
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की तरफ से सेशन कोर्ट में बेल के लिए अप्लाई किया गया है जिसका फैसला अभी आना है. 2 अक्टूबर को एनसीबी ने क्रूज ड्रग्स पार्टी में आर्यन खान को कस्टडी में लिया था. पिछले कुछ दिनों से वे मुंबई के आर्थर जेल में हैं. किला कोर्ट की तरफ से बेल की अर्जी के रिजेक्ट होने के बाद आर्यन ने सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आइए जानते हैं उन विशेष प्वाइंट्स के बारे में जो आर्यन की तरफ से बेल की दलील के तौर पर पेश की गई हैं.
आर्यन खान ने अपने पिता शाहरुख खान का नाम लिखे बिना कहा कि वे एक बड़े बॉलीवुड स्टार के बेटे हैं. उनके पास बेचलर्स की डिग्री है, फाइन आर्ट्स में डिग्री है और सिनेमैटिक आर्ट्स में भी डिग्री है. इसके अलावा उन्होंने यूएसए की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफॉर्निया से फिल्म एंड टेलिविजन प्रोडक्शन का कोर्स किया है
वे देश के एक जिम्मेदार नागरिक हैं और बेकुसूर हैं. अभी तक का उनका रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है और किसी भी तरह की असभ्यता या गैरकानूनी काम में उनका नाम नहीं आया है. मौजूदा मामले में उनका नाम गलती से आ गया है और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
आर्यन की तरफ से कहा गया है कि अभी तक उनके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है. 2 अक्टूबर, 2021 के दिन भी जब एनसीबी ने आर्यन खान को गिरफ्तार किया उस दौरान उनके पास से कुछ भी नहीं मिला था.
किसी भी तरह का नार्कोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस आर्यन के पास से नहीं मिला है. ऐसे में मौजूदा केस में एनडीपीएस एक्ट, 1985 का सेक्शन 37(1) अप्लाए नहीं होगा. अगर कोर्ट इस नतीजे पर आ जाती है कि आर्यन खान पर जो आरोप लगे हैं वो नॉन-बेलेबल हैं तो भी एविडेंस के आभाव में उनपर कोई चार्ज नहीं लग सकता. ये मामला पूरी तरह से नो एविडेंस का है.
आर्यन की तरफ से बेल की दलील में कहा गया है कि वे यंग एज के हैं और उनका कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है ना तो ऐसे लोगों से उनका नाता है. ना तो पहले आर्यन कभी भी कहीं पर किसी भी तरह के ड्रग्स कन्जप्शन में पकड़े गए हैं.
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एनडीपीएस एक्ट, 1985 के सेक्शन 8(c), 20(b), 27, 28, 29 और 35 के तहत कोई भी आरोप आर्यन खान के खिलाफ साबित नहीं किए जा चुके हैं ना तो इससे जुड़ा कोई प्रमाण ही मिला है.
आर्यन की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि अगर किसी दूसरी आरोपी के पास से कुछ अवैध सामान मिला है तो इसमें आर्यन से कोई मतलब नहीं है और उनके खिलाफ कुछ नहीं जाएगा. किसी भी तरह की रिकवरी खान के पास से नहीं की गई है.
अगर कोई उलंघन बड़े पैमाने पर नहीं किया गया है तो आरोपी को कम से कम एक साल की सजा मिलती है या 10 हजार का फाइन देना पड़ता है या दोनों का भुक्तान करना पड़ता है. इस तर्ज पर कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर के शेड्यूल II के तहत आरोपी को बेल आसानी से मिल सकती है.
मौजूदा केस में खान के संदर्भ में एनडीपीएस एक्ट का सेक्शन 27A लागू नहीं होगा. ये नियम है कि अगर किसी भी ट्रान्जेक्शन से अगर सिंपल पेमेंट की गई है तो उसे सेक्शन 27A के दायरे में नहीं माना जाएगा.
आर्यन खान मामले में एनसीबी उनके फोन की व्हाट्सएप चैट पर निर्भर है. मगर खान की लीगल टीम की मानें तो उन चैट्स का मौजूदा केस से कोई भी कनेक्शन नहीं है और एनसीबी की इनवेस्टिगेशन सही आधार पर नहीं है.
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कहीं से भी ये नहीं सिद्ध हो पाया है कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान किसी प्रोडक्शन, मैनुफैक्चर, सेल, ट्रॉन्सपोर्ट, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट से संपर्क में हैं या उन्होंने किसी अवैध सामान की खरीदी कर उसकी पेमेंट की है. इसलिए एनसीबी के सारे आरोप निराधार हैं और NDPS Act, 1985 के दायरे में भी नहीं आते हैं.
आर्यन खान की तरफ से दलील में ये भी कहा गया है कि मुंबई में जिस सोसाइटी में रहते हैं वहां उनकी पकड़ है और वे अपनी फैमिली संग मुंबई के पर्मानेंट रेसिडेंट हैं. ऐसे में इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आर्यन कानून की नजर से बचेंगे या भागेंगे. ना तो उनकी तरफ से किसी तरह के असभ्य व्यवहार की कोई संभावना है. ऐसे में इस मामले में वे बेल पाने के पूरे हकदार हैं.