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'एनिमल' पर भड़के सिंगर, रणबीर के किरदार को बताया 'महिला विरोधी', लिखा- दया आती है...

स्वानंद किरकिरे ने संदीप रेडी वांगा के डायरेक्शन में बनी एनिमल फिल्म देखी और उसमें खूब कमियां निकाली. स्वानंद के मुताबिक डायरेक्टर ने ये नई पीढ़ी का मर्द तैयार किया है, जो औरत पर हाथ उठाता है और उसे अपनी मर्दानगी समझता है. स्वानंद ने लिखा- आज एनिमल फिल्म देख कर मुझे सचमुच आज की पीढ़ी की स्त्रियों पर दया आयी!

रणबीर कपूर रणबीर कपूर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

रणबीर कपूर स्टारर एनिमल सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म को मिक्स्ड रिव्यू मिल रहे हैं. रणविजय के कैरेक्टर में रणबीर को जहां कई लोग खूब पसंद कर रहे हैं, वहीं कई लोग जमकर आलोचना भी कर रहे हैं. रणबीर के कैरेक्टर को महिला विरोधी बताया जा रहा है. सिंगर-एक्टर स्वानंद किरकिरे भी फिल्म में रणबीर के कैरेक्टर नाखुश नजर आए. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- आज एनिमल फिल्म देख कर मुझे सचमुच आज की पीढ़ी की स्त्रियों पर दया आयी. 

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महिलाओं को नीचा दिखाते 'रणविजय'

स्वानंद किरकिरे ने संदीप रेडी वांगा के डायरेक्शन में बनी एनिमल फिल्म देखी और उसमें खूब कमियां निकाली. स्वानंद के मुताबिक डायरेक्टर ने ये नई पीढ़ी का मर्द तैयार किया है, जो औरत पर हाथ उठाता है और उसे अपनी मर्दानगी समझता है. स्वानंद ने लिखा- महबूब खान की- औरत, गुरुदुत्त की- साहब बीवी और ग़ुलाम, हृषीकेश मुखर्जी की- अनुपमा, श्याम बेनेगल की अंकुर और भूमिका, केतन मेहता की मिर्च मसाला, सुधीर मिश्रा की मैं ज़िंदा हूं, गौरी शिंदे की इंगलिश विंगलिश, बहल की क्वीन, शूजीत सरकार की पीकू आदि.

हिंदुस्तानी सिनेमा की कई ऐसी फिल्में हैं, जिन्होंने मुझे सिखाया कि स्त्री, उसके अधिकार, उसकी स्वायत्तता की इज्जत कैसे की जानी चाहिए. और सबकुछ समझ बूझ कर भी सदियों पुरानी इस सोच में अब भी कितनी कमियां हैं. पता नहीं सफल हुआ या नहीं, पर लगातार अपने आप को सुधारने की कोशिश आज भी कर रहा हूं. 

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सब सिनेमा की बदौलत. पर आज एनिमल फिल्म देख कर मुझे सचमुच आज की पीढ़ी की स्त्रियों पर दया आयी! आप के लिये फिर एक नया पुरुष तैयार किया गया है जो ज्यादा डरावना है, वो आपकी इतनी भी इज्जत नहीं करता और जो आप को झुकाने, दबाने और उस पर गर्व करने को अपना पुरुषार्थ समझता है. आज की पीढ़ी की लड़कियों, तुम उस सिनेमा हॉल में बैठ रश्मिका के पिटने पर जब तालियां पीट रही थी, तो मैंने मन ही मन समता के हर विचार को श्रद्धांजलि दे दी. मैं घर आ गया हूं. हताश, निराश और दुर्बल!

शर्मिंदा होता भारतीय सिनेमा...

स्वानंद ने आगे लिखा- रणबीर के उस संवाद जिसमें वो अल्फा मेल को डिफाइन करता है और कहता है जो मर्द अल्फा नहीं बन पाते, वो सारे स्त्री का भोग पाने के लिए कवि बन जाते है और चांद तारे तोड़ कर लाने के वादे करने लगते हैं. मैं कवि हूं! कविता करता हूं जीने के लिए! मेरी कोई जगह है? एक फिल्म बहुत पैसे कमा रही है और भारतीय सिनेमा का गौरवशाली इतिहास शर्मिंदा हो रहा है! मेरी समझ से ये फिल्म हिंदुस्तानी सिनेमा के भविष्य को नये सिरे से निर्धारित करेगी, एक अलग भयानक खतरनाक दिशा में! 

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स्वानंद के इस पोस्ट ने एक नई डिबेट की शुरुआत कर दी है. इसपर यूजर्स भी कमेंट कर उनकी बातों से रिलेट कर रहे हैं. एक ने कहा- 'इस मूवी के लिए कोई बॉयकॉट नहीं चलाएंगे, इससे किसी की भावना आहत नहीं होती! आप समझ सकते हैं सर, समाज किस दिशा में जा रहा है! पर हमें गर्व है इस समाज में आप जैसा संवेदनशील पुरुष भी है! पर जो टीनएजर है उनके लिए खतरनाक है क्योंकि उनके रोल मॉडल यह मूवी वाले ही होते हैं!' वहीं एक और ने लिखा- 'हिंसा ग्लोरिफाई हो रही है. जब तक हिंसा की कड़वाहट को चख नहीं लेंगे मानेंगे नहीं'.

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब संदीप की डायरेक्ट की हुई फिल्म पर किसी ने सवाल उठाए हो. शाहिद कपूर स्टारर फिल्म कबीर सिंह को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. एनिमल में रणबीर कपूर के साथ अनिल कपूर, रश्मिका मंदाना, बॉबी देओल लीड रोल में हैं. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाई के झंडे गाड़ रही है. फिल्म अभी तक 236 करोड़ का ग्रॉस वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर चुकी है. 

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