
समाज से अपने हक के लिए एक लड़ाई लड़ने वाले एक औरत, जिसने अपनी जिंदगी में क्या कुछ नहीं देखा, क्या कुछ नहीं सहा. लेकिन अभी हार नहीं मानी. ऐसी ही थी गंगूबाई... गंगूबाई काठियावाड़ी.
गंगा जगजीवनदास काठियावाड़ नाम था उसका. रमणीक नाम के लड़के से प्यार करती थी. पिक्चर में हीरोइन बनने के सपने देखती थी. रमणीक ने मुंबई ले जाकर हीरोइन बनाने का सपना दिखाकर उसे 1000 रुपए में एक कोठे पर बेच दिया था. कुछ दिन अंधेरे कमरे में भूखी-प्यासी रहने के बाद उसे बाहर आना ही पड़ा. धंधे पर बैठने के बाद उसके पहले कस्टमर ने उसे नाम दिया गंगू! और वहीं गंगा ने गंगू बन अपनी पुरानी जिंदगी को अलविदा कह दिया. जिंदगी में जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई अलग-अलग तरह के लोग मिले, प्यार मिला और बाद में सम्मान भी. उसने अपने रेड लाइट एरिया की 4000 औरतों और उनके बच्चों के लिए जिंदगीभर लड़ाई लड़ी और जीती भी. बस इतनी सी है गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी.
आलिया ने किया कमाल
आलिया भट्ट को कभी ये रोल में नहीं देखा गया है. और अगर कहा जाए कि ये उनका बेस्ट रोल था तो गलत नहीं होगा. आलिया ने फिल्म राजी में भी बढ़िया काम किया था, लेकिन गंगूबाई के रोल में कई चैलेंज थे जिनपर वह खरी उतरी हैं. भोली-भाली और क्यूट-सी आलिया भट्ट का गंगूबाई के किरदार में ढलना देखने लायक है. उनकी आवाज में जो दम है और उनका रौब देखते ही बनता है. आलिया ने गंगूबाई की चाल-ढाल से लेकर उनकी सोच को भी पर्दे पर खूबसूरती से दिखाया है. इसके साथ ही आलिया के डायलॉग जबरदस्त हैं.
फिल्म के डायलॉग्स लिखने वाले प्रकाश कपाड़िया और उत्कर्षिनी वशिष्ठ की दाद देनी होंगी. उन्होंने फिल्म के लिए काफी पावरफुल और हार्ड हीटिंग डायलॉग्स को लिखा है. आलिया की कही बातें आपको हंसाती भी हैं और उनका असर भी आपके ऊपर जोरदार होता है.
गंगूबाई काठियावाड़ी के रोल में अगर आलिया भट्ट चमकी हैं तो रहीम लाला के रोल में अजय देवगन ने भी कमाल किया है. अजय अपने वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई वाले जोन में हैं. अपने रोल को उन्होंने बहुत अच्छे से कमांड किया है. शांतनु माहेश्वरी का बॉलीवुड डेब्यू काफी बढ़िया रहा. आलिया से आंखों-आंखों रोमांस करने की उनकी अदा और क्यूट अंदाज काफी प्यारा लगा है.
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विजय राज ने लूटी महफिल
एक इंसान जो अपने छोटे से रोल में महफिल लूट गया वो हैं विजय राज. विजय ने कमाठीपुरा की प्रेजिडेंट का रोल निभाया है और उनका रुतबा कमाल था. जिम सरभ का काम भी बतौर पत्रकार अच्छा है. सीमा पाहवा कोठेवाली के रोल में अच्छी थीं. हुमा कुरैशी ने अपने कैमियो से फिल्म में जान डाली है.
सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर, म्यूजिक शानदार
संजय लीला भंसाली ने गंगूबाई काठियावाड़ी को अलग अंदाज में बनाया है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर, म्यूजिक और डांस काफी बढ़िया है. फिल्म को फ्रेम दर फ्रेम खूबसूरती से बनाया गया है. इसमें पावरफुल मोमेंट्स जितने हैं, उतने ही इमोशनल पल भी है. एक वैश्या की जिंदगी की परेशानी, उसकी जिंदगी को होने वाला खतरा और बदनाम गलियों में रहने और कभी अपने अपनों को ना देख पाने का दर्द, भंसाली ने स्क्रीन पर पूरी ईमानदारी से दिखाया है. ऐसे में अगर आप वीकेंड पर ये फिल्म नहीं देखने गए, तो एक अच्छा एक्सपीरियंस मिस कर देंगे.