Advertisement

Film Review: टिकट बुक करने से पहले एक बार जान लीजिए कैसी है 'सरबजीत'

रणदीप हुड्डा की बेहतरीन एक्टिंग और ऐश्वर्या राय बच्चन के अब तक के सबसे अच्छे रोल के लिये एक बार देख सकते हैं.

सरबजीत सरबजीत
लव रघुवंशी
  • मुंबई,
  • 20 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

फिल्म का नाम : सरबजीत

डायरेक्टर: उमंग कुमार

स्टार कास्ट: रणदीप हुड्डा, ऐश्वर्या राय बच्चन, ऋचा चड्ढा, दर्शन कुमार

अवधि: 2 घंटा 12 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग: 3 स्टार

डायरेक्टर उमंग कुमार की पहली फिल्म 'मैरी कॉम' थी, जिसकी काफी प्रशंसा की गई, नेशनल अवॉर्ड भी दिए गए और अब एक बार फिर से उमंग ने बायोपिक फिल्म 'सरबजीत' बनाई है. कैसी है ये फिल्म? आइये समीक्षा करते हैं -

Advertisement

कहानी :-
फिल्म की कहानी पंजाब के उस गांव की है जो इंडो-पाक बॉर्डर पर स्थित है और वहां सरबजीत (रणदीप हुड्डा) का परिवार रहता है. सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर (रिचा चड्ढा) और बहन दलबीर कौर (ऐश्वर्या राय बच्चन) उसके काफी करीब रहते हैं. अचानक से एक दिन सरबजीत की गुमशुदगी की खबर आ जाने से उसका पूरा परिवार परेशान हो जाता है. गांव के लोगों से भी कोई सहायता ना मिलने पर दलबीर अपने भाई को खोजने की प्रक्रिया शुरू करती है और जब ये पता चलता है कि बॉर्डर पार कर सरबजीत पाकिस्तान की सेना के हाथों पकड़ा गया है और उसे जेल में रखा गया है, तो दलबीर कौर एड़ी का जोर लगाकर अपने भाई को भारत ले आने की पुरजोर कोशिश करती है. अंतत: 23 साल बाद एक रिजल्ट आता है जिसे जानने के लिये आपको फिल्म देखनी होगी.

Advertisement

स्क्रिप्ट :-
फिल्म की कहानी को डायरेक्टर उमंग कुमार ने सरबजीत की बहन दलबीर कौर से बातचीत के दौरान सुनी थी जिसे उत्कर्षिनी वशिष्ठ और राजेश बेरी ने पन्नों पर उतार दिया. उमंग कुमार ने फिल्म के सीन्स को बहुत ही खूबसूरती से तराशा है जो आपको नजर भी आता है. स्क्रीनप्ले सेकेंड हाफ में ज्यादा फिल्मी हो जाता है जिसे बेहतर किया जा सकता था. फिल्म में कई ऐसी जगहें भी हैं जहं आप इमोशनल भी होते हैं, खास तौर से जेल में रणदीप हूड्डा और ऐश्वर्या के बीच फिल्माये गये सीन में. ऐश्वर्या के पाकिस्तान में भी कई अच्छे और उम्दा सीन हैं. रणदीप के हाव भाव को देखकर आपको उनके प्रति काफी सहानुभूति भी होती है.

अभिनय :-
रणदीप हुड्डा की जितनी भी तारीफ की जाए वो कम होगी, जिस तरह से रणदीप ने खुद को सरबजीत के किरदार में ढाला है वो काबिल-ए-तारीफ है, वहीं अपने भाई को जेल से बाहर निकालने की मुहीम में ऐश्वर्या राय बच्चन ने सहज काम किया है जो पर्दे पर दिखाई भी पड़ता है. ऋचा चड्ढा और दर्शन कुमार का काम भी अच्छा है जो कहानी में अहम रोल निभाता है.

संगीत :-
फिल्म में हर मूड के गीत हैं जैसे खुशी में टुंग लक, तो वहीं गम में 'दर्द' और प्यार में 'सलामत' जैसे गाने हैं, जिन्हें डायरेक्टर ने सही पिरोया है.

Advertisement

क्यों देखें :-
रणदीप हुड्डा की बेहतरीन एक्टिंग और ऐश्वर्या राय बच्चन के अब तक के सबसे अच्छे रोल के लिये एक बार देख सकते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement