
हिमेश रेशमिया या बोला जाए लॉर्ड हिमेश अपनी नई 80s स्टाइल की फिल्म 'बैडऐस रवि कुमार' के साथ सिनेमाघरों में छाए हुए हैं. इस फिल्म के चर्चे काफी वक्त से हो रहे हैं. जब से पिक्चर का ट्रेलर रिलीज हुआ, दर्शकों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई थीं. 80s के स्टाइल और एंटरटेनमेंट के वादे के साथ रवि कुमार का कहना था कि 'लॉजिक' की तलाश उनकी फिल्म में न की जाए और उन्होंने बिल्कुल ठीक कहा था.
लॉर्ड हिमेश की इस फिल्म में एक्शन है, मसाला है, डायलॉगबाजी है, रोमांस है, खून खराबा है, धोखेबाजी है, ट्विस्ट एंड टर्न्स हैं, लेकिन लॉजिक, वो इसमें दूर-दूर तक नहीं है. 'बैडऐस रवि कुमार' में आपको एंटरटेनमेंट और 80 के गोल्डन एरा को दोबारा जीने का मौका देने का वादा किया गया था, और यही लॉर्ड हिमेश ने डिलीवर भी किया है. ये फिल्म 'बैड' है, ये फिल्म 'ऐस' है, और इसमें 'रवि कुमार' का जलवा जबरदस्त है.
रवि कुमार जैसा कोई नहीं!
'द एक्सपोज' का डायलॉगबाज रवि कुमार वापस आ गया है. उसकी डायलॉगबाजी की आदत आज भी नहीं गई है. उसका टशन आज भी कम नहीं हुआ और आज भी वो किसी के सामने सिर झुकाने में विश्वास नहीं करता. रवि कुमार पुलिसवाला गुंडा है. वो बोल्ड है, बैडऐस है और उसे खतरों से खेलने में जरा भी डर नहीं लगता. रवि कुमार धुरंधर है. वो पुलिसवाला होने के साथ-साथ रेसर और सिंगर भी है. लड़कियां रवि कुमार की दीवानी हैं. मतलब दुनिया में कोई हसीना नहीं होगी, जिसपर रवि कुमार के बैडऐस स्टाइल का जादू नहीं चला. गर्ल्स वॉन्ट हिम. उसकी प्रेमिका, उसकी प्रेमिका की बहन, उसे क्लब में 2 मिनट के लिए मिली लड़की, सबको रवि कुमार से मोहब्बत है. वो इतना इररेजिस्टिबल है.
रवि कुमार को निगेटिविटी से नफरत है, इसलिए वो निगेटिव लोगों का खात्मा कर देता है. रवि कुमार बात करने में विश्वास नहीं रखता, उसका बात करने का सिंपल तरीका ही डायलॉगबाजी है. दुश्मन के सामने खड़े होकर भी डायलॉगबाजी और प्रेमिका के सामने खड़े होकर भी डायलॉगबाजी. मौत से सामना होने पर भी रवि कुमार का डायलॉग नहीं रुकता. और मौत उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती. रवि कुमार, खाई में कूदकर, गोली खाकर, चाकू खाकर, सबकुछ होने के बाद भी जिंदा है. लेकिन उसके बेहतरीन निशाने से गुंडे नहीं बच सकते. उसका निशाना इतना सटीक है कि वो सीधे दुश्मन के माथे पर गोली मारता है और उसकी छुट्टी कर देता है. इस सबके बावजूद रवि कुमार 'पूकी' भी है. वो अपनी प्रेमिका मधुबाला से बेहद प्यार करता है. दोनों की अधूरी प्रेम कहानी का गम इतना है कि रवि कुमार की आंखों में मधु के जिक्र और याद से ही आंसू भर आते हैं. उसकी यादों में रवि 'अल्ताफ राजा' बन जाता है. आपको पढ़कर पता चल ही गया होगा, मैं भी लॉर्ड हिमेश की फैन हो गई हूं.
इस फिल्म में कितने गाने हैं इसकी गिनती नहीं की जा सकती. हर सीक्वेंस के बाद एक और उससे पहले एक गाना है. एक तरह से कहा जा सकता है कि फिल्म में गाने नहीं बल्कि गानों में थोड़ी-सी फिल्म है. इंटरवल के बाद फिल्म के सेकेंड हाफ में 15 मिनट से ज्यादा का सॉन्ग सीक्वेंस है, जिसमें 5 से 6 गाने हैं. साथ ही फिल्म में एक हाइस्ट सीक्वेंस भी है, जिसे देखने के बाद आप ऋतिक रोशन का 'धूम 2' वाला हाइस्ट सीक्वेंस भूल जाएंगे. ये सीन देखकर आपको अपनी आंखों पर यकीन नहीं होगा. या तो आप इसपर खूब हंसेंगे या फिर अपना माथा पीट लेंगे. लेकिन कुछ भी बोलो पिक्चर तो मजेदार है.
पिक्चर में 80s स्टाइल के VFX और CGI का वादा किया गया था, उसे भी डिलीवर किया गया है. इसमें चलती हुई गाड़ी कब 360 डिग्री घूम जाएगी आपको नहीं पता. रवि कुमार, टॉम क्रूज की तरह बिल्डिंग पर भाग भी लेते हैं और पैराशूट से अपनी जान भी बचा लेते हैं. फिल्म में कोई कहानी नहीं है. आप फिल्म को कहानी और प्लॉट के हिसाब से देखने गए हैं तो निराशा ही हाथ लगेगी. आपको सिर्फ इसे देखने के लिए जाना है. इसके आगे और पीछे कुछ नहीं सोचना. अगर हो सके तो अपना दिमाग घर पर छोड़कर जाइएगा, क्योंकि अगर आप गलती से भी अपना दिमाग लेकर थिएटर में चले गए तो उसके खराब होने की पूरी-पूरी संभावना है.
फिल्म के विलेन हैं कार्लोस पेड्रो पैंथर. इससे कमाल का विलेन मैंने बॉलीवुड में कभी नहीं देखा. कार्लोस बिल्कुल सीरियस नहीं है. वो नाचते हुए चलता है, नाचते हुए लोगों को मार भी देता है और रवि कुमार से भी डांस बैटल रख लेता है. उसके पास इतना पैसा है कि वो किसी को भी खरीद सकता है. लेकिन उसे अंडर कॉन्फिडेंट लोग, ऑर्डर देने वाले लोग और उसकी बढ़ाई न करने वाले लोग नहीं पसंद. प्रभु देवा इस रोल में काफी बढ़िया रहे हैं. पिक्चर में सनी लियोनी, कीर्ति कुल्हारी, संजय मिश्रा, सौरभ सचदेवा, जॉनी लीवर, राजेश शर्मा, अनिल जॉर्ज संग अन्य एक्टर्स ने काम किया है. सभी की परफॉरमेंस एक से बढ़कर एक है. लेकिन कोई भी हिमेश रेशमिया से बेहतर नहीं है. रवि कुमार, रवि कुमार हैं!