Advertisement

Phone Bhoot Movie Review: फुल एंटरटेनिंग है ये कटरीना कैफ की ये हॉरर-कॉमेडी, सिनेमालवर्स हो जाएंगे इम्प्रेस

Phone Bhoot Movie Review: एंटरटेनमेंट की दुनिया में अक्सर यह फ्रेज का इस्तेमाल किया जाता है रहा है कि थिएटर में जाने के दौरान आप अपना दिमाग घर पर छोड़कर आएं. इस फिल्म के साथ भी ऐसा है लेकिन ट्वीस्ट यह है कि आप दिमाग बेशक छोड़ आएं लेकिन एक सिनेमा लवर वाला दिल साथ में जरूर लाएं.

फोन भूत मुवी रिव्यू फोन भूत मुवी रिव्यू
नेहा वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
फिल्म:हॉरर कॉमेडी
3.5/5
  • कलाकार : कटरीना कैफ, जैकी श्रॉफ, इशान खट्टर, सिद्धांत चतुर्वेदी, शिबा छिब्बर
  • निर्देशक :गुरमीत सिंह

पिछले कुछ समय में बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए हॉरर कॉमिडी एक तुरुप का इक्का साबित हुआ है. स्त्री जहां ऑफिसियल हॉरर कॉमेडी के रूप में पहली सक्सेसफुल फिल्म रही थी, तो वहीं पोस्ट कोरोना भूल भूलैया 2 ने भी इस जॉनर में बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड्स तोड़े थे. अब इसी जॉनर में कटरीना कैफ, ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी की फिल्म फोनभूत रिलीज हुई है. फिल्म अपने जॉनर में कितनी सटीक बैठती है, ये जानने के लिए पढ़ें ये रिव्यू. 

Advertisement

एंटरटेनमेंट की दुनिया में अक्सर यह फ्रेज का इस्तेमाल किया जाता है रहा है कि थिएटर में जाने के दौरान आप अपना दिमाग घर पर छोड़कर आएं. इस फिल्म के साथ भी ऐसा है लेकिन ट्वीस्ट यह है कि आप दिमाग बेशक छोड़ आएं लेकिन एक सिनेमा लवर वाला दिल साथ में जरूर लाएं. हॉरर कॉमिडी की इस राइड में आपको कई ऐसे सीन्स मिलेंगे, जिसे दिमाग की आंखों से नहीं बल्कि सिनेमा लवर्स की नजरिये से देखना होगा. 

कहानी 
मुंबई के दो लड़के मेजर(सिद्धांत चतुर्वेदी) और गुल्लू(इशान खट्टर) भूतों की दुनिया से काफी प्रभावित है. यही वजह है कि अपने करियर में भी इसी से जुड़ा कुछ करना चाहते हैं. हालांकि दोनों के ही पिताजी उनकी इस जुनूनियत से परेशान हैं. एक दिन दोनों के पापा प्रपोजल रखते हैं कि अगर तीन महीने में वो 5 करोड़ कमाकर उन्हें देते हैं, तो उनके पैशन के बीच पैरेंंट्स नहीं आएंगे. इसी बीच उनका सामना होता है रागिनी (कटरीना कैफ) से, जो कि एक भूतनी है. पिछले दस सालों में भूतों के प्रति डेडिकेशन की वजह से मेजर-गुल्लू को यह पावर मिलता है कि वे भूत व आत्माओं से बात कर सकते हैं. रागिनी उनके पास फोनभूत का प्रपोजल लेकर आती है, जहां वो उन्हें लोगों के घर से भूत भगाने और आत्माओं को मोक्ष दिलाने की बात रखती है. मेजर और गुल्लू इस प्रपोजल के लिए तैयार हो जाते हैं और कहानी यहीं से शुरू होती है. इस दौरान उन्हें इस जर्नी में आत्माराम, चिकनी चुड़ैल आदि जैसे कई दुश्मनों का सामना करना पड़ता है.

Advertisement

डायरेक्शन 
गुरमीत सिंह के डायरेक्शन तले बनी यह हॉरर कॉमिडी फिल्म आपको डराती कम हंसाती ज्यादा है. स्टार्ट होते ही कहानी आपको एक लाफिंग राइड पर ले निकल पड़ती है. खासकर इसमें बॉलीवुड टच इसे स्पेशल बनाते हैं. कई पुरानी फिल्मों और पॉप्युलर नामों के रेफरेंस, पॉप्युलर ऐड्स, रजनीकांत स्टाइल, चिकनी चुड़ैल, राका जैसे शब्द इस फिल्म की कॉमिक टाइमिंग को और मजबूत करते हैं. 2 घंटे 11 मिनट की यह फिल्म आपको कहीं से भी बोर नहीं करती है. फर्स्ट हाफ से ही आप भूतों की कॉमिक दुनिया में प्रवेश कर जाते हो और हंसी का सिलसिला क्लाइमैक्स तक बरकरार रहता है. हां, हॉरर कॉमिडी के रूप में हॉरर को उतना तवज्जों न देना इसका माइनस पॉइंट जरूर हो सकता है. एडिट टेबल पर फिल्म का ट्रीटमेंट बहुत शानदार तरीके से किया गया है. इही वजह से फर्स्ट हाफ में फिल्म को ज्यादा लंबा ड्रैग न करते हुए रागिनी की एंट्री, आत्माराम की मंशा आदि सबके बारे में पता चल जाती है. सेकेंड हाफ भी ठीक उसी रफ्तार में बढ़ती है. खासकर क्लामैक्स तक पहुंचते-पहुंचते हंस-हंसकर आपके पेट में दर्द जरूर हो जाता है. सेकेंड हाफ के आखिरी के कुछ मिनटों में जैकी श्रॉफ आपका दिल ले जाते हैं. उनके कुछ डायलॉग्स और फिल्म हीरो की फ्लूट ट्यून आपको ताली बजाने पर मजबूर कर देती है. ओवरऑल फिल्म  लाइट हार्ट एंटरटेनमेंट के मानकों पर पूरी तरह से खरी उतरती है. 

Advertisement


टेक्निकल 
टेक्निकली फिल्मों में कई लूप होल्स हैं. खासकर वीफएक्स बहुत ही बचकाने से लगते हैं. खासकर क्लाइमैक्स के दौरान होने वाले तोड़-फोड़ आपको देखकर लगता है कि इसकी बजटिंग में पैसे काट लिए गए हों. एडिटिंग के लिहाज से मनन मेहता का काम उम्दा रहा है. हां, सिनेमैटोग्राफर केयू मोहन सेकेंड हाफ में भूत की वो दुनिया स्थापित करने में उतने कन्विंसिंग नहीं लगते हैं. तनिष्क बागची ने फिल्म का म्यूजिक दिया है. बेशक गाने अच्छे हैं लेकिन फिल्म की रफ्तार में खलल डालते महसूस होते हैं. 

एक्टिंग 
रागिनी भूत के रूप में कटरीना कैफ ने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया है. भूत के रूप में कटरीना काफी डरावनी तो बिलकुल भी नहीं लगी हैं. फिल्म के दौरान उनका डांस और उम्फ अदा वाली खूबसूरती फिल्म में भरपूर ग्लैमर ऐड करती है. ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी की एक्टिंग में आपको पुराने बॉलीवुड के करण-अर्जुन, अमर-प्रेम, की बेमिसाल जोड़ी की झलक मिलती है. साउथ इंडियन के रूप में ईशान खट्टर और पंजाबी मुंडा बने सिद्धांत चतुर्वेदी ने दोनों ही अपने लहजे को बखूबी पकड़ा है. चिकनी चुड़ैल के रूप में शिबा छब्बड़ का काम भी काबिल-ए0तारीफ है. शिबा का बंगाली वाली हिंदी बोलना बहुत ही क्यूट लगता है. जैकी श्रॉफ इस फिल्म की जान हैं. उनकी मौजूदगी, फिल्म को हर तरह से मजबूत बनाती है. 

Advertisement

क्यों देखें 
हॉरर कॉमिडी के नाम पर आप हॉरर की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद आपको निराशा हाथ लगे. लेकिन एंटरटेनमेंट की पूरी गारंटी है, हां, कुछ जगहों पर ईशान- सिद्धांथ की ओवरएक्टिंग को नजर अंदाज किया जाए, तो दावा है आप फिल्म देखने के बाद निराश तो नहीं लौटेंगे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement