Advertisement

Film review: फरहान की दमदार एक्टिंग, पर इंटरवल के बाद कमजोर है लखनऊ सेंट्रल

बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर के बार फिर से अपने दमदार अभि‍नय वाली फिल्म 'लखनऊ सेंट्रल' लेकर आ गए हैं. फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले जान लें कैसी है फिल्म, क्या है कहानी और क्या है इसमें खास.

फिल्म लखनऊ सेंट्रल का पोस्टर फिल्म लखनऊ सेंट्रल का पोस्टर
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

फिल्म का नाम: लखनऊ सेंट्रल

डायरेक्टर: रंजीत तिवारी

स्टार कास्ट: फरहान अख्तर, इनामुल हक, डायना पेंटी, दीपक डोबरियाल, गिप्पी ग्रेवाल, राजेश शर्मा, रॉनित रॉय, मनोज तिवारी मृदुल, रवि किशन

अवधि:2 घंटा 27 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग: 2.5 स्टार

बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर के बार फिर से अपने दमदार अभि‍नय वाली फिल्म 'लखनऊ सेंट्रल' लेकर आ गए हैं. फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले जान लें कैसी है फिल्म, क्या है कहानी और क्या है इसमें खास.

Advertisement

फरहान के पापा की बर्थडे पार्टी में नहीं पहुंचीं श्रद्धा, जानें कौन है वजह

कहानी

यह कहानी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की है जहां का रहने वाला किशन गिरहोत्रा (फरहान अख्तर) एक सिंगर बनना चाहता है और साथ ही साथ अपना एक बैंड भी बनाना चाहता है. लोक गायक मनोज तिवारी का बहुत ही बड़ा फैन किशन जब एक बार उनके कॉन्सर्ट में जाता है तो उस दौरान एक आईएएस अधिकारी की मृत्यु हो जाती है जिस का आरोप किशन के सिर पर आ जाता है. किशन को मुरादाबाद जेल में बंद कर दिया जाता है और कुछ दिनों के बाद लखनऊ सेंट्रल जेल भेज दिया जाता है. लखनऊ सेंट्रल जेल में उसकी मुलाकात एनजीओ चलाने वाली गायत्री (डायना पेंटी) से होती है जो कि 15 अगस्त को होने वाले प्रदेश भर के अलग-अलग जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए बैंड की परफॉर्मेंस के कार्यक्रम के लिए कैदियों को प्रोत्साहित करती है. इसी बीच किशन जेल के बाकी साथियों (दीपक डोबरियाल, इनामुल हक, राजेश शर्मा, गिप्पी ग्रेवाल) के साथ लखनऊ सेंट्रल नामक बैंड बना लेता है लेकिन यह बात जेलर (रोनित रॉय) को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती और वह तरह-तरह से इन सभी कैदियों को परेशान करता रहता है. 15 अगस्त को पूरे प्रदेश के अलग-अलग कैदी बैंड परफॉर्म करते हैं और अंततः एक खास तरह का रिजल्ट सबके सामने आता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

Advertisement

सितंबर का सबसे बड़ा शुक्रवार: ऋषि-परेश-फरहान के सामने आसान नहीं होगी 'सिमरन' कंगना की राह

क्यों देख सकते हैं फिल्म

- फिल्म का प्लॉट अच्छा है और लोकेशन सिनेमेटोग्राफी कैमरा वर्क अच्छा है. फिल्म का आर्टवर्क भी कमाल का है.

- जेल के भीतर फिल्माए गए कई सीन आपको सोचने पर विवश करते हैं कि आखिरकार जेल की जिंदगी कैसी होगी इसी के साथ बहुत सारी बारीकियों पर भी ध्यान दिया गया है कि किस तरीके से कैदी जेल में आते हैं और उनकी जिंदगी कैसे बदलती है.

फरहान के साथ लिव-इन की खबर पर श्रद्धा ने दी सफाई...

- फिल्म में फरहान अख्तर ने उत्तर प्रदेश के एक लड़के का किरदार निभाया है जो कि सहज है साथ ही एनजीओ वर्कर के रूप में डायना पेंटी ने भी अच्छा काम किया है. दीपक डोबरियाल बंगाली किरदार में फिट बैठते हैं तो इनामुल हक ने अपना किरदार अच्छा निभाया है वही राजेश शर्मा और गिप्पी ग्रेवाल का काम भी सहज है.

- मनोज तिवारी का छोटा लेकिन अच्छा रोल है वहीं रवि किशन की जब-जब एंट्री पर्दे पर होती है तो आपके चेहरे पर मुस्कान जरूर आती है. जेलर के रोल में रोनित रॉय ने भी बढ़िया काम किया है.

- फिल्म का संगीत ठीक-ठाक है लेकिन बैकग्राउंड स्कोर बढ़िया है.

Advertisement

कमजोर कड़ियां

- इंटरवल तक तो फिल्म अच्छी है लेकिन सेकेंड हाफ में फिल्म ड्रैग भी करती है जिसको दुरूस्त किया जा सकता था. इसी के साथ फिल्म का क्लाइमेक्स भी बढ़िया बनाया जा सकता था क्योंकि क्लाइमेक्स में फिल्म काफी कमजोर हो जाती है.

- यशराज फिल्म्स ने भी कैदी बैंड नाम से फिल्म बनाई गई थी और अब लखनऊ सेंट्रल फिल्म में भी प्लॉट कुछ वैसा ही है लेकिन कहानी अलग है. इस कहानी पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए था.

- स्क्रीन प्ले काफी कमजोर है. फिल्म के गाने और भी बेहतर हो सकते थे.

बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट 32 करोड़ बताया जा रहा है और खबरों के मुताबिक 2,000 से ज्यादा स्क्रीन पर फिल्म रिलीज होने जा रही है. यही कारण है कि पहला वीकेंड बताएगा कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर क्या कमाल करेगी. फिल्म की खासियत यह है कि इसमें पंजाबी सुपरस्टार गिप्पी ग्रेवाल के साथ फरहान अख्तर, दीपक डोबरियाल, रवि किशन, मनोज तिवारी की मौजूदगी बहुत सारे दर्शकों को थिएटर तक ला पाने में सक्षम हो पाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement