Advertisement

पॉलिटिकल प्लॉट, कंट्रोवर्सी और एक्टिंग करियर का दांव... कंगना की 'इमरजेंसी' कर पाएगी कमाल?

कंगना का फिल्मी रिकॉर्ड धीरे-धीरे फीका पड़ता जा रहा है और ऐसे में 'इमरजेंसी' उनके लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. इस फिल्म पर उनके एक्टिंग करियर और उनकी फैन फॉलोइंग को बचाने का दांव टिका हुआ है. कैसे? आइए बताते हैं...

'इमरजेंसी' के पोस्टर में कंगना रनौत 'इमरजेंसी' के पोस्टर में कंगना रनौत
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 17 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

पिछले कुछ वक्त में अपने पॉलिटिकल करियर की वजह से खबरों का हिस्सा रहीं कंगना रनौत, फाइनली दो साल बाद बतौर एक्ट्रेस बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं. उनकी फिल्म 'इमरजेंसी' तमाम विवादों और सेंसर बोर्ड की कैंची के नीचे से निकलकर रिलीज के लिए तैयार है. लेकिन थिएटर्स में कंगना की राह अभी भी आसान नहीं होने वाली. 

Advertisement

कंगना की फिल्म 'इमरजेंसी', भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की बायोपिक है. एक दिलचस्प बात ये है कि कंगना खुद एक रियल लाइफ पॉलिटिशियन हैं और फिल्म में भी एक रियल राजनीतिक शख्सियत का किरदार निभा रही हैं. लेकिन कंगना का फिल्मी रिकॉर्ड धीरे-धीरे फीका पड़ता जा रहा है और ऐसे में 'इमरजेंसी' उनके लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. इस फिल्म पर उनके एक्टिंग करियर और उनकी फैन फॉलोइंग को बचाने का दांव टिका हुआ है. कैसे? आइए बताते हैं... 

कंगना की धाकड़ एक्टिंग देखने का इंतजार 
2006 में जब कंगना ने फिल्म 'गैंगस्टर' से बॉलीवुड में कदम रखा था, तभी से उन्हें एक दमदार परफॉर्मर माना जाता है. अपनी पहली ही फिल्म से कंगना ने 2006-07 में ऑलमोस्ट हर बड़े बॉलीवुड अवॉर्ड्स में 'बेस्ट एक्ट्रेस' या 'बेस्ट डेब्यू' का अवॉर्ड जीता था. 

Advertisement

'वो लम्हे', 'लाइफ इन अ मेट्रो' और 'क्वीन' जैसी फिल्मों से उन्होंने लगातर जनता को इम्प्रेस करना जारी रखा. 2009 में कंगना ने 'लाइफ इन अ मेट्रो' के लिए अपना पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीता था. उनका पहला अवॉर्ड 'बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस' के लिए था, लेकिन फिर 2015-16 में उन्होंने 'क्वीन' और 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' के लिए बैक टू बैक सीधा 'बेस्ट एक्ट्रेस' कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड जीते. उन्होंने आखिरी बार 'पंगा' और 'मणिकर्णिका' के लिए 2021 में नेशनल अवॉर्ड जीता था. 

ये शायद वो आखिरी दो फिल्में भी हैं जिन्होंने कंगना के एक्टिंग टैलेंट को बड़े पर्दे पर निखरकर आने का मौका दिया था, खासकर 'पंगा'. इसके बाद आई उनकी हिंदी फिल्मों 'धाकड़' और 'तेजस' में जनता ने इतनी दिलचस्पी ही नहीं ली कि उनका काम नोटिस किया जाए. ऐसे में धीरे-धीरे कंगना को लोग अब पॉलिटिशियन की नजर से ही देखने लगे हैं और उनका बेहतरीन एक्टिंग टैलेंट नजरों से दूर होता जा रहा है. 

'इमरजेंसी' पर जमकर हुए हैं विवाद 
कंगना की ये फिल्म सबसे पहले अक्टूबर-नवंबर 2023 में रिलीज होने वाली थी. लेकिन इसे टाल दिया गया और जून 2024 के लिए शिड्यूल किया गया. लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते फिल्म को टालने का फैसला लिया गया क्योंकि कंगना खुद भी पॉलिटिक्स में आ चुकी थीं और मंडी, हिमाचल से चुनाव लड़ रही थीं. फाइनली 6 सितंबर फिल्म की फाइनल रिलीज डेट तय की गई. लेकिन रिलीज से कुछ ही दिन पहले कंगना ने सोशल मीडिया पर बताया कि सेंसर बोर्ड उनकी फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दे रहा. 

