
एक ओर जहां बॉलीवुड के कई टॉप एक्टर्स हर महीने अपनी किसी न किसी नई फिल्म का ऐलान कर रहे होते हैं, तो वहीं आर माधवन ने रॉकेटरी फिल्म को बनाने में पूरे सात साल का समय दिया है. माधवन ने इस फिल्म को अपने सात साल दिए हैं हालांकि बॉक्स ऑफिस को लेकर वो चिंतित नजर नहीं आते. उनका कहना है कि मैं आराम से सोता हूं, मुझे जो करना था, वो कर दिया है. इन सब चीजों को लेकर मैं अब नहीं सोचता.
फिल्म के लिए अपनी तैयारी पर माधवन ने कहा, मैंने जब नांबी नारायण के बारे में सुना तो उनकी कहानी को ध्यान में रखते हुए मेरे जेहन में ये बात आई कि जेम्स बॉन्ड की चीप मूवी बनाऊंगा. लगभग सात महीने स्क्रिप्ट पर काम करने के बाद उनसे मिला, तो उस मुलाकात में उनके प्रति मेरा नजरिया ही बदल गया. मैंने दोबारा स्क्रिप्ट का ड्राफ्ट बनाया, जिसे बनाने में मुझे लगभग दो साल लग गए. उस फाइनल स्क्रिप्ट के साथ हमने शूटिंग शुरू की. उस वक्त जब भी किसी प्रोड्यूसर के पास जाता, तो बिना एक्शन, बिना हीरोइन की स्क्रिप्ट पर उसका रिएक्शन यही होता कि फिल्म नहीं चलेगी. कोई डायरेक्टर भी नहीं मिल रहा था. तो मैंने ही सारी जिम्मेदारी अपने सिर पर उठा ली.
माधवन ने खुद को नंबी नारायण दिखाने के लिए काफी मेहनत की है. न केवल अपना वजन बढ़ाया बल्कि अपने जबड़े भी तुड़वाए हैं, बालों को रंगवाया और तो और अपनी तोंद भी बढ़वाई. ताकि वो कुछ हद तक नंबी सर की तरह दिख सकूं. उनका कहना है कि मैं नहीं चाहता था कि दर्शक किसी भी जगह चीट फील करे क्योंकि अगर वो एक्टर में कोई चीटिंग पकड़ेंगे, तो स्टोरी पर भी उनका विश्वास डगमगाएगा.
पिछले बीस साल के करियर में माधवन ने करीब दस फिल्में ही की हैं. हालांकि उन्हें इसमें कुछ भी असमान्य नहीं लगता. वो कहते हैं आमिर खान भी हर तीन-चार साल में एक फिल्म करते हैं. हॉलीवुड एक्टर्स तो इससे भी ज्यादा वक्त लगाते हैं. अगर आप अपना काम सही तरीके से करते हैं तो मार्केट में आप हमेशा बने रहेंगे. मैं अब एज के अनुसार ही रोल्स को तवज्जों दिया करूंगा. ऐसा नहीं लगना चाहिए कि माधवन प्यार को इंजॉय कर रहा है बल्कि कैरेक्टर रोमांस कर रहा, ये मैसेज जाना चाहिए.
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माधवन कहते हैं कि मैं इतना बड़ा स्टार तो हो गया हूं कि मैं तय कर सकता हूं कि मुझे कब फिल्में करनी हैं और कब नहीं करनी हैं. हर रोज फिल्में करने की जरूरत नहीं है, या लगातार फिल्में न भी करें. मैं जो भी फिल्म करूंगा, बस यही कोशिश रहती है कि लोगों की इज्जत न खोऊं. चाहे फिल्म चले या न चले, पर फिल्म का इंपैक्ट इतना गहरा हो कि वे मेरी कोशिश पर दाद दें.
माधवन साउथ इंडस्ट्री और बॉलीवुड दोनों को रिप्रेजेंट करते हैं. ऐसे में आज जिसतरह से बॉलीवुड बनाम साउथ का माहौल बनाया जा रहा है उसपर भी उन्होंने अपनी राय दी. वो कहते हैं कि यहां मैं सोशल मीडिया को भी थोड़ा कसूरवार मानता हूं, वहां लोगों को थोड़ा रिस्पॉन्सिबल होना चाहिए था. हर चीज को स्कैंडल बनाकर लोगों के बीच बेचैनी पैदा करना सही नहीं होता है. लोगों को बहकाए हुए रखना, हमेशा किसी को डराए रखना, ये सब वेस्टर्न तरीका है. क्या फर्क पड़ता है अगर किसी ने कुछ कह भी दिया हो, उसे स्कैंडलाइज क्यों किया जाए. हर चीजों के बारे में राय बनाना, मुझे जरूरी नहीं लगता है. वो कहते हैं कि आप जाकर विश्वनाथन आनंद या धोनी से सवाल कीजिए, वो भी तो पब्लिक फिगर हैं न. क्यों लोगों को लगता है कि केवल एक्टर्स से ही राय जाननी चाहिए.