
आमिर खान (Aamir Khan) की 'लाल सिंह चड्ढा' (Laal Singh Chaddha) के चर्चे खत्म होने का नाम नहीं ले रहे है. इस फिल्म के साथ आमिर ने लगभग चार साल के वाद बड़े पर्दे पर वापसी की है. हॉलीवुड फिल्म 'फॉरेस्ट गंप' (Forrest Gump) का रीमेक 'लाल सिंह चड्ढा' अनाउंस होने के बाद से सुर्खियों में छाई हुई है. फैंस के बीच इसे देखने का उत्साह था. मेकर्स ने उसके सुपर-डुपर हिट होने की उम्मीद लगाई थी. लेकिन रिलीज होते ही यह फिल्म बॉक्स ऑफिस (Laal Singh Chaddha Box Office) पर ऐसी ढेर हुई कि सभी की हवाइयां उड़ गईं.
क्यों फ्लॉप हुई लाल सिंह चड्ढा?
'लाल सिंह चड्ढा' रिलीज सात दिनों में महज 50 करोड़ रुपये (Laal Singh Chaddha Box Office Collection) का बिजनेस कर पाई है. अगर आमिर खान की फिल्मों के ट्रैक रिकॉर्ड को आपने देखा हो तो इतनी कमाई तो उनकी फिल्म अपनी रिलीज के पहले ही दिन कर लिया करती थीं. लेकिन 'लाल सिंह चड्ढा' के साथ ऐसा क्या हुआ जो ढेरों अरमानों के साथ बनी ये फिल्म एकदम से धराशाही हो गई? इस बारे में अब एक्टर आर माधवन (R Madhavan) ने बात की है.
2022 में 'शमशेरा' और 'पृथ्वीराज' जैसी बिग बजट मूवीज बड़े पर्दे पर रिलीज की गई हैं. बॉलीवुड को इन दोनों से काफी उम्मीद थी लेकिन दोनों ही फ्लॉप साबित हुईं. वहीं 'आरआरआर', 'केजीएफ चैप्टर 2', 'विक्रम' और 'विक्रांत रोणा' ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. RRR और KGF 2 के हिंदी वर्जन ने तो छप्पर फाड़ कमाई की थी. ऐसे में माधवन ने हिंदी फिल्मों के फ्लॉप होने के ट्रेंड और साउथ फिल्मों की सफलता पर बात की.
बुधवार को माधवन अपनी फिल्म 'धोखा- राउंड द कॉर्नर' के टीजर को मुंबई में लॉन्च किया. ऐसे में उनसे 'लाल सिंह चड्ढा' समेत बिग टिकट हिंदी फिल्मों की खराब परफॉरमेंस पर सवाल किया गया. माधवन ने अपने जवाब में कहा, 'अगर हमें पता होता (कि लाल सिंह चड्ढा क्यों फ्लॉप हुई), तो हम सभी हिट फिल्में बना रहे होते. कोई भी यह सोचकर शुरुआत नहीं करता कि हम गलत फिल्म बना रहे हैं. एक एक्टर का हर फिल्म के पीछे इरादा और कड़ी मेहनत बराबर ही होती है. तो जितनी भी बड़ी फिल्में रिलीज हुई हैं... उनके पीछे इरादा यही था कि अच्छी फिल्म बनाई जाए और वो लोगों को पसंद आए.'
साउथ फिल्मों का हिट होना पैटर्न नहीं
माधवन ने यह भी कहा कि यह सोचना कि साउथ की फिल्में हिंदी फिल्मों को पछाड़ रही हैं, गलत है. क्योंकि कुछ ही फिल्में हैं जिन्होंने ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि इसे पैटर्न नहीं माना जा सकता. एक्टर बोले, 'साउथ फिल्मों की बात करें तो बाहुबली, बाहुबली 2, पुष्पा: द राइज, RRR, केजीएफ और केजीएफ चैप्टर 2 ही वो फिल्में हैं जिन्होंने हिंदी फिल्मों से अच्छा परफॉर्म किया है. बस छह फिल्में है. इसे आप पैटर्न नहीं कह सकते. अगर अच्छी फिल्में आएंगी, तो वो काम करेंगी.'
आर माधवन के मुताबिक, अगर दर्शकों को अच्छा कंटेंट दिया जाए तो वह थिएटर में उसे देखने जाएंगे, भले ही वह किसी भी भाषा में हो. कोविड-19 के बाद दर्शकों की चॉइस और पसंद बदल गई है. तो अगर हम ऐसी फिल्में बनाएं जो लोग देखना पसंद करेंगे, जैसी फिल्में अभी आ रही हैं. हमें थोड़ा और प्रोग्रेंसिव बनना होगा.'
माधवन को पिछली बार फिल्म 'रॉकेट्री: द नम्बि इफेक्ट' में देखा गया था. जल्द ही वह डायरेक्टर कूकी गुलाटी की फिल्म 'धोखा- राउंड द कॉर्नर' में नजर आएंगे. इसमें उनके साथ दर्शन कुमार, अपारशक्ति खुराना और खुशाली कुमार हैं. ये फिल्म 23 सितम्बर को थिएटर में रिलीज होगी.