Advertisement

किसान आंदोलन: किसानों पर सरकार की कार्रवाई से भड़कीं स्वरा-तापसी, बताया 'शर्मनाक'

बॉलीवुड सेलेब्स ने भी किसान आंदोलन पर अपना रिएक्शन दिया है. तापसी पन्नू, वीर दास, स्वरा भास्कर समेत कई सेलेब्स ने सोशल मीड‍िया पर किसान आंदोलन को लेकर अपनी बात रखी है.

तापसी पन्नू-स्वरा भास्कर तापसी पन्नू-स्वरा भास्कर
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 28 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

कृष‍ि कानून के विरोध में किसानों के आक्रोश को पूरा देश देख रहा है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली में अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. बॉलीवुड सेलेब्स ने भी किसान आंदोलन पर अपना रिएक्शन दिया है. एक दिन पहले सोनू सूद, दिलजीत दोसांझ जैसे कलाकारों ने किसान आंदोलन में किसानों के प्रति अपना समर्थन दिखाया था. अब तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर ने भी इसपर रिएक्ट किया है. दोनों ने किसानों पर पुलिस की कार्यवाही की निंदा की है.

Advertisement

तापसी पन्नू ने सारकास्ट‍िक अंदाज में लिखा- 'चलो अब बिना वक्त गंवाए खाना बॉयकॉट करते हैं, कमॉन ट्व‍िटर आप कर सकते हैं'. 

तापसी पन्नू ट्वीट

स्वरा भास्कर ने एक वीड‍ियो शेयर करते हुए उसपर रिएक्ट किया है. इस वीड‍ियो में पुलिस किसानों पर वाटर कैनन से पानी की बौछारें कर रही है. स्वरा ने हर‍ियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार पर उंगली उठाते हुए लिखा- 'शर्मनाक! @mlkhattar सरकार पर लानत. सोनीपत में 14 डिग्री टेंपरेचर है!!! क्रूर अमानवीय लोग!'. 

स्वरा भास्कर ट्वीट

वीर दास ने ट्वीट किया- 'आपने अभी वाटर कैनन से कई टन पानी किसानों पर बरसाए, जो हर साल पानी की कमी के कारण जूझते हैं...और फिर आप उन्हें पीने के लिए पानी देते हैं...वही पानी पी लो'. 

इसे पहले सोनू सूद और दिलजीत दोसांझ ने सोशल मीड‍िया पर अपना रिएक्शन दिया था. सोनू सूद ने किसानों के समर्थन में तीन शब्दों में लिखा- 'किसान मेरा भगवान'. दिलजीत दोसांझ ने भी किसानों पर पानी की बौछारें करते पुलिस की फोटो साझा कर उसपर रिएक्ट किया है. उन्होंने लिखा- 'बाबा भला करें, अंग संग सीय होवे'. 

Advertisement

क‍िसके ख‍िलाफ हैं क‍िसान?  

किसान आंदोलन को लेकर देश में जमकर बवाल मचा हुआ है. हर‍ियाणा, पंजाब कई राज्यों के किसान तीन नए कृष‍ि कानून का विरोध कर रहे हैं. पंजाब की 31 किसान यूनियनों ने 26 और 27 नवंबर को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया. ऐसा तीन केंद्रीय कानूनों के विरोध और अन्य मांगे मनवाने के लिए किया गया है. किसान यूनियनों का कहना है कि ये कानून किसानों के पक्ष में नहीं हैं, इससे कृषि के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही जमाखोरों और बड़े कॉर्पोरेट घरानों को फायदा होगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement