
'तुम्बाड' को मिली अपार सफलता और प्रशंसा के बाद प्रोड्यूसर और एक्टर सोहम शाह फिल्म 'क्रेजी' लेकर आए हैं. फिल्म 28 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. क्रिटिक्स से लेकर दर्शकों तक सभी ने इस फिल्म की प्रशंसा की है. फिल्म को मिल रही इस प्रशंसा पर फिल्म के एक्टर और प्रोड्यूसर सोहम शाह ने अपनी खुशी जाहिर की है.
लीग से हटकर नए कंटेंट वाली फिल्में बनाने वाले एक्टर-प्रोड्यूसर सोहम शाह ने हाल ही में दिये एक इंटरव्यू में अपनी नई फिल्म 'क्रेजी' पर बातचीत की. सोहम ने कहा, 'जब मैंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी, तो ये मेरे लिए वाकई एक थ्रिलिंग एक्सपीरियंस वाली कहानी थी. लेकिन जिस चीज ने मेरे ऊपर छाप छोड़ी, वो था इस किरदार का इमोशनल पैटर्न. जो प्रभाव इस कहानी ने मेरे ऊपर डाला, वो मेरे लिए इस फिल्म को बैक करने का फाइनल डिसाइडिंग फैक्टर बन गया. राईटिंग और पेज दोनों पर ही, जब आप इस थ्रिलिंग क्रेजी जर्नी पर जाते हैं, तब भी इस फिल्म के इमोशंस आपको चुपके से घेर लेते हैं. ज्यादा कुछ बताए बिना मैं ये कहना चाहूंगा कि हर पिता को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए.'
अगर कंटेंट हो तो छोटे बजट की फिल्म भी सफल होती है
बॉलीवुड में सक्सेस का मतलब अक्सर बड़े स्टार्स वाली लार्जर दैन लाइफ ब्लॉकबस्टर फिल्मों से होता है. लेकिन कभी-कभी एक ऐसी फिल्म आती है जिसमें कंटेंट सबसे ऊपर होता है. कम बजट में बनी थ्रिलर फिल्म 'क्रेजी' उन्हीं फिल्मों की कैटेगरी में आती है. फिल्म के कंटेंट और बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस पर सोहम कहते हैं, 'क्रेजी' की जर्नी एक कैल्कुलेटिड रिस्क और स्मार्ट एग्जीक्यूशन है. शुरू से ही हमारा ध्यान कम खर्च किए बिना एक हाई क्वालिटी की एंटरटेनिंग फिल्म बनाने का था. इस फिल्म को किसी बड़े बॉक्स ऑफिस नंबर्स की मदद के बिना सक्सेसफुल होने के लिए डिजाइन किया गया था. ये अप्रोच केवल एक फिल्म को सफल बनाने के लिए नहीं है, ये फ्यूचर के उन फिल्ममेकर्स के लिए एक प्लेबैक बनाने के लिए है, जो बड़े बजट और बॉक्स ऑफिस की परवाह किए बिना बोल्ड स्टोरीज बताना चाहते हैं. क्रेजी एक एग्जांपल है, कि अलग, नई और बोल्ड कहानियां भी नेक इरादों के साथ आगे बढ़ सकती है. इस तरह की फिल्म बनाना हमेशा ही एक बड़ा जुंआ होता है, लेकिन हमने इसे इस तरह बनाया कि हमारा पूरा फोकस इसके बजट से ज्यादा इसकी कहानी और विजन पर हो. इस फिल्म ने हमारे साथ-साथ इंडस्ट्री को भी ये सिखाया है कि कंटेंट वाला सिनेमा क्रिएटिवली भी और फाइनेंशियली भी सफल हो सकता है. इससे और भी कई फिल्ममेकर्स को रिस्क लेकर नई कहानियां दर्शकों तक पहुंचाने की प्रेरणा मिलेगी.'
आज भी है लोगों को कहानियों की तलाश
बॉलीवुड पर आजकल नई कहानी वाली फिल्में बनाने की जगह दूसरी भाषा की फिल्मों का रीमेक बनाने का आरोप लग रहा है. हाल ही में रिलीज हुई फिल्में देवा और बेबी जॉन दोनों ही साउथ की सुपर हिट फिल्मों का रीमेक थी, जिन्हें दर्शकों ने सिरे से नकार दिया. ऐसे में बॉलीवुड के भविष्य के बारे में सोहम ने कहा, 'क्रेजी की सफलता इस बात का सिग्नल है कि बॉलीवुड बदल रहा है. हर वो फिल्ममेकर जो आगे बढ़कर एक बोल्ड आइडिया लाता है, इंडस्ट्री उसको और भी ज्यादा जगह देती है. जब ऐसी फिल्में लंबे समय तक सिनेमाघरों में चलती हैं तो इससे ये पता चलता है कि जो कहानियां अलग और नई होंगी, वो अपनी जगह बना ही लेंगी.'
जहां एक तरफ फिल्ममेकर्स कमर्शियली सेफ फिल्म बनाने के प्रेशर में रहते हैं, तो वहीं 'क्रेजी' ये साबित करती है कि इंडस्ट्री में एक्सपेरिमेंट के लिए भी एक जगह खाली है. दर्शक उन फिल्मों की तरफ खिंचे चले आते हैं जिनमें नई कहानी और क्रिएटिव रिस्क होता है. ये फिल्म इस बात का संकेत है कि कंटेंट वाली फिल्मों के लिए दर्शकों में भूख है. और जब सब सही बैठ जाए, तो वो फिल्म क्रिटिकली और कमर्शियली अच्छा परफॉर्म कर सकती है.
आजकल की कंटेंट वाली फिल्मों का क्रेडिट उन फिल्ममेकर्स को जाता है जिन्होंने अपनी कहानियों में दर्शकों को विश्वास दिलाया. साउथ की कई फिल्में, खासकर कई सारी मलयालम फिल्मों (मंजुमल बॉयज, कुंबालंगी नाइट्स, प्रेमम) ने उन फिल्मों के लिए रास्ता बनाया है जो बड़े एक्टर्स की जगह अपनी दमदार कहानी पर निर्भर रहते हैं. सोहम शाह की फिल्म 'क्रेजी' भी इसी लिगेसी पर खड़ी है. ये इसे और आगे ले जाने का काम कर रही है और साथ ही पैशनेट फिल्ममेकर्स की नई जनरेशन को भी इंस्पायर कर रही है.
20 करोड़ के बजट में बनी सोहम शाह की फिल्म 'क्रेजी' अब तक 5.95 करोड़ का कलेक्शन कर चुकी है और अपने कंटेंट के दम पर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ मजबूत बनाती नजर आ रही है. फिल्म में शिल्पा शुक्ला, टीनू आनंद और पीयूष मिश्रा ने अपनी आवाज दी है.