कबीर खान और सलमान खान की जोड़ी जब भी बॉक्स ऑफिस पर आई, छा गई. चाहे एक था टाइगर हो या बजरंगी भाईजान. वैसे ट्यूबलाइट के साथ भी कबीर ने इस डेडली कॉम्बिनेशन को कैश कराने की कोशिश की है. हालांकि कबीर खान ने पिछले कुछ समय से सलमान को लेकर अपने तेवर ठंडे किए हैं और उन्हें एक आम इंसान बनाकर पेश करने की कोशिश की गई है.
क्या है ट्यूबलाइट की कहानी
'ट्यूबलाइट' की कहानी दो भाइयों की हैं. रियल लाइफ भाई सलमान खान और सोहेल खान ,फिल्म में भी भाई हैं. सलमान का आइक्यू लेवल कम है. उसकी बत्ती देर से जलती है जबकि सोहेल सेना में भर्ती हो जाता है. फिर भारत-चीन की जंग हो जाती है. पूरी कहानी उसी के ईर्द-गिर्द घूमती है.
सेकंड हाफ है हद से ज्यादा इमोश्नल
पहला हाफ मजेदार है तो दूसरे हाफ में इमोशंस की आंधी आ जाती है. सोहेल और सलमान का ब्रोमांस अच्छा है. सलमान फिर से संदेश दे रहे हैं. म्यूज़िक अच्छा है लेकिन ढेर सारा है. स्टोरीलाइन बिखरी हुई है. फिल्म खींची हुई है. 'ट्यूबलाइट' कुछ हद तक बजरंगी भाईजान का ही एक्सटेंशन लगती है.
जज्बाती फिल्म है ट्यूबलाइट
लगातार यह दूसरी ईद है जब सलमान खान अपने फैंस की आंखों को गीला करने की कोशिश करते नजर आएंगे. ऐसे में सलमान के हार्डकोर फैन्स को रुक-रुक कर जलने वाली यह 'ट्यूबलाइट' तंग कर सकती है क्योंकि उनके फैन्स को तो लार्जर दैन लाइफ सलमान पसंद हैं.
सलमान का रोल है शानदार
सलमान ने मासूमियत वाला रोल बेहतरीन ढंग से निभाया है. लेकिन सलमान की अलग-अलग तरह के रोल करने की कोशिश काबिलेतारीफ है. चाइनीज ऐक्ट्रेस झू झू और अरुणाचल प्रदेश के माटिन रे फिल्म में चाइनीज कनेक्शन दिखाने के लिए है. झू झू आकर्षक लगी हैं तो माटिन फुली एंटरटेनिंग हैं.
वैसे सलमान खान का कहना है कि उनकी फिल्में रिव्यू प्रूफ होती हैं, ऐसे में शायद उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि समीक्षक क्या कहते हैं लेकिन हमारी नजर इस बात पर रहेगी कि सलमान कमाई के मामले में कितने आगे जाते हैं.