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'8 घंटे खड़े रही थीं लता मंगेश्कर...', ऐसे किया था रंग दे बसंती का 'लुक्का छुप्पी' गाना रिकॉर्ड, डायरेक्टर ने सुनाया किस्सा

डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' साल 2006 की सबसे कामयाब फिल्म थी. उनकी फिल्म के गाने भी यादगार हैं. हाल ही में उन्होंने फिल्म के एक गाने लुक्का छुप्पी से जुड़ा एक किस्सा सुनाया है जिसमें उन्होंने दिवंगत सिंगर लता मंगेशकर की महानता के बारे में बताया है.

राकेश ओमप्रकाश मेहरा, लता मंगेशकर राकेश ओमप्रकाश मेहरा, लता मंगेशकर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

फिल्ममेकर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' एक शानदार कहानी बयां करती है. उनकी फिल्म साल 2006 की सबसे कामयाब फिल्मों में से एक थी. उसमें ऐसा लगा था कि मानो डायरेक्टर ने अपना सबकुछ झोंक दिया. बेहतरीन कास्ट, म्यूजिक और इसके गाने फिल्म को आज भी यादगार बनाते हैं. 

वैसे तो उनकी फिल्म में बड़े सारे यादगार गाने हैं, लेकिन एक ऐसा गाना भी है जिसे सुनकर हर मां-बच्चे की आंखें लगभग भर आती हैं. वो गाना है 'लुक्का छुप्पी' जिसे भारत की 'स्वर कोकिला' कही जाने वाली दिवंगत सिंगर लता मंगेशकर ने गाया था. लता जी की आवाज, राइटर प्रसून जोशी के बोल और ए.आर. रहमान का म्यूजिक इस गाने की जान बने. 

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राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने सुनाया 'लुक्का छुप्पी' गाने का किस्सा

हाल ही में इस गाने से ही जुड़ा एक किस्सा फिल्म के डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने सुनाया है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस गाने से जुड़ी एक बात बताई जिसके बारे में किसी को मालूम नहीं है. डायरेक्टर ने खुलासा किया कि लता जी गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान करीब 8-10 घंटों तक खड़ी रही थीं, जबतक गाना पूरा रिकॉर्ड नहीं हुआ.

उन्होंने बताया, 'लता जी ने गाने की तैयारी की थी जो उनकी महानता को बतलाता है. उन्होंने मुझे कॉल किया और मुझसे पूछा कि क्या वो चेन्नई जाकर इस गाने को रिकॉर्ड कर सकती हैं. मैंने उन्हें बताया कि रहमान मुंबई आकर आपके पास गाना रिकॉर्ड करेंगे. लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि वो चेन्नई जाकर ही गाना रिकॉर्ड करना चाहती हैं. उन्होंने कहा था कि ये अच्छा होगा कि मैं उनके यानी रहमान के स्टूडियो में जाकर गाना रिकॉर्ड करूं. वो इतनी विनम्र थीं.'

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'रहमान के स्टूडियो में रिकॉर्ड किया गाना, 8-10 घंटा खड़ी रहीं'

राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने आगे बताया कि वो तीन दिन पहले ही चेन्नई पहुंच गई थीं. और एयरपोर्ट से सीधा वो रहमान के स्टूडियो गई थीं. खुद रहमान उन्हें एयरपोर्ट से पिकअप करने गए थे. लता जी ने वहां बनाया हुआ गाना सुना, और उन्होंने रहमान से एक कैसेट की मांग की जिसमें गाने को डाला जाए ताकि वो गाने की तैयारी कर सकें.

फिल्ममेकर आगे बताते हैं- जब वो चौथे दिन स्टूडियो में गाना रिकॉर्ड करने आईं, उन्होंने कहा कि वो खड़े होकर गाना रिकॉर्ड करना चाहेंगी. उन्होंने गाने को गाना शुरू किया और रहमान के साथ ताम मिलाना भी जारी रखा. उन्होंने इस दौरान बैठने से इनकार कर दिया और करीब 8-10 घंटा खड़ी रहीं जबतक पूरा गाना रिकॉर्ड नहीं हो गया था.

लता जी की लिगेसी को आम इंसान शब्दों में बयां नहीं कर सकता है. उन्होंने अपने जीवन में अनगिनत गाने गाए हैं. उन्होंने लगभग हर भाषा में गाना गाया है. उन्हें अपने योगदान के लिए भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. फरवरी साल 2022 में पूरा देश उनके जाने से सदमे में था क्योंकि भारत ने अपने एक अनमोल रत्न को खोया था. हालांकि उनकी आवाज आज भी हमारे बीच जिंदा है. 

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