Advertisement

Sardar Udham Review: दर्दभरी खूबसूरत कहानी में छा गए विक्की कौशल, रोंगटे खड़े कर देगी फिल्म

Sardar Udham Review: विक्की कौशल की फिल्म 'सरदार उधम' अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी है. 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड से 1940 तक के समय पर बनी इस कहानी में स्वतंत्रता सैनानी और क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह के जीवन को दिखाया गया है. क्या है इस फिल्म में खास और इसे क्यों देखा जाना चाहिए, जानिए हमारे रिव्यू में.

फिल्म सरदार उधम में विक्की कौशल फिल्म सरदार उधम में विक्की कौशल
पल्लवी
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST
फिल्म:Sardar Udham
4/5
  • कलाकार : Vicky Kaushal, Amol Parashar, Banita Sandhu
  • निर्देशक :Shoojit Sircar

कभी सोचा है कि हममें से कितने ही ऐसे लोग हैं जो आजाद भारत में पैदा होने का शुक्र मनाते होंगे? कभी सोचा है कि वो समय कैसा रहा होगा, जब देश में भगत सिंह आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, उधम सिंह ने जलियांवाला बाग का भयावह समय देखा था और जानें कितने लोगों को ब्रिटिशों के सामने ना चाहते हुए भी सिर झुकाकर जीना पड़ता था. मुझे लगता है कि हम हमेशा ये बात भूल जाते हैं कि आजादी बहुत कीमती चीज है, जो हमें कई स्वतंत्रता सेनानियों के खून और जान के बदले मिली है. 

Advertisement

विक्की कौशल की नई फिल्म 'सरदार उधम' देखते हुए आपके जेहन में कुछ ऐसी ही बातें आती हैं. ये कहानी एक क्रांतिकारी की है, जिसने कई नाम बदले, जो अपना नाम सबको राम मोहम्मद सिंह आजाद बताकर गया था, जो भगत सिंह के साथ HRSA का हिस्सा रहा और जिसने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला Michael O'Dwyer के खून से लिया. 

सरदार उधम सिंह के जीवन पर बनी फिल्म 'सरदार उधम' जेल में बंद शेर सिंह (विक्की कौशल) से होती है. HRSA खत्म हो चुकी है और अब शेर सिंह के पास भारत छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है. वो कई देशों में रहता है, फिर लंदन में जाकर अपना ग्रुप बनाने की कोशिश करता है. सर माइकल ओ'ड्वायर को मार गिराता है और पकड़े जाने पर हंसते हुए जेल जाता है. शेर सिंह उर्फ उदे सिंह उर्फ उधम सिंह ने ऐसा क्यों किया? वो कौन है? कहां से आया है और क्या चाहता है? ब्रिटिश पुलिस और सरकार इस बात का पता लगाने की कोशिश में लग जाती है. उधम से कई सवाल होते है, उनके शरीर को मार-मारकर तोड़ दिया जाता है, लेकिन उधम अपना मुंह तक नहीं खोलता. अभी कहानी और भी बाकी है दोस्त. अभी तो फिल्म में और भी बहुत कुछ होना है. 

Advertisement

परफॉरमेंस 

विक्की कौशल को इस फिल्म के लिए अभी अवॉर्ड दे दिया जाना चाहिए. उनका काम, उनके अवतार, उनकी बातें, हर एक चीज जबरदस्त है, बेमिसाल है. एक यंग उधम सिंह से लेकर, जोशीले उधम सिंह, लाचार उधम सिंह और गुस्सैल उधम सिंह तक, विक्की कौशल के कई रूप आपको इस फिल्म में देखने को मिलेंगे. हमने भले ही उधम सिंह को असल में ना देखा हो, लेकिन फिल्म में विक्की को देखकर लगता है ऐसे ही रहे होंगे. कहते हैं जिसके पास कुछ नहीं होता, उसको किसी चीज के खोने का डर नहीं होता, यही चीज आप फिल्म में विक्की कौशल की आंखों में देख सकते हैं. उधम सिंह, निडर है, उनके पास मिशन है और वो कोई भी चीज बिना सोचे-समझे नहीं करता, वो पीछे भी नहीं हटता, उसके सीने में आग है, जो फिल्म के अंत तक आपके सीने में जलने लगती है. 

सरदार उधम में विक्की कौशल के अलावा अमोल पाराशर, बनिता संधू, शॉन स्कॉट, स्टीफेन होगेन, किर्स्टी एवर्टन संग कई भारतीय और विदेशी एक्टर्स ने काम किया है. बनिता संधू का काम अच्छा था. अमोल पाराशर, भगत सिंह के रोल में अच्छे थे. अन्य एक्टर्स ने भी बढ़िया काम किया. सबने मिलकर फिल्म और बेहतर बनाया है. 

Advertisement

डायरेक्शन 

सरदार उधम सिंह को Michael O'Dwyer से बदला लेने के लिए 21 साल का इंतजार करना पड़ा था. डायरेक्टर शूजित सरकार ने भी उनकी कहानी को पर्दे पर उतारने के लिए इतना ही इंतजार किया और क्या कमाल की फिल्म बनाई है. पहले सीन से ही 'सरदार उधम' आपको अपने साथ हाथ पकड़कर लेकर चलती है. फिल्म जिस मोड़ मुड़ती है आप मुड़ जाते हैं, जिस समय में जाती है आप भी उसके साथ पहुंच जाते हैं. फिल्म में कई इमोशन्स है- गुस्सा, लाचारी, क्रांति की भावना, आजादी की भूख, बदले की आग और दर्द. अब सब महसूस करते हैं. 

शूजित सरकार ने इस फिल्म को पूरे दिल और जान से बनाया है. उन्होंने बहुत गहराई से इस फिल्म को लेकर रिसर्च की है, जो उनके काम में साफ नजर आती है. फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको उधम सिंह में, उनकी जिंदगी, उनकी दोस्ती और उनके प्यार में उलझाए रखता है. फिल्म का सेकंड हाफ आपके रोंगटे खड़े कर देता है, आपको रुलाता है और गहराई से आपके ऊपर असर करता है. यही वो हिस्सा है जहां आपको जलियांवाला बाग हत्याकांड अपनी आंखों के सामने देखने को मिलेगा, जिसके घाव आज 100 सालों के बाद भी भरे नहीं हैं.

शूजित का डायरेक्शन बेमिसाल है, अगर वो बेमिसाल ना होता तो विक्की कौशल के लिए भी इस फिल्म को अपने मजबूत कंधों पर चलाना थोड़ा मुश्किल तो जरूर होता. इस फिल्म में शांतनु मोइत्रा ने म्यूजिक दिया है, जो हर चीज का असर आपके ऊपर करता है और आपको स्क्रीन पर होने वाली चीजें और बातों को महसूस करवाता है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर काफी अच्छा है. अभी मैं ये कह सकती हूं कि 'सरदार उधम' एक खूबसूरत और दर्दभरी फिल्म है, जिसने हमें एक बढ़िया एक्टर-डायरेक्टर की जोड़ी दे दी है. आप इस फिल्म को अमेजन प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement