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'तुम्बाड़' में 500 किलो की होने वाली थीं दादी, ऐसे बदला लुक, जानें किसने निभाया रोल

एक्टर सोहम शाह ने न सिर्फ 'तुम्बाड़' में लीड किरदार निभाया है बल्कि वो फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं. अब सोहम ने अपनी फिल्म की मेकिंग के पूरे प्रोसेस को लेकर लंबी बातचीत की है और बताया है कि कैसे फिल्म को तैयार होने में 6 साल लगे थे.

'तुम्बाड़' में एक्टर मोहम्मद समद 'तुम्बाड़' में एक्टर मोहम्मद समद
ऋचा मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 14 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

2018 में बहुत लिमिटेड स्क्रीन्स पर रिलीज हुई फिल्म 'तुम्बाड़' जब ओटीटी पर आई, तो इसे दर्शकों के इतना प्यार दिया कि आज ये एक कल्ट फिल्म बन चुकी है. अब 6 साल बाद, शुक्रवार को थिएटर्स में ये फिल्म दोबारा रिलीज हुई है.

एक्टर सोहम शाह ने न सिर्फ 'तुम्बाड़' में लीड किरदार निभाया है बल्कि वो फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं. अब सोहम ने अपनी फिल्म की मेकिंग के पूरे प्रोसेस को लेकर लंबी बातचीत की है और बताया है कि कैसे फिल्म को तैयार होने में 6 साल लगे थे. इसमें कितनी मेहनत लगी और कैसे आईडियाज बदलते-बदलते फाइनली उस शक्ल में जनता के सामने पहुंचे, जो वो अब देख रहे हैं.

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सोहम शाह की मुगल-ए-आजम  
आजतक ड‍िज‍िटल को दिए इंटरव्यू में सोहम ने बताया कि 'तुम्बाड़' को असल में हॉरर फिल्म नहीं, बल्कि 'दादी मां की दंतकथा' कहना ज्यादा ठीक होगा. उन्होंने बताया कि फिल्म का  VFX स्वीडन से हुआ था और बैकग्राउंड अमेरिका से.

सोहम ने कहा, 'प्रोडक्शन डिजाईन पर इतनी मेहनत की गई थी तो मुझे लगता था कि हम मुगल-ए-आजम बना रहे हैं और ये लोगों तक पहुंचेगी. ये अलग बात है कि थिएटर्स में आने के समय नहीं पहुंची तो ओटीटी पर पहुंची.' 

'तुम्बाड़' फिल्म से एक सीन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

'तुम्बाड़' के पोस्टर से लेकर ट्रेलर तक में सोहम का किरदार, अपने शरीर का पूरा जोर लगाकर और बीच में खुद को फंसाकर एक बहुत बड़ा दरवाजा खोलता नजर आता है. इस दरवाजे और उसके सामने बहुत छोटे लगते सोहम की इमेज जनता शायद ही कभी भूल सके. 
इस सीन के बारे में बात करते हुए सोहम ने बताया, 'वो राही का विजन था कि ताले ऐसे होंगे. अगर आप ताले देखो तो कुछ अलग तरह के ताले हैं. मेरी नानी के घर पर ऐसे ताले हुआ करते थे. ऐसे दरवाजे गांव में हुआ करते थे.' 

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सोहम ने ये भी बताया कि फिल्म में नजर आ रही बस तैयार करने में टीम की 'जान निकल गई थी.' वो लोग जिस बस को शूट के लिए लेकर आए थे वो 1935 की बस थी. टीम को वैसी बस मिल नहीं रही थी और बड़ी मुश्किल से इसे तैयार किया गया. 

फिल्म बनाने में आए सबसे बड़े चैलेंज का जिक्र करते हुए सोहम ने कहा, 'हमेशा बारिश एक चैलेंज रहा है, क्योंकि वो एक कैरेक्टर है फिल्म में. एक पीरियड है अगस्त-सितंबर का उसी समय शूट कर सकते हैं बारिश का मौसम. वो सबसे बड़ा चैलेंज था. उसके कारण साल के साथ डिले हो जाता था.' 

'तुम्बाड़' फिल्म से एक सीन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

पहले 500 किलो की थीं 'तुम्बाड़' की दादी
6 साल में बनकर तैयार हुई इस फिल्म के शूट पर आईडिया लगातार किस तरह बदलते रहे, सोहम ने ये भी बताया. उन्होंने बताया कि फिल्म में शैतानी देवता हस्तर पहले एक सूट के जारी डिजाईन किया गया था जिसे पहनकर एक आर्टिस्ट परफॉर्म करता था. लेकिन उससे बात नहीं बन रही थी तो फिर हस्तर का डिजाईन बदला गया. इसी तरह फिल्म में दादी के भयानक किरदार को बनाने के लिए भी बहुत दिमाग लगाया गया.

सोहम ने बताया, 'पहले दादी 500 किलो की हुआ करती थी. बहुत डिफिकल्ट था दादी के साथ शूट करना. क्योंकि जिन लोगों ने बनाया था प्रोस्थेटिक वो खुद ही कर के दिखा रहे थे, और कोई कर ही नहीं पा रहा था. लेकिन ये काम नहीं कर रहा था. फिर दादी की डिजाईन चेंज हुई, (हंसते हुए उन्होंने कहा...) दादी को डाइट कराई गईं. जो समद (एक्टर मोहम्मद समद) है, जिसने मेरा बेटा प्ले किया है, उसी ने दादी प्ले किया. वही एक्टर है. फिर आईडिया आया कि दादी पेड़ बन गई, उनका एक अलग हार्ट है, अलग से लीवर है.'

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'तुम्बाड़' फिल्म से एक सीन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

'तुम्बाड़' एक कल्ट फिल्म बन चुकी है और इसे आज इंडियन सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है, तो क्या इसका सीक्वल भी बनेगा? सोहम ने अपने नए प्रोजेक्ट्स की बात करते हुए इसका भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'मैं तुम्बाड़ 2 भी बना रहा हूं. मैं एक प्रोजेक्ट और बना रहा हूं 'संतोष लक्ष्मी', जो 'तुम्बाड़' से दस गुना ज्यादा एम्बिशियस है, जिसमें ट्रेनें पहाड़ में घुस जाएंगी बड़े-बड़े सेट्स होंगे.' 

'तुम्बाड़' को थिएटर्स में 6 साल बाद दोबारा रिलीज करने की जरूरत के बारे में सोहम ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारी फिल्म के साथ नाइंसाफी हुई है. ये लोगों तक पहुंचनी चाहिए थी, ये लोगों को देखनी थी. मुझे लगता है कि हमारा हक लोगों को मिला नहीं है, तो हम अपना हक वापस ले रहे हैं.' 

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