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जब जोगीरा सारा रा के डायरेक्टर कुशान नंदी को मिली थी धमकी, 48 कट्स रखो, वर्ना पूरी फिल्म बैन कर दूंगा

फिल्म जोगीरा सारा रा के डायरेक्टर कुशान नंदी और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जुगलबंदी कमाल की रही है. कुशान इस मुलाकात में हमसे नवाज संग अपनी ट्यूनिंग और फिल्म की चर्चा करते हैं.

कुशान नंदी कुशान नंदी
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 25 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

डायरेक्टर कुशान नंदी की फिल्म जोगीरा सारा रा इस वीकेंड सिनेमा थिएटर पर आने वाली है. बता दें, फिल्म को रिलीज के दो हफ्ते पहले रिलीज होनी थी लेकिन द केरला स्टोरी के चले तूफान और एक साथ रिलीज हो रही कई फिल्मों की वजह से कुशान ने यह डिसीजन लिया था. 

आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान कुशान बताते हैं, जब फिल्में पोस्टपोन होकर आगे के डेट्स में बढ़ जाती है, तो फाइनैंसियल भी इसका नुकसान तो झेलना पड़ता है. एक्स्ट्रा बढ़े हुए हफ्तों की मार्केटिंग पर पैसे खर्च होते हैं. बजट पर इसका फर्क पड़ता ही है.  

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केरल स्टोरी ने लेट कराई रिलीज? 

जब हमने जानना चाहा कि क्या वाकई में फिल्म के खिसकाए जाने की वजह केरल स्टोरी रही, तो जवाब में कुशान कहते हैं, देखिए केवल केरल स्टोरी होती, तो बात अलग थी लेकिन उस समय बहुत सी फिल्में रिलीज हो जा रही थी. मैं वो शब्द बोलना नहीं चाहता हूं लेकिन एकदम से कचड़ा वाली स्थिती हो गई थी. इतनी फिल्में एक साथ आ गई थी कि हमें मजबूरन इस फिल्म को खिसकाना पड़ा था. ऑडियंस भी जाहिर सी बात से कंफ्यूज्ड हो जाती, इसलिए यह डिसीजन लिया था. 

नवाज का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है 
 
बता दें, कुशान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जोड़ी जोगीरा सारा रा से पहले बाबुमोशाय बंदूकबाज में साथ नजर आई थी. नवाज संग खुद की बॉन्डिंग पर कुशान कहते हैं, हां, हम दोनों का कंफर्टेबल जोन बढ़ा है. जब शूट होता था, तो हम एक दूसरे के इशारों से ही समझ जाते थे कि काम परफेक्ट तरीके से हुआ है या नहीं. नवाज के साथ काम करते हुए मैंने पाया है कि उनका सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है. उनमें एक बचपना है, जो कभी एक्सप्लोर हुआ नहीं है. इसी बीच मुझे राइटर गालिब असद भोपाली जी ने कहानी सुनाया कि एक मैरिज करानेवाला जो लड़का है, वो खुद शादी पर यकीन नहीं करता है. मैंने जब नवाज को यह कहानी सुनाई, तो उनको बड़ा पसंद आया था. वो इस आइडिया से काफी खुश थे. 

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नवाज की इंटेंस एक्टर वाली रही है. ऐसे में कॉमिडी रोल के साथ उन्हें एक्सप्लोर करने का रिस्क भारी नहीं पड़ सकता है. जवाब में कुशान कहते हैं, हो सकता है लेकिन अगर इसका रिस्क नहीं लिया जाए, तो फिर क्रिएटिवली अलग कैसे होंगे. मैं नवाज को एक्टर से कहीं ज्यादा जान चुका हूं. मुझे उनके ह्यूमर साइड को दर्शकों के सामने लाना था. इससे ज्यादा मजेदार बात तो कुछ और हो ही नहीं सकती थी. वहां नवाज भी इंटेंस किरदारों से अलग हटकर करना चाह रहे थे. नवाज की एक खासियत यह भी है कि वो इतने अच्छे एक्टर हैं कि किसी भी रोल में ढल जाते हैं. मैं इस बात को लेकर निश्चिंत था. अब जो इंसान कट्टा और भाला लेकर दौड़ता रहे, वो शेरवानी और फुल लेकर जा रहा हो, तो उसे देखने में कितना मजा आएगा. असल जिंदगी में नवाज रोमांटिक भी है, जिससे हर कोई वाकिफ नहीं है. 

मैं तो पूरी फिल्म बैन कर दूंगा, जब बोले पहलाज निहलानी

कुशान नंदी की पिछली फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज को रिलीज के पहले कई तरह के विवादों का सामना करना पड़ा था. फिल्मों में सेंसर बोर्ड की दखलअंदाजी, एक्ट्रेस का बीच में छोड़कर चले जाना जैसी चीजों को झेल चुके कुशान कहते हैं, मेरी फिल्म जब बाबूमोशाय ने भी द केरल स्टोरी की तरह कई तरह की निगेटिविटी का सामना किया था. मैं मानता हूं कि हम क्रिएटर्स का काम केवल आर्ट को क्रिएट करना होता है. हमारी इमैजिनेशन में किसी तरह की बाउंड्री नहीं होनी चाहिए न किसी को डालनी चाहिए. सोशल और पॉलिटिकल बंधनों से इसे परे रखना चाहिए. मेरी फिल्म बाबुमोशाय को 48 कट्स के साथ ए सर्टिफिकेट दिया गया था. जिसका लॉजिक मुझे समझ नहीं आया था. मतलब अब एडल्ट कैटिगरी में भी सेंसरशिप वाली बात कहां से आ गई थी. ये ऐसे बचकाने कट्स थे, जिसे देखकर हंसी भी आ जाए. जब मैं पहलाज निहलानी जी से मिला था, तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि ये तो अच्छा है 48 कट्स हैं वर्ना मैं तो पूरी फिल्म बैन कर दूंगा. केरल स्टोरी को जब थिएटर पर बैन का रोक लगा, तो मुझे गुस्सा आया कि आप कैसे किसी फिल्म को बैन कर सकते हैं. आपको कोई हक नहीं बनता. 

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चित्रांगदा ने क्यों छोड़ी फिल्म? 

चित्रांगदा के बीच में फिल्म छोड़ने पर भी कुशान कहते हैं, वो मामला मीडिया में बहुत गलत तरीके से प्रोजेक्ट किया गया था. दरअसल जो इश्यू को उछाला गया था, जो बात सामने आई थी, वो कभी हुआ ही नहीं. चित्रांगदा ने बोल्ड सीन्स की वजह से फिल्म नहीं छोड़ी थी. मुझे याद है मैं नवाज और चित्रांगदा तीनों एक लंबे समय तक स्क्रिप्ट पर बैठकर बात कर रहे थे. दरअसल वो फिल्म का क्लामैक्स बदलना चाहती थी. उन्हें बोल्ड सीन्स से तो कोई परहेज था ही नहीं, बल्कि उन्होंने सारे सीन तो शूट कर लिए थे. मैं उस वक्त बोल नहीं पा रहा था क्योंकि मैं क्लाइमैक्स सीन्स को रिवील नहीं कर सकता था. हमारे देश में यह समस्या भी है कि हर वक्त विक्टिम का सुना जाता है. बहुत झूठ तरीके से बातें रखी गई थी. खैर उस बात पर दोबारा जाना नहीं चाहता क्योंकि मेरा पूरा फोकस अभी जोगीरा सारा रा पर है. 

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