
अमेजन प्राइम के हालिया रिलीज वेब सीरीज तांडव भले ही विवादों से घिरा है, लेकिन सीरीज को लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला. क्रिटिक्स ने भी सीरीज को मिला-जुला रिस्पॉन्स दिया है. तांडव की कहानी से अलग सीरीज के कैरेक्टर्स की बात करें तो इस बार तांडव में सैफ अली खान से ज्यादा सुनील ग्रोवर की चर्चा है. गुरपाल के जैसा ही मिलता-जुलता किरदार मिर्जापुर सीरीज में मकबूल के रूप में देखने को मिला. आइए जानें दोनों किरदारों की खासियत.
कैसा है मकबूल का किरदार?
मिर्जापुर सीजन 1 और सीजन 2 में कालीन भैया यानी पंकज त्रिपाठी के हंचमैन (पर्सनल गुंडा) या कहें प्रधान सेवक के तौर पर एक्टर शाजी चौधरी नजर आए थे. शाजी चौधरी ने सीरीज में कालीन भैया के प्रधान सेवक मकबूल का किरदार निभाया. ना वफादारी में कोई कमी ना किसी को मारने में कोई दया, चेहरे पर रहस्य से भरे भाव लिए मकबूल की भूमिका में शाजी चौधरी ने अपने डार्क कैरेक्टर के साथ पूरा न्याय किया.
गुरपाल के अंदर नहीं है कोई दया
वहीं तांडव में सुनील ग्रोवर, गुरपाल चौहान के किरदार में नजर आए. गुरपाल भी मकबूल के जैसा ही मालिक के प्रति ईमानदार है. मालिक की हर बात गुरपाल के सिर आंखों पर. सैफ के एक इशारे पर गुरपाल आगे का पूरा काम संभाल लेता है. उसके अंदर दया नाम की भावना कहीं नजर नहीं आती और मालिक के लिए बेकसूर को भी मारने से नहीं हिचकता. गुरपाल के चेहरे के भाव भी मिर्जापुर के मकबूल की तरह बिल्कुल सपाट हैं. ना खुशी नजर आती है ना गम, बस मालिक के लिए ईमान का भाव दिखता है.
डार्क कैरेक्टर्स लेकिन इस वजह से लोगों के बीच बनी पहचान
दोनों ही सीरीज दर्शकों को पसंद आई. हालांकि तांडव में गुरपाल के किरदार में सुनील ग्रोवर ने वाहवाही लूटी, लेकिन मिर्जापुर में पंकज त्रिपाठी सारी तारीफें बटोर ले गए. गुरपाल और मकबूल, ये दोनों ही किरदार डार्क कैरेक्टर्स हैं जिन्हें उनके अभिनय ही नहीं बल्कि सीरीज में अपने मालिक के प्रति वफादारी करने के लिए भी सराहा गया. सीरीज में लोगों को जान से मारने और सही के विपरीत जाने के बावजूद इन दोनों ही किरदारों ने दर्शकों के बीच पहचान बनाई.