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ओम शांति ओमः 'मंदाकिनी' तक बनने को तैयार थे शाहरुख, शर्टलेस देखकर फराह कर देती थीं उल्टियां!

'ओम शांति ओम' के गाने 'दर्द-ए-डिस्को' में शाहरुख खान के 6-पैक ऐब्स देखकर आज भी उनके चाहने वालों को कुछ कुछ होता है, जिसे शायद आम पब्लिक नहीं समझेगी! लेकिन इधर गाने के शूट के लिए इधर शाहरुख शर्ट उतारते थे, उधर डायरेक्टर फराह खान को उल्टी आ जाती थी. फिल्म को 15 साल होने पर, आइए बताते हैं इस गाने की दिलचस्प बातें.

'ओम शांति ओम' में शाहरुख खान 'ओम शांति ओम' में शाहरुख खान
सुबोध मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 09 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

फिल्म इंडस्ट्री में शाहरुख खान के सबसे करीबी दोस्तों में से एक, मशहूर कोरियोग्राफर फराह खान, 2004 में फिल्म 'मैं हूं न' से डायरेक्टर बन गई थीं. पहली फिल्म में उन्होंने अपने दोस्त को हीरो लिया था, और शाहरुख को एक ऐसी हिट फिल्म मिली, जो एक नई जेनरेशन के लिए उनकी सबसे पॉपुलर फिल्मों में से एक बन गई.

अब बारी थी उनके दूसरे प्रोजेक्ट 'हैप्पी न्यू ईयर' की. रिपोर्ट्स आईं कि इसमें भी शाहरुख हीरो होने वाले हैं. मगर शाहरुख ने तो फराह की स्क्रिप्ट का पहला ड्राफ्ट ही रिजेक्ट कर दिया. इसके बाद फराह उनके पास एक नई कहानी लेकर पहुंचीं, जो उन्हें लंदन में एक म्यूजिकल देखकर सूझी थी. एक इंटरव्यू में फराह ने बताया कि उन्हें लगा उस म्यूजिकल में बॉलीवुड का एक बहुत आउटडेटेड वर्जन दिखाया गया है.

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फराह ने इस नई कहानी में 70s का फिल्मी दौर दिखाने का सोचा, क्योंकि उनके हिसाब से इस दौर में बनी फिल्में लोगों को बहुत प्रभावित करने वाली थीं. नई कहानी का टाइटल था 'ओम शांति ओम'. हालांकि बाद में 'हैप्पी न्यू ईयर' भी बनी, लेकिन आज बात करते हैं 9 नवंबर 2007 को रिलीज हुई 'ओम शांति ओम' की. 

फराह खान और शाहरुख खान

एक बेहतरीन म्यूजिक एल्बम और 'दर्द-ए-डिस्को' 
बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन म्यूजिक कम्पोजर्स में से एक, विशाल-शेखर की जोड़ी ने 'ओम शांति ओम' के गाने बनाए और लिरिक्स लिखे जावेद अख्तर ने. हालांकि, केके के गाए 'आंखों में तेरी' के लिरिक्स कम्पोजर विशाल ददलानी ने खुद लिखे, जिसके लिए उन्हें 'बेस्ट लिरिसिस्ट' का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला. मगर उस साल ये अवार्ड दो लोगों को एकसाथ दिया गया. 'ओम शांति ओम' के 'मैं अगर कहूं' के लिए ही जावेद साहब को भी विशाल के साथ अवार्ड दिया.

