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Adipurush Review: कहानी की 'लंका' लगाते डायलॉग और VFX की ओवरडोज से भरी है प्रभास की 'आदिपुरुष'

रामायण की महागाथा पर बनी डायरेक्टर ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में प्रभास, कृति सेनन, सैफ अली खान संग अन्य एक्टर्स ने काम किया है. ये फिल्म कैसी है और मेकर्स ने राम-सीता की कहानी के साथ कितना न्याय किया है, पढ़िए हमारे रिव्यू में.

फिल्म 'आदिपुरुष' में प्रभास फिल्म 'आदिपुरुष' में प्रभास
पल्लवी
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2023,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST
फिल्म:आदिपुरुष
1/5
  • कलाकार : प्रभास, कृति सेनन, सैफ अली खान
  • निर्देशक :ओम राउत

हम सभी ने रामायण के किसी ना किसी वर्जन को टीवी या बड़े पर्दे पर देखा है. रामानंद सागर का शो 'रामायण' तो आज भी हिट है. इसे कोविड के लॉकडाउन के दौरान दर्शकों ने खूब पसंद किया था. ऐसे में जब डायरेक्टर ओम राउत ने रामायण की कहानी पर आधारित अपनी फिल्म 'आदिपुरुष' बनाने का ऐलान किया तो ये रामभक्तों के लिए एक तरह से ट्रीट का ऐलान था. अब जब ये फिल्म रिलीज हो गई है तो जानते हैं कि ये ट्रीट कितनी खुशनुमा है.

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ओम राउत ने अपनी रामायण को आधुनिकता के नजरिए से दिखाया है. यहां रावण टिपिकल सोने की लंका नहीं बल्कि ब्लैक पैंथर के 'वाकांडा' जैसी आधुनिक दिखने वाली लंका में रहता है. उसके पास अपने चमगादड़ जैसे दिखने वाले विमान को लैंड करने के लिए 'हेलीपैड' जैसी चीज है. उसके पास आराधना के लिए बहुत बड़ी जगह है, जहां उसकी ही अलग-अलग पोज में मूर्तियां भी हैं. जब रावण शिव वंदना करता है तो उसके साथ उसकी मूर्तियां भी 'होश में' आकर आरती गाती हैं.

इस रामायण का रावण मायावी और दस सर वाला तो है ही, स्टाइलिश भी है. वो ब्लैक टी-शर्ट, केप के साथ पहनता है. उसके बाल Faux Hawk हेयरकट में कटे हुए हैं. रावण की तरह ही उसके बेटे इंद्रजीत भी आधुनिक हैं. उनके पूरे बदन पर टैटू हैं और बालों को उसने कॉर्न रो स्टाइल में बनाया हुआ है. क्योंकि ये रावण की लंका है तो यहां सबकुछ काला है. इसी से पता चलता है कि वो दुष्ट है. उसकी अशोक वाटिका में आम पेड़-पौधे नहीं बल्कि चेरी ब्लॉसम लगे हैं.

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फिल्म 'आदिपुरुष' में सैफ अली खान

आपको इससे अंदाजा हो गया होगा कि ओम राउत की बनाई रामायण दूसरों से एकदम अलग है. 'आदिपुरुष' में किरदारों के अलग नाम रखे गए हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम राम यहां राघव नाम से जाने जा रहे हैं. सीता, जानकी और लक्ष्मण का नाम शेष है. हनुमान को तो सब बजरंग बली कहते ही हैं. रावण की 'आधुनिक' लंका से कहीं दूर राघव, जानकी और शेष जंगल में वनवास काट रहे हैं. वो गुफा में रहते हैं. नदी में बांस की नाव बनाकर सैर करते हैं. उनकी जिंदगी में तूफान लाती है सूर्पणखा, जिसकी नाक शेष ने काट दी थी. मायावी रावण बहन का प्रतिशोध लेने के लिए जानकी को उठा ले जाता है. वो पुष्पक विमान पर नहीं आता, बल्कि अपने 'चमगादड़ विमान' पर आता है. ऐसा नहीं है कि उसके पास पुष्पक विमान नहीं है. बस रावण कभी इसका इस्तेमाल नहीं करता, तो ये कभी 'पार्किंग' से बाहर नहीं जाता.

