 'मैं मानता हूं कि आज के वक्त में फिल्मों को थिएटर रिलीज मिल जाए, वो ही बड़ी बात होती है. मुझे याद है अप्रैल महीने में मेरी फिल्म सिनेमाघरों पर आई थी. अब फिल्म टीवी और डिजीटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है.' 

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ओटीटी अब सिनेमा थिएटर की तरह बड़ा हो चुका है 

नमाशी आगे कहते हैं, जैसे मेरी फिल्म रिलीज हुई थी, तो थिएटर पर खास नहीं चली थी. अब ओटीटी पर आने के बाद इसकी व्यूवरशिप सौ गुणा ज्यादा बढ़ जाएगी. मैं अब तो थिएटर रिलीज के साथ-साथ इन दोनों की भी महत्व को समझता हूं और मानता हूं कि इससे फिल्म व एक्टर्स दोनों को ही बहुत फायदा होता है. अब तो फिल्मों के थिएटर रिलीज को लेकर डायनैमिक बदलता नजर आता है. पोस्ट कोरोना तो चीजें अब मोबाइल पर सिमटती नजर आने लगी हैं. मैं तो कहूंगा कि ओटीटी और टेलीविजन दोनों ही सिल्वर स्क्रीन की तरह बड़ी हो चुकी है.' 

पापा की वजह से नहीं, बल्कि मेरा काम देखकर लोग कर रहे हैं कॉल

बता दें, पहली फिल्म का ब्रेक मिलने से पहले नमाशी ने हर किसी से अपनी पहचान छिपाकर रखी थी. उन्होंने ऑडिशन के दौरान जाहिर नहीं होने दिया था कि वो लिजेंड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती के बेटे हैं. चूंकि फिल्म अब रिलीज हो चुकी है और लोगों को उनकी पहचान का पता चल चुका है, तो उनके लिए राहें कितनी आसान रही हैं. जवाब में नमाशी कहते हैं,'अब तो राहें पहले से आसान हो गई है. मेरी फिल्म रिलीज हो चुकी है और मेरा काम लोगों के बीच आ चुका है. मैं मानता हूं, दर्शकों से ज्यादा इंडस्ट्री के लोगों का आपका फिल्म देखना जरूरी होता है. फिल्म 28 अप्रैल को रिलीज हुई थी. 30 अप्रैल के बाद मुझे इंडस्ट्री के लोगों से फोन कॉल्स आने लगे. लोग मुझपर भरोसा दिलाने लगे हैं. वो मेरे काम को लेकर वो कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं. इसलिए मैं यह कह सकता हूं कि मेरे लिए चीजें रिलीज के बाद से ज्यादा आसान हुई हैं. मिथुन का बेटा समझकर अगर कॉल करना होता, तो ट्रेलर के बाद ही वो कनेक्ट होते. लेकिन ये वो लोग हैं, जिन्होंने मेरी फिल्म देखने के बाद काम को सराहा है.' 

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काम अच्छा करूंगा, तो लिगेसी बरकरार रहेगी 

पापा के स्टारडम की जिम्मेदारी आपको कंधे पर है. इससे प्रेशर महसूस होता है. नमाशी कहते हैं, 'क्या है न, मुझमें कॉन्फिडेंस बहुत है. मैं ये भी जानता हूं कि मुझमें टैलेंट भी है.अगर लिगेसी का प्रेशर लेकर मैं चलता हूं, तो खुद की पर्सनैलिटी नहीं बना पाऊंगा. मैं हर कदम पर पापा के स्टारडम के बारे में सोचूंगा, तो मेरे निर्णय भी उसी हिसाब से मोल्ड होंगे. मैं सिर्फ इतना मानता हूं कि अच्छे से काम करूंगा और काम इमानदारी से निभाऊंगा, तो लेगिसी बखूबी बरकरार रहेगी.'

उनकी फिल्मों का रीमेक करने की जुर्रत नहीं कर सकता 

क्या नमाशी कभी अपने पापा की किसी फिल्म की रीमेक में नजर आएंगे. जवाब में कहते हैं, 'मैं पापा की आइकॉनिक फिल्मों की रीमेक बनाने की जुर्रत ही नहीं करूंगा. हां, मैं चाहता हूं कि उनकी कुछ कम पॉप्युलर  फिल्में परमात्मा, प्रेम प्रतिज्ञा, ऐसी फिल्में जो मुझे बहुत पसंद है. मैं उनकी फिल्मों का रीमेक करना चाहूंगा.' 

मां के बारे में किसी ने बात नहीं की 
पापा संग बॉन्डिंग पर नमाशी ने हमेशा बातचीत की है, लेकिन मां संग इक्वेशन पर नमाशी कभी नहीं बोले हैं. इस नमाशी कहते हैं,'लोग अक्सर मुझे पापा से ही असोसिएट करते हैं, कभी किसी ने मां का जिक्र किया ही नहीं. जबकि वो भी अपने जमाने की बेहतरीन अदाकारा रह चुकी हैं. लोग पापा सेंट्रीक हो जाते हैं. मेरी मां के साथ रिलेशन खास रहा है. वो हमारे परिवार को जोड़कर रखती हैं.'

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मां की जोड़ी पापा संग ही अच्छी लगती है 

अपनी मां के काम को कितना फॉलो किया है. इसके जवाब में नमाशी कहते हैं,'मैंने उनकी कुछ फिल्में देखी हैं, लेकिन वो बहुत शर्मिंदा हो जाती हैं और मुझसे कहती हैं कि मेरी फिल्में मत देखा करो. 70 से मिड 80 के बीच उन्होंने सौ से भी ज्यादा फिल्में की हैं. मुझे उनकी अजनबी, बेशक जैसी फिल्में पसंद हैं. मैं पापा के साथ ही उन्हें स्क्रीन पर देख पाता हूं जहां कोई दूसरा हीरो आता है, तो थोड़ा बुरा लगता है. पापा को मैंने पूरी जिंदगी एक्ट करते देखा है. मां को स्क्रीन पर देखना थोड़ा अजीब लगता है.'

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