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जब पहली रिकॉर्डिंग में लता मंगेशकर ने तलत अजीज से कही ऐसी बात, हैरान रह गए गजल गायक

लता दीदी की विशेषताओं पर बात करते हुए तलत अजीज ने कहा कि लता मंगेशकर ने अपने 7 दशकों के करियर में हमेशा सुर के साथ गाया है. आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ, जब उनके सुर कहीं हिले हों. तलत बताते हैं कि वो जितनी अच्छी सिंगर थीं, उतनी ही अच्छी इंसान भी थीं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST
  • तलत को याद आये लता दीदी के किस्से
  • पहली मुलाकात का यादगार किस्सा
  • लता मंगेशकर की कभी ना भूलाने वाली यादें

लेजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर का जाना भारतीयों के लिये बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो पायेगी. लता मंगेशकर महज एक सिंगर नहीं थीं, बल्कि कई लोगों के लिये देवी भी थीं. लता मंगेशकर के जाने के बाद कई लोगों की जिंदगी में एक अजीब सा खालीपन आ चुका है. अब लता दीदी हमारे बीच नहीं, लेकिन उनसे जुड़े कई किस्से-कहानियां हमारे दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगे. लेजेंडरी सिंगर को करते हुए आजतक के खास कार्यक्रम 'श्रद्धांजलि: तुम मुझे भुला ना पाओगे' में सिंगर तलत अजीज ने भी लता दीदी से जुड़ी कई यादें शेयर की हैं. 

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तलत अजीज ने शेयर किया किस्सा
 'श्रद्धांजलि: तुम मुझे भुला ना पाओगे' में लता मंगेशकर को याद करते हुए तलत अजीज ने उनसे हुई पहली मुलाकात का किस्सा शेयर किया है. तलत अजीज कहते हैं कि उन्हें पहली बार फिल्म बाजार (1982) के लिए लता मंगेशकर के साथ गाना रिकॉर्ड करने का मौका मिला था. उस समय वो काफी नवर्स थे. उन्होंने कहा, 'मैं काफी छोटा था जब मैंने लताजी के साथ अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था. मैंने अपना एल्बम रिकॉर्ड किया था, लेकिन यह रिलीज नहीं हुआ था. मुझे लता जी के साथ रिकॉर्ड करना पड़ता था. उन दिनों, रिकॉर्डिंग लाइव हुआ करती थी और एक गलती की वजह से पूरी रिकॉर्डिंग खराब हो जाती थी.'

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आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बहुत घबराया हुआ था. ऐसे में लता जी ने जी मुझसे कह, 'तुम घबरा क्यों रहे हो, तुम अच्छा गाते हो.' इस सादगी के साथ मैंने उनसे पूछा कि आपने मुझे कब सुना. इस पर लता जी कहती हैं कि वो दूरदर्शन में कार्यक्रम आता है ना 'आरोही' मैंने उसमें आपको गाते हुए सुना था. तलत कहते हैं कि उस समय वो लता मंगेशकर नहीं थीं, बल्कि एक युवा सिंगर को प्रोत्साहित करने वाली बुजुर्ग थीं. तलत ने पहली बार 1982 में लता मंगेशकर के साथ 'रात है या बारात फूलों की' गाना गाया था. 

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क्यों खास थीं लता मंगेशकर?
लता दीदी की विशेषताओं पर बात करते हुए तलत अजीज ने कहा कि लता मंगेशकर ने अपने 7 दशकों के करियर में हमेशा सुर के साथ गाया है. आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ, जब उनके सुर कहीं हिले हों. तलत बताते हैं कि वो जितनी अच्छी सिंगर थीं, उतनी ही अच्छी इंसान भी थीं. तलत कहते हैं कि वो इतनी बड़ी सिंगर होकर भी बेहद साधारण तरीके से रहती थीं. उनमें जरा सा भी घमंड नहीं था. महान गायिका होकर भी वो घर पर गाने की रिहर्सल करती थीं. इसके अलावा हर किसी की मदद के लिये भी हाजिर रहती थीं. 

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तलत अजीज की बातों से साफ है कि हमने लता मंगेशकर के रूप में वो हीरा खोया है, जिसे दोबारा पाना अब एक सपना बनकर रह गया है. 

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