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इन्हीं दोनों गानों के लिए केके और सोनू निगम ने भी 'बेस्ट प्लेबैक' सिंगर का अवार्ड शेयर किया. इसी फिल्म के लिए जावेद साहब का लिखा, और राहत फतेह अली खान का गाया 'जग सूना सूना लागे भी बहुत पॉपुलर हुआ. लेकिन इन तीन सदाबहार टाइप गानों के बावजूद, 'ओम शांति ओम' के जिस गाने की चर्चा सबसे ज्यादा हुई, वो था 'दर्द-ए-डिस्को'. जिसके लिरिक्स को बेतुका, अजीब और मीनिंगलेस जैसे विशेषणों से नवाजा गया. अगर आपको कोई शक हो तो फिर से कन्फर्म कर दें कि सुखविंदर सिंह के गाए 'दर्द-ए-डिस्को' के लिरिक्स भी जावेद अख्तर ने ही लिखे थे.

लोग हैरान थे कि 1999 को छोड़कर, 1996 से लेकर 2001 तक 'बेस्ट लिरिक्स' के लिए 5 नेशनल अवार्ड जीतने वाले जावेद साहब ने ये क्या लिख डाला?! हालांकि, उसी गाने में उन्होंने जिंदगी में इश्क के बीत चुके खूबसूरत दौर के लिए ये भी लिखा कि 'फ़स्ल-ए-गुल थी, गुलपोशियों का मौसम था... हम पर कभी सरगोशियों का मौसम था.' मगर 'दर्द-ए-डिस्को' का बुखार जहां युवा फैन्स के दिल पर चढ़ रहा था, वहीं समझदारी के चौकीदार लोगों के दिमाग पर. और उसपर गाने में शाहरुख की धांसू बॉडी अलग कहर ढा रही थी. जिम में घंटों लोहा गर्म करके तराशी हुई बॉडी और 6-पैक ऐब्स. 

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'दर्द-ए-डिस्को' में शाहरुख खान ने 6 पैक ऐब्स

'दिल से' में किया शाहरुख का वादा 
'दर्द-ए-डिस्को' शाहरुख का पहला गाना नहीं है जिसमें कैमरा उनकी बॉडी से इश्क करता नजर आ रहा है. 1998 में मणिरत्नम की फिल्म 'दिल से' का गाना 'जिया जले' देखिए. सिनेमा जीनियस मणिरत्नम की नजर से 'सेंसुअल' शब्द की परिभाषा आपको इस गाने में मिलेगी. इस गाने के शूट का भी एक मजेदार किस्सा है. 'दिल से' की कोरियोग्राफर फराह खान ही थीं. कुछ साल पहले फराह ने एक बातचीत में बताया था कि उन्होंने 25 साल में एक ही बार शाहरुख को शूट से गायब देखा है, 'जिया जले' के शूट के दौरान.

फराह ने शाहरुख को कहा था कि गाने में जो वाटरफॉल का सीक्वेंस है, उसके लिए उन्होंने एक सफेद धोती मंगाई है, और उसे पहनकर शाहरुख को पानी से बाहर आना है. 'उन्होंने कहा कि वो रास्ता भटक गए थे और तब गूगल मैप्स भी नहीं हुआ करते थे. हम केरल के जंगलों में शूट कर रहे थे' फराह ने बताया. ऐसा बताया जाता है कि शाहरुख 'दिल से' के शूट पर ही फराह को कहा था कि वो अब अगली बार उसी फिल्म में अपने ऐब्स दिखाएंगे, जिसकी डायरेक्टर फराह होंगी. 'मैं हूं न' में तो ऐसा कोई गाना फराह ने शाहरुख से नहीं करवाया, लेकिन 'ओम शांति ओम' में उन्हें ये मौका मिला. 

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'जिया जले' गाने में शाहरुख और प्रीति जिंटा

'जिया जले' में जिस दिन शाहरुख गायब हुए, उस दिन उन्हें मल्लखम्ब भी परफॉर्म करना था, जो कि फिर नहीं किया गया. 2013 के एक इंटरव्यू में शाहरुख ने फराह से फिर एक वादा किया इस शिकायत को दूर करने का. शाहरुख बोले, 'फ़िक्र मत करो फराह, तुम्हारी अगली फिल्म के लिए, मैं मल्लखम्ब करने का वादा करता हूं. अगर तुम मुझे इसके लिए वाइट कपड़े पहनाओगी, मैं तुम्हारे लिए मंदाकिनी भी बन जाऊंगा और तुम्हें शूट के लिए 4 दिन भी दूंगा.' 

