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पीछे मुड़कर देखती हूं, तो सोचती हूं कि काश... ये नहीं किया होता, क्यों बोलीं नीना गुप्ता?

सोशल मीडिया पर अक्सर नीना गुप्ता ट्रोल होती रही हैं. इस पर रिएक्ट करते हुए कहती हैं- मैं मानती हूं कि जीवन जीना बहुत कठिन है, एक वो गाना है न, भगवान दो घड़ी जरा इंसान बनकर देख.. धरती पर चार दिन का मेहमान बनकर देख, तब पता चलेगा.., ऐसे वक्त में मुझे लगता है कि सबको हंसते-हंसते जवाब दे दो. इतना रूड नहीं हों कि आपकी बात किसी को चुभे.

नीना गुप्ता नीना गुप्ता
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 16 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

नीना गुप्ता बॉलीवुड में राज कर रही हैं. 63 साल की नीना के पास कई बड़े ऑफर्स हैं. करियर की ऊंचाई पर पहुंचीं नीना गुप्ता ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. लेकिन ऐसा क्या ड्राइविंग फोर्स रहा जिसने उन्हें कभी टूटने नहीं दिया. नीना गुप्ता ने अब अपने करियर और लाइफ को लेकर कई बातें साझा की हैं, जिन्हें जानकर आप भी इंस्पायरिंग फील करेंगे.

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अपनी सक्सेस को एन्जॉय कर रहीं नीना

नीना गुप्ता बोलीं- ये मुंबई शहर जो है न, वो उम्मीद की नगरी है. कभी लगता है कि चलो वापस जाते हैं, मैं कोई टीचिंग कर अपना दूसरा करियर बना लूंगी लेकिन फिर खुद ही लगता है कि कल कुछ तो अच्छा होगा. मेरे करियर के साथ भी ऐसा ही हुआ, जब-जब हिम्मत टूटी और सोचा चली जाऊं, तो काम आते गए. इसलिए इतने सालों तक जमी भी रही. आज जो बधाई हो के बाद जो मेरी किस्मत बदली है, उसे इंजॉय कर रही हूं. मिलने में बहुत देरी हुई लेकिन मिला तो सही, ये भी कईयों को नसीब नहीं है. मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं. मैं अब अपना खूब ध्यान रखती हूं ताकि मेरे पास अच्छे काम और आए. मैं इस वक्त को दिल से इंजॉय कर रही हूं. 

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एक वक्त फिल्मों में साइड किरदार कर अपना करियर चलाने वाली नीना को देखकर फिल्में तैयार की जा रही हैं. इस सक्सेस पर नीना कहती हैं- बहुत इंट्रेस्टिंग रोल्स मिल रहे हैं. मैं उसके प्रति पूरी मेहनत और ईमानदारी भी निभा रही हूं. कई बार रात को शूट करने में तकलीफ होती है, दो बजे काम करने के बाद एनर्जी खत्म हो जाती है लेकिन मैंने ठान ली है कि मैं रूकने वाली नहीं हूं. कोई काम ऐसा नहीं है जिसे नहीं कर सकती. मैं वही सब्जेक्ट्स को हां कर रही हूं, जो मेरे मन को अच्छे लग रहे हैं. करियर के पहले पैसों के लिए दिमाग से बहुत डिसाइड किया है. अब जब फाइनैंसियल स्टेबल हूं, तो अब केवल दिल को पसंद आने वाले प्रोजेक्ट्स ही सिलेक्ट कर रही हूं. 
इस पूरे करियर की जर्नी का आत्ममंथन करती हैं, तो किस तरह के इमोशन होते हैं.

