
लेजेंडरी सिंगर मोहम्मद रफी की 31 जुलाई को 44वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर पूर्व एक्ट्रेस सायरा बानो ने रफी साहब को याद किया. उन्होंने मोहम्मद रफी की दिलीप कुमार संग फोटोज शेयर कर बताया कैसे एक्टर की अदरक और शहद की रेमेडी ने सिंगर की आवाज को वापस लौटा दिया था.
सायरा ने सुनाया किस्सा
किस्सा शेयर करते हुए सायरा बानू लिखती हैं- 1962 की एक घटना को बताना चाहूंगी, भारत-चीन युद्ध के तुरंत बाद इंडियन सिनेमा के दोनों लेजेंड्स (दिलीप कुमार-मो. रफी) बॉर्डर पर BSF जवानों को एंटरटेन करने गए थे. लेकिन अचानक तभी रफी भाई को भयंकर गले में इंफेक्शन हो गया और उन्होंने अपनी आवाज खो दी. रफी भाई के आंखों में आंसू थे. वो ये सोचकर दुखी हो रहे थे कि जो जवान उन्हें पेपर पर अपने फेवरेट गानों की फरमाइश लिखकर भेज रहे हैं, जिन्हें वो लाइव शो में सुनना चाहते थे. लेकिन इंफेक्शन की वजह से वो उनकी इच्छा को पूरी नहीं कर पाएंगे.
कैसे लौटी मो. रफी की आवाज?
सायरा ने बताया कि रफी भाई अपनी आवाज वापस पाने की दुआ करते रहे. दिलीप कुमार उन्हें अदरक और शहद का मिश्रण देते रहे, ये घर में उनकी मां का नुस्खा था. अच्छे बच्चे की तरह रफी भाई ने इसे पिया और इसने चमत्कार किया था. रफी भाई को भी भरोसा नहीं हुआ था. जब वो अगले दिन उठकर अपना गला साफ करने लगे तो उन्हें अपनी मखमली आवाज सुनाई दी. ट्रैजिडी किंग दिलीप साहब ने कहा था- वो मेरे और सीमा सुरक्षा बल के जवानों के लिए खुशी और राहत का पल था. इस सिंपल मिश्रण ने काम किया. जबकि बाकी लोग ठंड में हार्ड ब्रांडी पी रहे थे. लेकिन रफी साहब शराब नहीं पीते थे. उन्होंने इसे हाथ तक नहीं लगाया था.
मोहम्मद रफी महान प्लेबैक सिंगर थे. उनके गानों में मेलडी, इमोशन होते थे. रफी और दिलीप कुमार ने साथ मलिकर फिल्म कोहिनूर के गाने 'मधुबन में राधिका नाचे रे' पर काम किया था. सायरा बानू ने बताया कि इस गाने के लिए दिलीप कुमार ने 7-8 महीने तक सितार बजाने की प्रैक्टिस की थी. ये गाना सुपर डुपर हिट हुआ था.