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कुछ लड़कियों को चाह‍िए 'एनिमल' वाला अल्फा मेल, कुणाल बोले थप्पड़ पड़ेंगे तब समझेंगी...

एनिमल फिल्म की रिलीज के बाद से अल्फा मेल कैरेक्टर पर डिबेट चल रही है. अब कुणाल खेमु ने भी इस नैरेटिव पर कई बातें कही. कुणाल के मुताबिक ये कई लोगों को पसंद आता है. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. अल्फा मेल कैरेक्टर को लोग झेलेंगे. क्या है ना कि इसको सही गलत बोलकर कोई फायदा नहीं है.

रणबीर कपूर, कुणाल खेमु रणबीर कपूर, कुणाल खेमु
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

रणबीर कपूर स्टारर फिल्म एनिमल भले ही पिछले 1 दिसंबर को रिलीज हुई थी, लेकिन इसके अल्फा मेल कैरेक्टर पर डिबेट अब तक जारी है. हालांकि फिल्म को मिक्स्ड रिस्पॉन्स मिले थे, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर एनिमल ने छप्पर फाड़ कमाई की थी. रणबीर के अल्फा मेल कैरेक्टर से काफी लोग इंस्पायर हुए थे, और इंस्पिरेशन का ये दौर अब भी जारी है. सैफ अली खान के जीजा और बॉलीवुड एक्टर कुणाल खेमु ने भी इस पर रिएक्ट किया है. कुणाल ने बताया कि इसे कई लोग झेलेंगे. क्या है कि इसको सही गलत बोलकर कोई फायदा नहीं है. 

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कुणाल ने उड़ाया अल्फा मेल कैरेक्टर का मजाक

यूट्यूबर राज शमानी को दिए इंटरव्यू में कुणाल ने इस अल्फा मेल नैरेटिव पर कई बातें कही. कुणाल के मुताबिक ये कई लोगों को पसंद आता है. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. कुणाल ने कहा- अल्फा मेल कैरेक्टर को लोग झेलेंगे ब्रो. क्या है ना कि इसको सही गलत बोलकर कोई फायदा नहीं है. क्योंकि आप एक ह्यूमन टेंडेंसी की बात कर रहे हो. ये तो वही बात हो गई कि पूरी दुनिया कुंए में कूदेगी तो आप भी कूदोगे क्या? नहीं कूदोगे. आप समझदार हो कर लो ट्राय. आपको तीन दिन थप्पड़ पड़ेंगे आप चौथे दिन कहोगे मैं पुलिस को फोन कर लूंगी. उसको भी समझ आएगा, आपको भी समझ आ जाएगा. 

'सबको सिलेक्टिव अल्फा बनना है'

कुणाल आगे बोले- इसके पीछे एक साइंस, एक हिस्ट्री है इसके पीछे, जो सच है. उसको आप व्यक्त करो, उसको आप जज करो, लेकिन उसको जीने की जरूरत नहीं है ना, क्योंकि एक टाइम हम गुफा में रहने वाले लोग थे ना. मैं कह रहा हूं कि आप पहले मेहनत कर के दिखाओ. नॉन वेज खाने वाले को आप कहो कि पहले जानवर काटो. आप कहोगे मैं थप्पड़ मार दूंगा, तो मार ही लेगा. पहले आप काटोगे तभी ना खाओगे. तब पता चलेगा. ये कहना बहुत आसान है. असल आपको सिलेक्टिव अल्फा बनना है. अल्फा का मतलब है पूरा हार्डवर्क करना. पूरा काम करो ना भाई. सिलेक्टिव तो कोई भी कर लेगा. 

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फिल्मों से सीखें नहीं

इसी के साथ कुणाल ने आगे बात करते हुए कहा- असल में आप कर के देखो...या तो आपकी ही पिटाई हो जाएगी, या आप जेल चले जाओगे, या मारे जाओगे. कब तक चलेगा ऐसे. ऐसी चीजों को मैं सीरियसली नहीं लेता. ऐसे तो अल्फा मेल हर पिक्चर का हीरो होता है. जवान में भी हीरो ने 15 गन वालों को मार दिया. आप भी मारो आतंकवादी को, तब अल्फा मेल चला जाएगा, बोलेगा- कहां हैं कमाडोज. एनिमल देखते हुए तो मुझे भी लगा था कि मैं भी फोड़ दूं किसी को. मुन्ना भाई फिल्म देखकर तो किसी ने गांधीगिरी नहीं की, तो अल्फा मेल क्यों बनना है. लंबा रास्ता किसी को नहीं चुनना, आसान पर जाना है. सबको सिलेक्टिव अल्फा बनना है. 

कुणाल बोले कि ये जिम्मेदारी की बात है. किसी को जिम्मेदारी फील नहीं करनी है, सिर्फ शो ऑफ करना है. ऐसी एक्शन फिल्में आपको सीख नहीं देती है, सिर्फ फील देती है. लार्जर दैन लाइफ का फील, एंटरटेनमेंट कराना ही उस फिल्म का मकसद है. वो करो और घर जाओ. 

वर्कफ्रंट पर कुणाल की जल्द ही मर्डर मुबारक आने वाली है. होमी अडजानिया के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में सारा अली खान, पंकज कपूर, करिश्मा कपूर, जाह्नवी कपूर, विजय वर्मा भी होंगे. ये नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होगी. 

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