Advertisement

Aashram Season 3 Part 2 Review: बाबा निराला बनकर बॉबी ने फिर किया कमाल, मगर आश्रम में नहीं रही पहले वाली बात

बॉबी देओल स्टारर वेब सीरीज 'आश्रम' के तीसरे सीजन का दूसरा पार्ट रिलीज हो चुका है. एक बार फिर बॉबी बाबा निराला के किरदार में अपने भक्तों को दर्शन देने आए हैं. लेकिन पम्मी पहलवान बाबा का सच दुनिया के सामने लाकर खुद को बेकसूर साबित करना चाहती है. और इस बदले की आग में वो पूरे आश्रम को जलाना चाहती है. अब प्रकाश झा के डायरेक्शन में बनी ये सीरीज आखिर कैसी है? पढ़ें ये रिव्यू

आश्रम सीजन 3 पार्ट 2 आश्रम सीजन 3 पार्ट 2
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST
फिल्म:आश्रम सीजन 3 पार्ट 2
2.5/5
  • कलाकार : बॉबी देओल, अदिति पोहानकर, चंदन रॉय, त्रिधा चौधरी
  • निर्देशक :प्रकाश झा

लॉकडाउन के समय जब लोग घर पर थे, तब एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ने उन्हें एंटरटेन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उस दौरान अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तरह-तरह के कंटेट आए जिसकी कहानियों ने ऑडियंस को उनकी सीट से बांधे रखा. बॉलीवुड में पॉलिटिकल थ्रिलर वाली फिल्में बनाने वाले फिल्ममेकर प्रकाश झा इस दौरान अपनी डेब्यू वेब सीरीज 'आश्रम' लेकर आए. जिसे ऑडियंस का ढेर सारा प्यार मिला और इसे एक पॉपुलर वेब सीरीज की लिस्ट में शामिल कर दिया. लोगों ने पहली बार बॉबी देओल को भी एक अलग अवतार में देखा जिसमें वो छा गए थे. साल 2020 में आई ये सीरीज के अभी तक 3 सीजन आ चुके हैं, और सभी के सभी सुपरहिट साबित हुए हैं. 

Advertisement

सीरीज के हर एक किरदार की अपनी कहानी और मकसद है जिसे वो पूरा करते नजर आते हैं. पिछले सीजन में दिखाया गया था कि बॉबी देओल के किरदार बाबा निराला ने परमिंदर उर्फ 'पम्मी' पहलवान का गलत फायदा उठाया था. वो उसे अपने जाल में फंसाकर उसके साथ गलत काम करता है जिसके बारे में पम्मी को पता चल जाता है. वो बाबा का सच दुनिया के सामने लाने की कोशिश करती है लेकिन 'भगवान' कहे जाने वाला बाबा निराला बच निकलता है. अब इस सीरीज के तीसरे सीजन का दूसरा पार्ट रिलीज हो चुका है जिसमें पम्मी और बाबा की लड़ाई को दिखाया गया है. कैसा है इसका आखिरी पार्ट? 

क्या हो गया है आश्रम का अंत? 

पिछले पार्ट में पम्मी (अदिति पोहानकर) को कोर्ट द्वारा जेल भेज दिया जाता है. उसपर आरोप लगता है कि वो बाबा निराला (बॉबी देओल) पर झूठे आरोप लगा रही है और साथ ही वो अपने भाई और पिता की हत्या की है. उसके साथ जेल में बदसलूकी होती है और इसी बीच सदमे से उसकी मां की भी मौत हो जाती है. पम्मी इस दौरान पूरी तरह से टूट चुकी है लेकिन बाबा निराला खुले आम बाहर घूम रहा है. वो पम्मी के पास जेल में पहुंचता है जहां पम्मी उसके पांव में गिर जाती है. वो उससे माफी मांगती है जिससे बाबा का 'मोम' जैसा दिल पिघल जाता है. निराला बाबा उर्फ मौंटी पम्मी को जेल से छुड़ाने की बात करता है जिससे भोपा स्वामी (चंदन रॉय) भड़क जाता है और मौंटी को चेतावनी देता है.

Advertisement

पम्मी बाबा के आश्रम में आ जाती है जहां वो अपना बदला हुआ रूप अपनी भाभी बबीता लोचन (त्रिधा चौधरी) के सामने दिखाती है. वो उसे समझाने की कोशिश करती हैं लेकिन पम्मी बाबा की भक्ति में लीन होने का नाटक करती रहती है. इसी बीच वो भोपा स्वामी को भी अपने जाल में फंसा लेती है. वो उसे अपने करीब आने देती है जिसे देखकर निराला बाबा भड़क जाता है और भोपा स्वामी का 'शुद्धिकरण' करवा देता है. इस अपमान से भोपा काफी नाराज हो जाता है और बदले की आग में मौंटी के खिलाफ हो जाता है. अब क्या भोपा स्वामी पम्मी के साथ मिलकर निराला बाबा का सच सामने ला पाता है? अगर हां तो वो कैसे ये तो आपको सीरीज देखकर ही पता चल पाएगा.