नीना आगे कहती हैं- हां, बहुत वक्त आता है, जब मैं अपनी जर्नी के बारे में सोचती हूं. तो कई काश से घिर जाती हूं.. कि काश ये नहीं किया होता, काश उस फिल्म से नहीं जुड़ती. पर अब वो गया, क्योंकि उस वक्त वही होना था. दो मिनट के लिए दुख भी होता है, बुरा भी लगता है. फिर मैं आगे बढ़ती हूं और मौजूदा वक्त को देखती हूं, तो तसल्ली मिलती है. आज तो बड़े सारे लेक्चर देते हैं न कि आपको अपने अंदर ही खुशी ढूंढनी होगी. मैं कैसे ढूंढ कर लाऊं वो हैप्पीनेस. मैं तो अब यही करती हूं कि कोई बुरा ख्याल आता या डिप्रेस होती हूं, तो खाना बनाने लग जाती हूं. खुद के लिए डिश बनाती हूं. मैं सबसे यही कहना चाहूंगी कि उतार-चढ़ाव जिंदगी का हिस्सा है, उसे हटाने के लिए आपको ही रास्ता अख्तियार करना होगा.  

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ट्रोलिंग पर क्या बोलीं नीना गुप्ता?

सोशल मीडिया पर अक्सर नीना ट्रोल होती रही हैं. इस पर रिएक्ट करते हुए कहती हैं- मैं मानती हूं कि जीवन जीना बहुत कठिन है, एक वो गाना है न, भगवान दो घड़ी जरा इंसान बनकर देख.. धरती पर चार दिन का मेहमान बनकर देख, तब पता चलेगा.., ऐसे वक्त में मुझे लगता है कि सबको हंसते-हंसते जवाब दे दो. लेकिन इतना रूड नहीं हों कि आपकी बात किसी को चुभे. उन्हें गाली देकर मुझे क्या फायदा मिलने वाला है, कुछ भी तो नहीं. इसलिए मैं बड़े प्यार से चीजों को हैंडल करती हूं. मैं सोशल मीडिया पर कभी स्मार्ट बनने की कोशिश नहीं करती हूं. क्योंकि लोग बेवकूफ नहीं है, वो समझ जाते हैं. अपने अंदर के पॉजिटिवटी को बरकरार रखने के लिए निगेटिव कमेंट्स को इग्नोर कर देती हूं. 

बॉक्स ऑफिस के चल रहे इस बुरे दौर पर नीना रिएक्ट करते हुए कहती हैं- कई बार जिंदगी में भी एक फेज आता है, जब कुछ भी वर्क नहीं कर रहा होता है. यह एक गुजरता वक्त है. आप देखो, कोविड के दौरान लोगों ने कितनी तकलीफें सही हैं. कितनी जानें गई हैं. कितने लोगों के बिजनेस बंद हो गए,उनके पास खाने तक के पैसे नहीं रहे हैं. अगर चार फिल्में नहीं चलीं, तो आठवीं चल जाएगी. धीरे-धीरे माहौल बदलेगा. हमें इतना उतावला नहीं होना चाहिए. हम एक नर्क से गुजर के बाहर निकले हैं. हम लकी हैं कि हमारे पास पैसे या रहने को घर हैं लेकिन आप वैसे लोगों को देखें, जिनका सबकुछ बर्बाद हो गया है. तो उसके बाद तुरंत एक्सेप्ट न करें कि सबकुछ अच्छा हो जाएगा. थोड़ा सा वक्त दें. 

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हां, इस माहौल में ज्यादा किसी को क्रिटिसाइज नहीं करना चाहिए. हां, मुझे याद है केतन मेहता ने बहुत सालों पहले एक बात कही थी. वो फिल्म देखकर निकल रहे थे, तो हमारे बीच कोई तीसरा आकर बोलने लगा कि हाय कितनी गंदी फिल्म है. तो उन्होंने कहा कि ऐसे मत बोलो, आप ये कहो कि मुझे ये फिल्म अच्छी नहीं लगी. ये कौन कहता है कि फिल्म गंदी है. कोई गंदी फिल्म बनाने के लिए थोड़े न काम करता है. 

 

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