Advertisement

दूसरी तरफ, सिख समुदाय पर अपने पुराने बयानों के लिए विवादों में रही कंगना की फिल्म का विरोध पंजाब में शुरू हो गया. केवल पंजाब ही नहीं, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में भी सिख संगठनों ने फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और इसपर बैन की मांग करने लगे. इधर, 'इमरजेंसी' के मेकर्स ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 

कोर्ट के दखल देने के बाद ये सामने आया कि फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट इशू हो गया था, लेकिन ये मेकर्स को नहीं दिया गया क्योंकि सिख संगठन फिल्म को लेकर आपत्ति कर रहे थे. अक्टूबर, 2024 में कंगना ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि अब फाइनली उनकी फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है. तब जाकर 'इमरजेंसी' जनवरी, 2025 के लिए शिड्यूल हुई. 

पॉलिटिकल बायोपिक्स का बुरा हाल 
पॉलिटिकल चेहरों पर बनी बायोपिक फिल्मों का बॉलीवुड में बुरा हाल चल रहा है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की 'ठाकरे', रणदीप हुड्डा की 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर' और पंकज त्रिपाठी स्टारर 'मैं अटल हूं' जैसी फिल्में चर्चा में रहने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह नाकाम रही हैं. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे.जयललिता की बायोपिक 'थलाइवी' का भी बॉक्स ऑफिस पर बुरा हाल हुआ था, जिसमें खुद कंगना रनौत ही लीड थीं. 

Advertisement

जिन फिल्मों में थोड़ा भी पॉलिटिक्स का स्वाद छुपा है, जनता उन्हें लेकर खास एक्साइटिंग नहीं नजर आती. ऐसी फिल्में तभी चलती हैं जब उनके प्लॉट में ऐसा पॉलिटिकल एंगल हो जो रियल लाइफ में भी बहुत विस्फोटक रहा है. जैसे- 'द कश्मीर फाइल्स', 'द केरला स्टोरी' या 'आर्टिकल 370'. ऐसे में जनता को इम्प्रेस करना 'इमरजेंसी' के सामने एक बड़ा चैलेन्ज होगा.   

एक दशक से कोई हिट नहीं दे सकीं कंगना 
'क्वीन' और 'तनु वेड्स मनु' की कामयाबी ने एक स्टार एक्ट्रेस के तौर पर कंगना का नाम मजबूत कर दिया था. उन्हें उन एक्ट्रेसेज में गिना जाने लगा था जो बिना स्टार हीरो के, सिर्फ अपने दम पर हिट्स जुटा सकती हैं. कंगना की आखिरी बड़ी फिल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' थी, जो 2015 में आई थी. 150 करोड़ कमाने वाली इस फिल्म के बाद से कंगना की कोई फिल्म बड़ी हिट नहीं बन सकी है. 

2019 में कंगना ने रानी लक्ष्मीबाई की बायोपिक 'मणिकर्णिका' में ना सिर्फ लीड रोल किया था, बल्कि इसकी को-डायरेक्टर भी थीं. ये उनका डायरेक्टोरियल डेब्यू भी था. इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड करीब 130 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन किया था. मगर दिक्कत ये थी कि ये फिल्म भी महंगी थी और इसका रिपोर्टेड बजट 100 करोड़ रुपये के करीब था. इसलिए 'मणिकर्णिका' को एक एवरेज कलेक्शन वाली फिल्म माना जाता है. यानी पिछले 10 सालों से कंगना को एक सॉलिड हिट नहीं मिली है. वो भले एक दमदार परफॉर्मर हैं लेकिन एक लीड एक्टर के लिए अपने दम पर फिल्म का बजट रिकवर करवाना भी जरूरी होता है. 

Advertisement

एक तो कंगना का बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड डिस्टर्ब हुआ जा रहा है, ऊपर से पॉलिटिक्स में आना भी उनके एक्टिंग करियर के लिए एक स्पीड-ब्रेकर बन रहा है. पॉलिटिकल इमेज की साथ एक एक्टर को मिलने वाली फिल्मों और किरदारों पर भी एक लिमिट लग जाती है. मेकर्स को किसी पॉलिटिकल चेहरे को अपनी फिल्म में कास्ट करना रिस्की लगता है क्योंकि इससे प्रोजेक्ट पर अटेंशन बढ़ जाती है, जो गैरजरूरी विवादों की जड़ भी बन जाती है. ऐसे में 'इमरजेंसी' के लिए ये एक बड़ा इम्तिहान है कि ये फिल्म कंगना के एक्टिंग करियर लिए क्या कमाल करती है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement