
बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. एक्टर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन भेजा है. दरअसल, रणबीर कपूर का नाम 'महादेव गेमिंग-बेटिंग केस' में सामने आ रहा है. एक्टर को 6 अक्टबूर को पूछताछ के लिए बुलाया है.
रणबीर के अलावा और भी सेलेब्स का नाम शामिल
इस केस में सिर्फ रणबीर कपूर का ही नाम सामने नहीं आ रहा, बल्कि लिस्ट में 15-20 सेलेब्स और हैं जो ईडी के रडार पर हैं. इस लिस्ट में आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान, अली असगर, विशाल ददलानी, टाइगर श्रॉफ, नेगा कक्कड़, भारती सिंह, एली अवराम, सनी लियोनी, भाग्यश्री, पल्कित सम्राट, कीर्ति खरबंदा, नुसरत भरूचा और कृष्णा अभिषेक का नाम शामिल है.
क्या है मामला?
बता दें कि 'महादेव गेमिंग-बेटिंग' एक ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लेटफॉर्म है. इस ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात में हुई थी. शादी में 200 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया गया था. इस आलीशान शादी का वीडियो भारतीय एजेंसियों के हाथ लगा है. शादी में परफॉर्म करने के लिए जितने भी सेलेब्स बुलाए गए थे, वो भी रडार पर आ गए हैं.
सौरभ चंद्राकर ने शादी में कई लोगों को बुलाया था. परिवार वालों को नागपुर से यूएई तक ले जाने के लिए उन्होंने निजी जेट किराए पर लिए थे. सिर्फ इतना ही नहीं, शादी के लिए वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर आदि को मुंबई से बुलाकर काम दिया गया था. सबका पेमेंट कैश में किया गया. ईडी ने इस संबंध में डिजिटल सबूत जुटाए हैं, जिनके अनुसार, योगेश पोपट की मेसर्स आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपये पहुंचाए गए थे और 42 करोड़ रुपये होटल की बुकिंग के लिए नकद भुगतान किया गया था.
कुछ दिनों पहले ईडी ने मुंबई, भोपाल, कोलकाता के उन हवाला ऑपरेटरों के यहां छापे मारे, जिन्होंने इस इवेंट के लिए रकम मुंबई की इवेंट फर्म को भेजी थी. यहां से सिंगर नेहा कक्कड़, सुखविंदर सिंह, अभिनेता भारती सिंह और भाग्यश्री को परफॉर्म करने के लिए पैमेंट किया गया था.
ईडी ने छानबीन में पाया कि महादेव बुक ऐप और सट्टेबाजी का यह मामला छत्तीसगढ़ के कुछ पॉलिटीशियन्स, पुलिस ऑफिसर्स और राजनेताओं के साथियों से जुड़ा है. इस सट्टेबाजी ऐप का टर्नओवर करीब 20000 करोड़ रुपये है.
ईडी, महादेव ऑनलाइन गेमिंग-बेटिंग ऐप की डीपली जांच कर रहा है. हाल ही में ईडी की टीम ने कोलकाता, भोपाल, मुंबई जैसे शहरों में जाकर छानबीन की. इसमें उन्होंने पाया कि कई लोग हैं जो महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से जुड़े हैं. ईडी के हाथ कई सबूत भी लगे हैं. उन्होंने 417 करोड़ रुपये की क्राइम इन्कम को फ्रीज और जब्त किया है.
ईडी के हाथ लगा बड़ा सबूत
जैसे-जैसे ईडी मामले की जांच कर रही है, उनके हाथ सबूत लग रहे हैं. हाल ही में ईडी को पता चला कि छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक के मुख्य प्रमोटर हैं. दोनों ही दुबई में रहते हैं और वहीं से इसे ऑपरेट करते हैं. सट्टेबाजी से होने वाली आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किए जाते हैं.
इंडिया में जब सट्टेबाजी वेबसाइटों का ऐड किया जाता है तो उसपर बड़े पैमाने पर पैसा खर्च किया जाता है. ऐसे में महादेव गेमिंग-बेटिंग ऐप ने सेलेब्स को अप्रोच किया और उनसे इस ऐप का ऐड कराया. ईडी ने पहले छत्तीसगढ़ राज्य में तलाशी ली थी और इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के मुख्य संपर्ककर्ता सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को 'प्रोटेक्शन मनी' के रूप में रिश्वत दिया करते थे.
ईडी ने योगेश पोपट, मिथिलेश और इस शादी से जुड़े ऑर्गेनाइजर्स के ठिकानों पर तलाशी ली. जहां से 112 करोड़ रुपये की हवाला रकम हासिल करने से जुड़े सबूत सामने आए. इसके बाद योगेश पोपट द्वारा बताए जाने पर आंगड़िया के यहां तलाशी ली गई. जहां से 2.37 करोड़ रुपये नकद जब्त की गई. यहीं से ईडी को बॉलीवुड सेलेब्स के बारे में पता चला. जो इस सट्टेबाजी ऐप को एंडॉर्स कर रहे थे.
कई लोगों के घर ली ईडी ने तलाशी
ईडी ने भोपाल में धीरज आहूजा और विशाल आहूजा की मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स पर भी तलाशी ली. जहां से परिवार वालों का दुबई आना-जाना, ठहरना और बॉलीवुड सेलेब्स की टिकट की जानकारी हाथ लगी. ऐप के वॉलेट बैलेंस का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेशनल टिकट बुक कराई गई थीं.
ईडी ने महादेव ऑनलाइन बुक एप के मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में शामिल विकास छपारिया और गोविंद केडिया के ठिकानों पर भी तलाशी ली है. ईडी ने पाया कि गोविंद केडिया की मदद से विकास छपारिया अपनी संस्थाओं मेसर्स परफेक्ट प्लान इन्वेस्टमेंट्स एलएलपी, मेसर्स एक्ज़िम जनरल ट्रेडिंग एफजेडसीओ और मेसर्स टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस एलएलसी के जरिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के रास्ते भारतीय शेयर बाजार में भारी निवेश कर रहे थे. कंपनी के नाम पर जमा 236.3 करोड़ रुपये की नकदी और सिक्यूरिटि होल्डिंग्स को ईडी ने पीएमएलए 2002 के तहत जब्त कर लिया है.
इसके अलावा, पीएमएलए 2002 के तहत गोविंद कुमार केडिया की डीमैट होल्डिंग्स में 160 करोड़ रुपये की संपत्ति भी ईडी ने जब्त कर ली है. 18 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा और 13 करोड़ रुपये के गहने भी जब्त किए गए हैं. अब तक ईडी ने रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता में 39 जगहों पर तलाशी ली है और 417 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है. ईडी ने विदेश में भी गंभीरता से इस मामल की जांच शुरू कर दी है. रायपुर में पीएमएलए विशेष न्यायालय ने भी फरार संदिग्धों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किए हैं. इस मामले में आगे की जांच जारी है.