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Film review: अदम्य साहस, और जज्बे की कहानी है 'नीरजा'

गौरतलब है साल 1986 में एक विमान अपहरण की घटना में नीरजा भनोट ने अपनी जान पर खेलकर यात्रियों की जान बचाई थी. 'नीरजा भनोट' की जिंदगी और उनके साहसिक कारनामे को डायरेक्टर राम माधवानी ने फिल्म 'नीरजा' में दिखाने का प्रयास किया है, आइए जानते हैं कैसी है सोनम कपूर स्टारर फिल्म 'नीरजा'.

आर जे आलोक/पूजा बजाज
  • मुंबई,
  • 19 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

फिल्म का नाम: नीरजा
डायरेक्टर: राम माधवानी
स्टार कास्ट: सोनम कपूर, शबाना आजमी, शेखर रवजियानी ,योगेन्द्र टिक्कू
अवधि: 2 घंटा 02 मिनट
सर्टिफिकेट: U
रेटिंग: 4 स्टार

गौरतलब है साल 1986 में एक विमान अपहरण की घटना में नीरजा भनोट ने अपनी जान पर खेलकर यात्रियों की जान बचाई थी. 'नीरजा भनोट' की जिंदगी और उनके साहसिक कारनामे को डायरेक्टर राम माधवानी ने फिल्म 'नीरजा' में दिखाने का प्रयास किया है, आइए जानते हैं कैसी है सोनम कपूर स्टारर फिल्म 'नीरजा'.

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कहानी
असली घटनाओं पर आधारित यह कहानी है मुंबई के नवजीवन सोसाइटी में रहने वाली नीरजा भनोट (सोनम कपूर) की, जो अपनी मां (शबाना आजमी), पिता (योगेन्द्र टिक्कू) और दो भाइयों के साथ के साथ रहती है. वह एक मॉडल होने के साथ-साथ एक एयर होस्टेस भी है. उसकी जिंदगी में परिवार के साथ-साथ लवर जयदीप (शेखर रवजियानी) भी है. बात 5 सितम्बर 1986 की है जब नीरजा की ड्यूटी मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट Pan Am Flight 73 में होती है. जब यह फ्लाइट कराची में लैंड करती है, तो इसे आतंकवादी हाईजैक कर लेते हैं, फिर फ्लाइट के भीतर लगभग 16 घंटे तक जद्दोजेहद के बाद नीरजा बुद्धि और पराक्रम से फ्लाइट में मौजूद यात्रियों में से बहुत सारे लोगों को बचाती है और आखिरी सांस तक लड़ती है.

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स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी सैवीन कुदरस ने लिखी है और इसका स्क्रीनप्ले बेहतरीन है. जिस तरह से कराची, दोहा, मुंबई, पाकिस्तान और फ्लाइट के भीतर होने वाली घटनाओं को सिलसिलेवार तरीके से दर्शाया गया है, वो काबिल-ए-तारीफ है. कहानी में फ्लैश बैक और वर्तमान को ऐसे दिखाया गया है जो बिल्कुल भी कहानी के फ्लो को बाधि‍त नहीं करता है बल्कि लय बनाए रखता है. फिल्म की स्क्रिप्ट नीरजा के साथ-साथ आतंकवादियों, यात्रियों और नीरजा के माता-पिता के किरदार को भी निखारती है. बहुत ही उम्दा स्क्रिप्ट है. फिल्म के सिनेमेटोग्राफर मितेश मीरचंदानी ने डायरेक्टर राम माधवानी का शत प्रतिशत साथ दिया है. फिल्म के आखिर में जो असली 'नीरजा भनोट' के बारे में ट्रिविया दी जाती है, वो इस फिल्म को सम्पूर्ण कर देती है.'

अभिनय
नीरजा फिल्म में शबाना आजमी ने मां का किरदार बखूबी निभाया है, वहीं सोनम ने टाइटल रोल निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, यह सोनम का अब तक का बेस्ट परफॉर्मेंस कहा जा सकता है. वहीं पहली बार एक्टिंग करते हुए म्यूजिक डायरेक्टर शेखर रवजियानी ने भी बॉयफ्रेंड के रूप में अच्छा काम किया है. योगेन्द्र टिक्कू, जिन्होंने 'क्वीन' फिल्म में कंगना रनोट के पिता की भूमिका निभाई थी, उन्होंने इस फिल्म में नीरजा के पिता का रोल बहुत ही अच्छे से निभाया है. वहीं फिल्म की कास्टिंग में जो सह कलाकार, आतंकवादियों की भूमिका निभा रहे हैं उनका अभिनय भी कमाल का है, इन किरदारों का अभि‍नय आपको हाईजैक हुए प्लेन के भीतर डर का महसूस जरूर कराता है.

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संगीत
फिल्म का संगीत बेहतरीन है और बैकग्राउंड स्कोर भी काफी अच्छा है जो फिल्म की रफ्तार के साथ बिल्कुल मेल खाता है. विशाल खुराना ने प्रसून जोशी के साथ मिलकर 'जीते हैं चल' और 'गहरा इश्क' जैसे गीत बनाये हैं जो फिल्म को और भी सजाते हैं.

क्यों देखें
बहुत ही उम्दा एक्टिंग, जबरदस्त स्क्रिप्ट और गजब के अभिनय वाली फिल्मों को देखना पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए.

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