
बिहार नेपाल सीमा के रक्सौल से सटे पर्सा जिला के बीरगंज महानगरपालिका वार्ड नंबर 13 राधे माई नेपाल की रहने वाली तृप्ति मुस्कान कर्ण की है. वह बचपन से ही अपनी प्रतिभा से अपने घरवालों के साथ समाज का दिल जीतती आ रही है. लेकिन तृप्ति के घर में मात्र उसके पिता ही कमाने वाले थे, जो सालभर पहले कोविड का शिकार हो गए. अब कोई कमाई का साधन उसके घर में नहीं है. ऐसे में अब एक्टर सोनू सूद की ने तृप्ति की मदद की है. सोनू ने बच्ची की शिक्षा का पूरा खर्च देने का वादा किया है. सोनू ने तृप्ति की मैट्रिक तक की पढ़ाई के लिए स्कूल में फीस जमा करवा दी है.
सोनू सूद ने की नेपाली लड़की की मदद
तृप्ति मुस्कान कर्ण का एक बड़ा भाई उज्वल कर्ण है, जो मानसिक रूप से बीमार है. दोनों बच्चों की जिम्मेदारी उनकी मां बबिता कर्ण गुहानी पर है. बबिता के अलावा घर में कमाने वाला कोई नहीं है. तृप्ति के पिता का नाम त्रिलोको नाथ कर्ण था. वह एक सुरक्षा संस्थान में अकाउंटेंट का काम करते थे. कोरोना से पीड़ित होने के बाद उनका निधन हो गया था.
मुस्कान के किसी रिश्तेदार ने सोशल मीडिया के माध्यम से सोनू सूद से मदद की मांग की थी. तो सोशल मीडिया के माध्यम से ही उसे सहयोग का वादा किया गया. सोनू सूद के नेपाली सहयोगी संस्थान के माध्यम से मैट्रिक के स्कूल खर्च का भुगतान भी किया गया. इसके अलावा सोनू सूद ने तृप्ति की आगे की पूरी पढ़ाई में मदद करने का वादा भी किया है.
जिस घर में तृप्ति रहती है वह बैंक के कर्ज में है. गणेश बचत ऋण सहकारी संस्थान के कर्ज में यह घर है. ऐसे में तृप्ति की मां के साथ-साथ उसके नाना-नानी को भी उसके घर की चिंता सता रही है कि आखिर कैसे घर को सुरक्षित रखा जाएगा. तृप्ति की नानी सुभद्रा देवी का कहना है कि वह खुद गरीब हैं. ऐसे में शिक्षा में सहयोग तो मिला लेकिन बेटी और नाती नतिन के रहने का डर उन्हें सता रहा है. बैंक उन्हें उनके द्वारा लिए कर्ज के लिए परेशान कर रहा है.
तृप्ति की मां बबिता कर्ण, सोनू सूद के सहयोग से काफी खुश हैं. उनका कहना है कि अब उनकी बेटी का सपना पूरा होगा. वहीं सोशल मीडिया के जरिए परिवार ने सोनू सूद का शुक्रिया भी अदा किया है. यह पहली बार नहीं है जब सोनू सूद ने किसी जरूरतमंद की मदद की है. वह कोरोना काल की शुरुआत से ही लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं. पढ़ाई के साथ-साथ सोनू ने लोगों को रोजगार भी दिलवाया है.