
बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई दिग्गज फिल्ममेकर्स ने ये मुद्दा उठाया है. ज्यादातर का कहना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री स्ट्रगल कर रही है. पहले से अब फिल्म के हिट होने की गुंजाइश कम हो गई है. प्रोड्यूसर्स नए टैलेंस पर दांव ही खेलना नहीं चाहते हैं. सभी के मन में एक डर बना हुआ है. एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है. बता दें कि हाल ही में ऋचा ने पति अली के साथ मिलकर 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' फिल्म प्रोड्यूस की थी. इस फिल्म में नए टैलेंट को एक्ट्रेस ने जगह दी थी.
ऋचा ने रखी अपनी राय
ऋचा ने हाल ही में हिन्दुस्तान टाइम्स संग बातचीत के दौरान कहा- हमें न्यूकमर्स को और चांस देने चाहिए. पर ये देखना बहुत दुख की बात है कि दिग्गज फिल्ममेकर्स किस तरह बॉलीवुड में आए नए टैलेंट को स्टीरियोटाइप करते हैं. मैं इस बात को अपने पर्सनल एक्स्पीरियंस से बोल सकती हूं. बिजनेस का अगर हम मैथ देखें तो कोई किसी को चांस नहीं देना चाहता. फिल्ममेकर्स ही नहीं, एक्टर्स भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.
"जब एक बड़ी फिल्म बड़े स्टार के साथ फ्लॉप होती है तो इंडस्ट्री में लोग सेफ महसूस करने लगते हैं. फिल्म में वो लोग आइटम सॉन्ग डालते हैं और कुछ एक्शन सिक्वेंस डालते हैं, जिससे पैसा कमाया जा सके. पर समय के साथ आपको रियलाइज होता है कि इंडस्ट्री में जब तक आप इनोवेट नहीं करेंगे, कुछ हासिल नहीं हो पाएगा."
साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में सक्सेस रेट हाई हो गया है. ऋचा ने कहा- हमें उन लोगों से सीखना चाहिए. कोई बड़ा स्टार कैसे एक नैरेटिव पर रिस्क लेता है, ये हमें उनसे सीखना चाहिए. वो लोग फिल्म की टिकट प्राइस को काफी सस्ता रखते हैं, जिसकी वजह से थियटर्स में लोग ज्यादा आते हैं. वो अपने फैन्स के लिए फिल्म बनाते हैं. यहां पर कुछ उल्टा है. जब फिल्म बड़ी होती है तो लोग यहां टिकट के प्राइस को काफी बढ़ा देते हैं. मैं जो अभी नई-नई प्रोड्यूसर बनी हूं, जिसने केवल एक फिल्म बनाई है और पेशे से एक्टर हूं, मुझे क्या ये सब मीडिया को कहना पड़ रहा है? बड़े स्टेकहोल्डर्स को ये सब देखना चाहिए.