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Exclusive: क्या सुशांत संग संबंधों को फिल्ममेकर संदीप सिंह ने बढ़ा चढ़ाकर किया पेश?

फिल्ममेकर के तौर पर कोई खास पहचान नहीं रखने वाले संदीप सिंह ने टीवी इंटरव्यू दिए और सोशल-मीडिया पर जज्बाती पोस्ट जारी किए.

सुशांत सिंह राजपूत सुशांत सिंह राजपूत
मो. हिज्बुल्लाह/नितिन जैन
  • मुंबई,
  • 27 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद होने वाली घटनाओं में प्रो-एक्टिव रोल निभाने की वजह से फिल्ममेकर संदीप एस सिंह स्पॉटलाइट में आए. चाहे पोस्टमार्टम हो या अंतिम संस्कार, संदीप सिंह को आगे रहते देखा गया.

फिल्ममेकर के तौर पर कोई खास पहचान नहीं रखने वाले संदीप सिंह ने टीवी इंटरव्यू दिए और सोशल-मीडिया पर जज्बाती पोस्ट जारी किए. जिससे ऐसा संदेश जाए कि सुशांत सिंह राजपूत के साथ संदीप सिंह की गहरी दोस्ती थी.

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इंडिया टुडे की पहुंच में मौजूद संदीप सिंह के कॉल रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि संदीप और राजपूत के बीच एक साल से कोई संपर्क नहीं था, कम से कम संदीप के मेन सेल फोन पर. संदीप ने अपने पब्लिसिटी मैनेजर के जरिए राजपूत के शव को बांद्रा स्थित घर से अस्पताल तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस का भुगतान करने का भी दावा किया.

संदीप सिंह, मिरांडा और एम्बुलेंस

लेकिन जब इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम उसी एम्बुलेंस के ऑपरेटर्स तक पहुंची तो सर्विस प्रोवाइडर्स ने न सिर्फ संदीप सिंह के दावों को खारिज किया, बल्कि यह जोर देकर कहा कि रिया चक्रवर्ती के कथित सहयोगी सैमुअल मिरांडा ने उनके बिल क्लियर किए थे.

बता दें कि राजपूत केस में संदीप सिंह और मिरांडा दोनों जांच के दायरे में हैं. फिल्ममेकर को दिवंगत एक्टर के बैंक खाते के साथ संदिग्ध लेनदेन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना करना पड़ रहा है. सीबीआई को संदेह है कि राजपूत के पूर्व हाउस मैनेजर मिरांडा को आरोपी रिया चक्रवर्ती और एक्टर के बीच के सभी भेदों की जानकारी है.  

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जैसी कि जानकारी है कि 14 जून, जिस दिन राजपूत की मौत हुई, से लेकर 16 जून तक संदीप सिंह ने एम्बुलेंस ऑपरेटर्स को कई बार कॉल किया. इस पर सवाल उठे. इसको लेकर संदीप सिंह के पीआर मैनेजर ने विवाद को कमतर पेश करने की कोशिश की. उसने अपने एक ट्वीट में दावा किया कि उसके क्लाइंट की बातचीत सर्विस से जुड़े बिलों को क्लियर करने को लेकर थी.

संदीप सिंह के पीआर मैनेजर दीपक साहू ने 25 अगस्त को लिखा- "मैं 14 जून को सबसे अधिक बार फोन (संदीप सिंह का) संभाल रहा था और ड्राइवर ने भुगतान के लिए शाम को कुछ बार फोन किया. 16 तारीख को ड्राइवर ने फिर से भुगतान करने के लिए फोन किया, जिसे 22 जून को क्लियर कर दिया गया."

उसी एम्बुलेंस ऑपरेशन के एक और सह-मालिक विशाल ने भी ऐसे दावों को खारिज किया. विशाल के मुताबिक, भुगतान सैटल करने जैसा कोई मुद्दा ही नहीं था.

राजपूत के हाउसहोल्ड पर मिरांडा का पूरा कंट्रोल था?

विशाल ने इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स को बताया कि उसके भाई अक्षय बांगड़, जिसे फिल्ममेकर (संदीप सिंह) ने राजपूत की मौत के दो दिन बाद कई बार फोन किया, को मिरांडा से 8,100 रुपए पहले ही मिल चुके थे.  

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रिपोर्टर- तुम्हें उसे (राजपूत की बॉडी) को ले जाने के लिए पैसे मिले या नहीं? 

विशाल- हां, हमें 8100 रुपए मिले, ये सैम, सैम नाम से उसका (राजपूत का) पीए था. 

रिपोर्टर- सैमुअल मिरांडा? 

विशाल- "हां, जब हम बॉडी को ले जा रहे थे, तब उन्होंने (संदीप सिंह) कई बार एम्बुलेंस के स्थान के बारे में पूछताछ करने के लिए कई बार कॉल किया. हमारा काम बॉडी को अस्पताल में ट्रांसफर करने तक सीमित है."

अटकलों की निकाली हवा 

एम्बुलेंस ऑपरेटर और उसके कर्मचारी अशफाक ने भी दो एम्बुलेंस और राजपूत की बॉडी को ले जाते वक्त मिस्ट्री बैग देखे जाने संबंधी मीडिया के वर्गों की अटकलों को खारिज किया. 

एम्बुलेंस ऑपरेटर विशाल ने स्पष्ट किया, "मेरे भाई (अक्षय) की ये गलती थी कि वो खराब स्ट्रेचर के साथ जर्जर वाहन को ले गया. पुलिस ने हमें इसे बदलने के लिए कहा क्योंकि इसे सेलेब्रिटी के लिए इस्तेमाल किया जाना था."

वाहन में तथाकथित मिस्ट्री बैग के बारे में जब पूछा गया तो अशफाक ने उसका राज भी खोल दिया. अशफाक ने इंडिया टुडे के अंडरकवर रिपोटर्स को उसे खोल कर दिखाया. वो एक पोर्टेबल स्ट्रेचर था!

 

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