सीता का हरण होने के बाद राघव और शेष मिलकर उसे ढूंढ रहे हैं. अंत में वो कामयाब भी होंगे ये बात हर देखने वाला जानता है. लेकिन इस पूरी जर्नी को दिखाने का तरीका थोड़ा ट्रिकी है. 'आदिपुरुष' में VFX का इस्तेमाल किया जाएगा ये बात पहले ही बता दी गई थी. इस फिल्म के पहले टीजर के आने पर विवाद शुरू हुआ तो मेकर्स ने इसे बेहतर करने का ऐलान किया था. फिर भी फिल्म का VFX कमजोर है. एक सीन में आप राघव को जंगल में कुछ मायावी राक्षसों से लड़ते हुए देखेंगे, जो हैरी पॉटर फिल्मों में नजर आए Dementers यानी दमपिशाचों जैसे लगते हैं. राघव संग उनकी लड़ाई देखना रोमांचक कम और हास्यास्पद ज्यादा लगता है. वानर सेना ठीकठाक दिखती है. 

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फिल्म 'आदिपुरुष' में प्रभास

रावण की लंका सोने की कम काले पत्थर से बनी ज्यादा लग रही है. अगर मेकर्स मार्वल मूवी से लंका बनाने की प्रेरणा ले ही रहे थे तो 'वाकांडा' की जगह थॉर के Asgard से लेनी चाहिए थी. जब रावण गुस्सा होता है या फिर अहंकारी होकर हंसता है तो उसके 10 सिर बाहर आ जाते हैं. षड्यंत्र करने के लिए वो अपने इन्हीं 10 सिरों से बातें भी करता है और जानकी को उसकी हो जाने को लेकर मनाने के लिए सिरों का इस्तेमाल कर अलग-अलग इमोशन्स भी दिखाता है. रावण का बेटा इंद्रजीत 'फ्लैश' से कम नहीं है. उनकी तेजी का कोई मुकाबला नहीं है. लेकिन उसकी बातें उतनी ही इरिटेटिंग हैं. इसी के साथ फिल्म की सबसे बड़ी कमी उसके डायलॉग हैं. इंटरनेट की भाषा में इस समय जिन्हें 'छपरी' कहा जा रहा है. 'आदिपुरुष' के डायलॉग सुनकर आप खुद में शर्मिंदा महसूस करते हैं कि राघव, जानकी और रावण की कहानी में ये कैसी बातें कही जा रही हैं. 

डायलॉग्स का उदाहरण भी दे देती हूं आप खुद समझ जाएंगे. इंद्रजीत, बजरंग की पूंछ में आग लगाने के बाद कहता है- 'जली ना? अब और जलेगी. बेचारा जिसकी जलती है वही जानता है.' इसके जवाब में बजरंग कहते हैं, 'कपड़ा तेरे बाप का. तेल तेरे बाप का. आग भी तेरे बाप की. और जलेगी भी तेरे बाप की.' रावण को अंगद ललकारते हुए कहते हैं, 'रघुपति राघव राजा राम बोल और अपनी जान बचा ले. वरना आज खड़ा है कल लेटा हुआ मिलेगा.' शेष (लक्ष्मण) पर वार करने के बाद इंद्रजीत कहता है, 'मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया.'

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फिल्म 'आदिपुरुष' में देवदत्त नागे

VFX और डायलॉग्स के साथ-साथ फिल्म के स्क्रीनप्ले में भी गड़बड़ है. ये फिल्म बहुत स्लो है. इसके साथ ही इसमें रामायण के बहुत से हिस्सों को नहीं दिखाया गया है. इनमें कुछ बड़ी चीजें हैं और कुछ छोटी. परफॉर्मेंस की बात करें तो प्रभास और कृति सेनन ने अच्छा काम किया है. लेकिन उनकी केमिस्ट्री बहुत कमाल नहीं रही. सैफ अली खान, रावण के रोल में काफी दमदार हैं. शेष और बजरंग के रोल में सनी सिंह निज्जर और देवदत्त नागे का काम ठीक है. डायरेक्टर ओम राउत, रामायण जैसी महागाथा के साथ न्याय करने में नाकाम रहे हैं. 'आदिपुरुष' को वो और बेहतर ढंग से बना सकते थे. कई एलिमेंट्स को बढ़िया अंदाज में दिखाया जा सकता था, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ. मनोज मुंतशिर की लिखी कहानी में बातें खूब हैं लेकिन दम बिल्कुल नहीं है.

 

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