
सोनू सूद की पत्नी, सोनाली सूद मुंबई-नागपुर हाईवे पर एक सड़क हादसे में घायल हो गईं. उनके करीबी बता रहे हैं कि कल यानी 24 मार्च को सोनाली का एक्सीडेंट हुआ था. लेकिन ज्यादा चिंता की बात नहीं है.
सोनाली सूद का हुआ एक्सीडेंट
नागपुर में ही 24 मार्च को सोनाली सूद के साथ हादसा हुआ था. कार में सोनाली सूद, उनकी बहन का बेटा और एक महिला थी. सोनाली की कार एक ट्रक से टकराई, लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई. फिलहाल सोनाली नागपुर में है. उनका इलाज चल रहा है. सोनू सूद आज पत्नी के पास 25 मार्च की सुबह नागपुर पहुंचे थे.
सोनू सूद ने बताया हाल
सोनू सूद ने पत्नी सोनाली सूद के एक्सीडेंट को लेकर बात भी की है. उन्होंने बताया कि सोनाली ठीक हैं. एक्टर बोले, 'वो अभी ठीक हैं. ये चमत्कार है कि वो बिना हानि के बच निकलीं. ओम साई राम.'
अस्पताल से आया बयान
नागपूर के मैक्स अस्पताल में सोनू सूद की पत्नी सोनाली, सोनाली की बहन और भांजे का इलाज चल रहा है. ऐसे में अस्पताल से आधिकारिक बयान सामने आया है. बयान में कहा गया है, 'मिसेज सोनाली सूद, उनकी बहन और भांजे को नागपूर के मैक्स अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में कथित रोड एक्सीडेंट के बाद लाया गया था. तीनों मरीज अस्पताल में आने के वक्त होश में थे और उनके वाइटल साइन्स स्टेबल थे. उन्हें शरीर में अलग-अलग जगह खरोंच और चोटें आई थीं. सभी की पूरी तरह से जांच की गई ताकि अंदरूनी चोटों का पता लगाया जा सके. ऐसा कुछ तीनों में नहीं मिला. उनके भांजे को फर्स्ट एड देकर डिस्चार्ज कर दिया गया था. मिसेज सोनाली सूद और उनकी बहन अभी भी डॉक्टरों की देखरेख में हैं और अच्छे से रिकवर कर रही हैं. दोनों की हालत स्टेबल है.'
सोनू सूद और सोनाली सूद ने 1996 में शादी की थी. आंध्रप्रदेश की रहने वाली सोनाली पेशे से फिल्म प्रोड्यूसर हैं. सोनू सूद की फिल्म 'फतेह' में उन्होंने बतौर प्रोड्यूसर काम किया था. कपल के दो बेटे हैं, जिनके नाम अयान और इशांत हैं.
एक्टर की बात करें तो सोनू सूद को पिछली बार फिल्म 'फतेह' में देखा गया था. खून खराबे से भरी इस एक्शन फिल्म में सोनू सूद को एकदम अलग अवतार में देखा गया था. सोनू ने इस फिल्म से बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया. फिल्म की कहानी और डायलॉग भी सोनू ने ही लिखे थे. ये पिक्चर बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई.
कोरोना काल के बाद सोनू सूद एक मसीहा के तौर पर उभरे थे. उन्होंने 2020 में लगे लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर पहुंचने में मदद की थी. इसके अलावा वो विदेश में फंसे भारतीयों को भी वापस भारत लेकर आए. ऐसे में उन्हें देश के हीरो का टैग मिला था.