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Twitter ब्लू टिक के कमर्शियल होने पर बोले सिंगर कैलाश खेर- हमारे देश में लोगों को फ्री चीजों की बुरी आदत

कैलाश खेर ने ट्विटर ब्लू टिक के कमर्शियल होने पर कहा- मुझे हैरानी होती है कि यहां पैसे देने की बात पर लोग निराश हो जाते हैं. जब आप पैसा कमाने के तमाम तरीके खोजते हो, तो जाहिर है सामने वाला भी तो अपना फायदा सोचेगा. हमें इस ईको सिस्टम का पार्ट बनना होगा.

कैलाश खैर कैलाश खैर
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

Kailash Kher On Twitter Blue Tick: पिछले कुछ समय से ट्विटर पर कई सारी तब्दीलियां चल रही हैं. अब ऐसे में ट्विटर के नए सीईओ बने एलन मस्क ने भी ऐलान करते हुए कहा है कि ब्लू टिक वालों को अब हर महीने 8 डॉलर देने होंगे. इस अनाउंसमेंट के बाद लोगों के मिक्स रिएक्शन हैं. एक ओर केआरके पैसे एडवांस में देने की बात कर रहे हैं, तो वहीं सिंगर सुचित्रा कृष्णामुर्ति का कहना है कि अगर ऐसा हुआ, तो वो ट्विटर को अलविदा कह देंगी.

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ट्विटर ब्लू टिक पर क्या बोले कैलाश खेर?

वहीं आजतक डॉट इन से बातचीत पर कैलाश खेर कहते हैं- मैंने 21 मई 2009 में ट्विटर जॉइन किया था. मैं इंडिया के उस वर्ग से हूं, जो बहुत पहले ही ट्विटर से जुड़ गए थे. इसके लिए मुझे ट्विटर की ओर से एक बैज भी सम्मान के रूप में मिला था. जब मेरा अकाउंट ब्लू टिक हुआ, तो पहले मुझे ये समझ नहीं आया कि भई ये आखिर क्या है. बाद में समझ आया कि ब्लू टिक वालों को वो वैल्यूड पैट्रॉन मानते हैं. धीरे-धीरे वो लोग जुड़ें जिन्हें पता भी नहीं था कि ट्विटर होता क्या है.

कैलाश आगे कहते हैं- ब्लू टिक प्रीविलेज्ड के हिस्से में आने लगे. अब कोई भी प्रीविलेज फ्री में मिलने लगे, तो उसकी वैल्यू खत्म होने लगती है. चूंकि यह कमर्शियल प्लैटफॉर्म है. अब जिसने खरीदा है, उसने भी तो पैसे ही देकर खरीदा है. तो उनका पूरा अधिकार है कि वो लोगों से पैसे मांग सकते हैं. यह अच्छा मूव है. अब ब्लू टिक वाला जो भी होगा, गरीब तो होगा नहीं कि वो पैसे न दे सके. तो इसमें इतना हंगामा करने की क्या बात है. 

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कैलाश खेर ने लोगों की मानसिकता पर उठाए सवाल

सिंगर ने आगे कहा- मुझे हैरानी होती है कि यहां पैसे देने की बात पर लोग निराश हो जाते हैं. जब आप पैसा कमाने के तमाम तरीके खोजते हो, तो जाहिर है सामने वाला भी तो अपना फायदा सोचेगा. हमें इस ईको सिस्टम का पार्ट बनना होगा. आप इतने स्वार्थी नहीं हो सकते हैं कि बस हम ही हम कमाएं, लेकिन पैसे दे नहीं. हमारे देश में लोगों की फ्री में चीजों का इस्तेमाल करने की मानसिकता है, जिसका कोई इलाज नहीं है. हालांकि अगर आप किसी चीज को फ्री में एक्सेप्ट करते हैं, तो वहीं से आपकी आजादी छिन जाती है. आपका अपना कोई स्टैंड नहीं होता है.

 

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