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Dus June Ki Raat Review: कमाल नहीं दिखा पाए तुषार कपूर, कहानी-एक्टिंग ने किया निराश

दो साल के ब्रेक के बाद तुषार कपूर ने वेब शो 'दस जून की रात' से कमबैक किया. सीरीज में उनके साथ टीवी एक्ट्रेस प्रियंका चाहर चौधरी लीड रोल में हैं. तुषार कपूर, प्रियंका की कॉमेडी-थ्रिलर सीरीज देखने से पहले इसका रिव्यू पढ़ें. 

दस जून की रात रिव्यू दस जून की रात रिव्यू
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 12 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST
फिल्म:थ्रिलर कॉमेडी
2/5
  • कलाकार : तुषार कपूर, प्रियंका चाहर चौधरी
  • निर्देशक :तबरेज़ खान

दो साल के ब्रेक के बाद तुषार कपूर ने वेब शो 'दस जून की रात' से कमबैक किया. सीरीज में उनके साथ टीवी एक्ट्रेस प्रियंका चाहर चौधरी लीड रोल में हैं. तुषार कपूर, प्रियंका की कॉमेडी-थ्रिलर सीरीज देखने से पहले इसका रिव्यू पढ़ें. 

क्या है कहानी?
'दस जून की रात' की कहानी भाग्येश (तुषार कपूर) पर आधारित है, जिसे रानीगंज में पनौती (बुरी किस्मत) के नाम से भी जाना जाता है. पनौती के जन्म लेते ही उसके पिता का निधन हो जाता है. उसी दिन उनका मशहूर सिंगल-स्क्रीन थिएटर, मेनका भी बंद हो जाता है. पनौती जहां भी जाता है, लोगों का दिन खराब कर देता है. 

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लेकिन उसका सपना है कि वो एक दिन मेनका थिएटर को फिर से शुरू करके मानेगा. वो अपना सपना पूरा भी कर लेता है, लेकिन थिएटर की ओपनिंग से पहले वहां एक लड़की का मर्डर हो जाता है. मर्डर के जुर्म में पुलिस पनौती को उठा ले जाती है. इस बीच पनौती की जिंदगी में पप्पी (प्रियंका चाहर चौधरी) की भी एंट्री होती है, जो उसका लक बन कर आई है. क्या पनौती पुलिस के सामने अपनी बेनुनाही साबित कर पाएगा? थिएटर में जिस लड़की का मर्डर हुआ, वो कौन है और उसे किसने मारा? पनौती अपनी जिंदगी की पनौती कैसे खत्म करता है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सीरीज देखनी होगी. 

कैसी है एक्टिंग?
तुषार कपूर एक अच्छे एक्टर हैं, जो कॉमेडी रोल्स को बखूबी निभाना जानते हैं, लेकिन सीरीज में उनकी स्किल्स का सही इस्तेमाल नहीं किया जा सका. प्रियंका चाहर चौधरी को बिग बॉस में देखा, तो लगा कि वो अच्छी एक्ट्रेस हैं, लेकिन वो अपनी पहली सीरीज में लोगों का दिल जीतने में नाकामयाब रहीं. सीरीज में उनकी और तुषार कपूर की जोड़ी भी कुछ खास नहीं जची.

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डायरेक्शन ने भी नहीं बनाई बात 
कहते हैं कि अगर कहानी थोड़ी कमजोर हो, तो उसे डायरेक्शन से बेहतर बनाया जा सकता है. सीरीज का डायरेक्शन तबरेज़ खान ने किया है. सीरीज का डायरेक्शन उतना ही कमजोर है, जितनी इसकी कहानी. 

क्यों देखें 'दस जून की रात'?
तुषार कपूर और प्रियंका चाहर चौधरी के फैन हैं, तो देख सकते हैं. सीरीज टाइम पास के लिए ठीक है, लेकिन बस दिमाग लगाकर मत देखिएगा. 

'दस जून की रात' आप जियो सिनेमा पर देख सकते हैं. इसके पहले पार्ट में 12 एपिसोड हैं. शुरू के चार एपिसोड फ्री हैं, बाकी एपिसोड देखने के लिए आपको पैसे खर्च करने होंगे. 

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