
भारत के लिए 24 जनवरी का दिन खास रहा. हो भी क्यों न, हिंदी सिनेमा ने ऑस्कर नॉमिनेशन्स में जो अपनी जगह बनाई है. दो डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म और एक सॉन्ग साल 2023 ऑस्कर अवॉर्ड में नॉमिनेट हुए हैं. है न कितने गर्व की बात? इस बार 12 मार्च को ऑस्कर अवॉर्ड्स होंगे. जिमी केमिल इसे होस्ट करेंगे. हर किसी को इस दिन का इंतजार इसलिए भी है, क्योंकि भारत के इस साल ऑस्कर्स घर लाने के चांसेस जो बन रहे हैं.
जो दो डॉक्यूमेंट्री फिल्में इस बार ऑस्कर्स के लिए नॉमिनेट हुई हैं वो हैं All That Breathes और The Elephant Whisperers. शॉनक सेन ने एक को डायरेक्ट किया है और दूसरी डॉक्यूमेंट्री का डायरेक्शन गुनीत मोंगा और कार्तिकी ने संभाला है. दोनों के लिए ऑस्कर में जाना, बहुत बड़ी बात है. हो भी क्यों न. अपनी फिल्मों से दोनों ने दर्शकों के दिलों को जो छुआ है. वहीं, दूसरी ओर एसएस राजामौली की फिल्म RRR के सॉन्ग 'नाटू नाटू' को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. 'नाटू नाटू' गोल्डन ग्लोब 2023 तो जीत ही चुका है, अगर ऑस्कर भी लाता है तो यह इतिहास रच देगा. गाने को एमएम कीरावानी ने कंपोज किया है.
क्या है All That Breathes की कहानी?
साल 2022 में इस डॉक्यूमेंट्री को इंटरनेशनल लेवल पर को- प्रोड्यूस किया गया था. शॉनक सेन, अमन मान और टेडी लीफर ने इसे मिलकर प्रोड्यूस किया था. कहानी उन दो भाइयों, मौहम्मद साऊद और नदीम शहजाद के बारे में है जो दूषित हवा और गंदगी के कारण मर रहे पक्षियों का इलाज करते हैं और उन्हें नई जिंदगी देते हैं. दोनों दिल्ली के रहने वाले हैं. मिलकर एक क्लीनिक चलाते हैं, जो बीते 20 सालों में 20 हजार से भी ज्यादा पक्षियों का इलाज कर चुके हैं. दोनों भाइयों का काम के प्रति डेडिकेशन देखते हुए शॉनक सेन ने इनपर डॉक्यूमेंट्री बनाई जो आज ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई है. फिल्म 22 जनवरी 2022 को रिलीज हुई थी.
इस फिल्म को 2022 Sundance Film Festival में वर्ल्ड वाइड लेवल पर प्रीमियर किया था. इसके अलावा 2022 Cannes Film Festival में भी इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी. इंटरनेशनल लेवल पर फिल्म को खूब वाहवाही मिली है.
क्या है The Elephant Whisperers की कहानी?
गुनीत मोंगा की फिल्म The Elephant Whisperers पिछले साल 8 दिसंबर 2022 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी. 41 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में उस कपल (बोमन और बेली) की कहानी दिखाई गई है, जिसे एक अनाथ एलीफेंट मिलता है. नाम होता है रघु. रघु के लिए कपल का घर रिहैबिलेटेशन सेंटर होता है. कहानी में आप देखेंगे कि किस तरह रघु और कपल के बीच प्यार और नजदीकियां हमें यह सिखाती हैं कि जानवर बोल नहीं सकता, लेकिन आपके प्यार को समझकर आपसे कनेक्ट जरूर कर सकता है.
गुनीत मोंगा के साथ कार्तिकी गोंसाल्वे ने इस फिल्म के जरिए अपना फिल्ममेकिंग डेब्यू किया है. इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने में पांच साल लगे. 18 महीने केवल इस बात में लग गए कि कपल और उसके पास मौजूद दो हाथी के बच्चों के साथ वह फ्रेंडली हो जाएं. शूटिंग क्रू के साथ वह कम्फर्टेबल हों. कैमरे से वह रूबरू हो सकें. कार्तिकी ने बताया कि मात्र 41 मिनट की डॉक्यूमेंट्री बनाने और बेस्ट शॉर्ट लेने के लिए घंटों- घंटों कैमरे को एक ही जगह पर प्लेस करके रखना पड़ता था. पूरा देखने के बाद उसमें से बेस्ट शॉर्ट निकाला. तब जाकर एक डॉक्यूमेंट्री में इसे पूरा तैयार किया गया.
सच में कहना पड़ेगा, एक डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. और जब बात हो उसे रियल दिखाने की. ऐसे ही थोड़ी न दोनों शॉर्ट फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हो गईं.