शाहरुख की बॉडी देखकर फराह को आईं उल्टियां 
'दर्द-ए-डिस्को' में शाहरुख की बॉडी देख जिम जाने वाले अच्छे-अच्छे लड़के हैरान थे, क्योंकि गाने के शूट के समय शाहरुख की उम्र 41 साल थी. लेकिन जिस बॉडी को देख के बाकी बॉलीवुड हीरो रश्क कर रहे थे, उसे कैमरे पर उतराने वालीं डायरेक्टर फराह खान को उल्टियां आ रही थीं. 2017 के एक इंटरव्यू में फराह खान ने फिल्म कम्पैनियन से बात करते हुए बताया था, 'ओम शांति ओम के शूट के एंड तक आते आते मैं प्रेग्नेंट हो गई थी और हमें अभी भी दर्द-ए-डिस्को शूट करना था. तो जितनी बार शाहरुख अपनी शर्ट उतारते, मुझे सेट पर रखी एक बाल्टी में उल्टी करनी पड़ती! मुझे उन्हें यकीन दिलाना पड़ता कि ये रिएक्शन उनकी बॉडी देखकर नहीं आ रहा, जो कि शानदार लग रही थी.' 

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'दर्द-ए-डिस्को' का एक्स रे टेस्ट 
तो बात वापिस गाने के लिरिक्स पर ले आते हैं, जहां 'दर्द-ए-डिस्को' लिखने पर कलमची लोग जावेद अख्तर से खफा थे. बाद के एक इंटरव्यू में जावेद साहब ने कहा, 'ओम शांति ओम' में जो 'फिल्म के अंदर फिल्म' थी, उसमें दिखाया गया कि हीरो इस बात पर जोर दे रहा है कि स्टेज पर उसके गाने और डांस करने के लिए एक अजीब गाना कम्पोज किया जाए. गाना लिखते हुए मुझे खुद को याद दिलाना पड़ता था कि ये गाना शाहरुख नहीं बल्कि उस किरदार के लिए है जो शाहरुख निभा रहे हैं.'

गाने से पहले का सीन याद कीजिए, सुपरस्टार ओम कपूर (शाहरुख) अपनी फिल्म के डायरेक्टर पर जोर दे रहा है कि उसके लिए एक आइटम नंबर रखा जाए, उसी से फिल्म चलेगी. जबकि डायरेक्टर बता रहा है कि उसका किरदार न देख सकता है, न बोल सकता है, न सुन सकता है और उसे और भी कई समस्याएं हैं. 'हाथ, पांव, आंख, कान, मुंह नहीं है जिसको... कैसे करेगा डिस्को?' इस पर हीरो कहता है- 'ड्रीम सीक्वेंस में, उसमें सब हो सकता है.'

यानी फिल्म के अंदर चल रही इस फिल्म में शाहरुख का किरदार सपने में 'दर्द-ए-डिस्को' परफॉर्म कर रहा है. और इस गाने में शाहरुख को देखने के बाद वो बहुत लोगों के ड्रीम्स में आने लगे. 'दर्द-ए-डिस्को' को कोई शाहरुख के फिल्म करियर के सबसे बेहतरीन गानों में भले न गिने, लेकिन ये उनके सबसे बेहतरीन फिल्मी मोमेंट्स में से एक था. शाहरुख-फराह की ये फिल्म खुद बॉलीवुड की पैरोडी की तरह थी और अगर इसे लेकर कोई दिमाग खर्च करने वाले चिंतन और चर्चाएं करता है तो एक ही बात कही जा सकती है- ओम शांति ओम!

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