अपनी भक्ति में सुला देंगे निराला बाबा

जब सीरीज रिलीज हुई थी तब इसकी खास बात थी इसकी कहानी और प्रेजेंटेशन. जिस तरह से प्रकाश झा ने अपनी सीरीज में भव्य सेट्स और एक विशाल आस्था की दुनिया बनाई थी. उसे देखकर हर कोई इंप्रेस हो गया था. जिस तरह उन्होंने आस्था के नाम पर ढोंग और छल कपट का कॉन्सेप्ट लोगों के सामने पेश किया, वो तारीफ के काबिल था. लेकिन सीरीज जैसे जैसे आगे बढ़ती रही, इसकी रफ्तार धीमी होती गई. इसका स्क्रीनप्ले इतना स्लो हो गया कि ये लोगों को सीट से बांधकर रखने में नाकामयाब हो गई. लोग इसके एक या दो एपिसोड्स देखकर ही थकान महसूस करने लगे थे. पहले और दूसरे सीजन में जहां सिर्फ 3 महीने का फर्क था, वहीं इसके तीसरे सीजन के पहले और दूसरे पार्ट में करीब 3 साल का फर्क नजर आया जिससे ऑडियंस सीरीज से अपना कनेक्ट खो बैठी थी. 

Advertisement

हालांकि इस सीजन की शुरुआत में आपको एक लंबा रीकैप देखने को मिलता है जिससे आपको पहले की कहानी का अंदाजा लग पाता है. इस पार्ट में कहानी आपको कुछ ज्यादा ऑफर नहीं करती है. जब इसका ट्रेलर रिलीज हुआ था, तभी अंदाजा लग गया था कि इस सीजन क्या होने वाला है. इस बार केवल 5 एपिसोड्स हैं, और सभी लगभग 30-45 मिनट के आसपास हैं. लेकिन कभी-कभी आपको ये भी बहुत ज्यादा लगने लगते हैं. एपिसोड्स के दौरान कई सारे सीन्स इतने लंबे हैं कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि ये खत्म कब होगा जिससे आपका इंट्रेस्ट पूरी तरह से नहीं बना रहता. हालांकि अंत में 'आश्रम' की कहानी को एक सही मोड़ पर खत्म किया गया है जिसे देखकर आपका मन खुश हो सकता है.

बॉबी देओल ने छोड़ी अपनी छाप, सपोर्ट में आईं अदिति पोहानकर

इस सीजन में भी मेन हीरो और विलन बॉबी देओल का काम पिछले सीजन्स की ही तरह शानदार रहा है. उन्होंने बाबा निराला का किरदार अगर उनके किरदार के अंदाज में कहा जाए, तो पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ निभाया है. वो जब भी स्क्रीन पर सामने आएंगे, आपको निराश नहीं करेंगे. जिस तरह का उनका किरदार दिखाया गया है, बॉबी ने अपने आप को ठीक उस किरदार में ढाला भी है. वो ऐसे नजर आए कि मानो अगर वो किसी को भी कुछ कहेंगे, तो कोई उनकी बात को नहीं टालेगा. जिसके लिए हमें सपोर्टिंग एक्टर्स की भी तारीफ करने की जरूरत है. 

Advertisement

'पम्मी' के किरदार में अदिति पोहानकर ने काफी अच्छा काम किया है. उन्होंने बदले की आग में जल रही एक लड़की को इस सीजन इतना असरदार बनाया है जिसे देखकर हर किसी का दिल दहल सकता है. उनकी एक्टिंग कमाल है और वो सही समय पर सही एक्सप्रेशन भी देतीं नजर आई हैं. भोपा स्वामी के किरदार में एक्टर चंदन रॉय इस सीरीज में एक सरप्राइज बनकर सामने आए हैं. उन्होंने अपना रोल इस तरह निभाया है जिसे देखकर आप उनके टैलेंट की तारीफ करेंगे. वहीं एक्ट्रेस त्रिधा चौधरी, एक्टर दर्शन कुमार, सचिन श्रॉफ को जितना भी स्क्रीन टाइम मिला है उन्होंने उसमें अच्छा परफॉर्म किया है. अंत में अगर आप इस सीरीज के फैन रहे हैं, तो आप इस सीरीज को देख सकते हैं. 

रिपोर्ट- पर्व जैन

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement