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वो वापस आ गई है! एक मामूली कॉन्स्टेबल या अंडरकवर एजेंट, दोनों में से इन्हें क्या कहें, यह समझ के परे है, लेकिन इतना जरूर है कि वह कोई आम लड़की नहीं है. हां, हम बात कर रहे हैं उसी भूमि परदेशी की, जिसे आपने साल 2020 में देखा था. सीरीज का पहला सीजन कुछ खास चर्चा में नहीं रहा था. हालांकि, जिन लोगों को क्राइम, थ्रिलर ड्रामा देखना पसंद है, उनके बीच यह जरूर देखा गया. इस वेब सीरीज के क्रिएटर और राइटर इम्तियाज अली रहे. निर्देशन आरिफ अली और अविनाश दास ने संभाला. इस बार भी इन तीनों ने ही मिलकर इसका दूसरा सीजन बनाया है, She Season 2...
दिल थामकर बैठने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कहानी बहुत छोटी सी है. बस, इसे लंबा खींच दिया गया है.
क्या है कहानी?
कहानी की शुरुआत होती है उसी मामूली कॉन्स्टेबल से जो ड्रग्स माफिया के किंग, नायक को पकड़ने के पीछे लगी होती है. किस तरह वह एक चतुर, चालाक और किसी की भी बातों में न आने वाले ड्रग्स माफिया किंग को अपना बनाती है, इसके लिए आपको यह वेब सीरीज देखनी पड़ेगी. नायक को किसी ने नहीं देखा, सिवाए भूमि परदेशी के. इसी बात का फायदा उठाते हुए और अपनी जान पर खेलते हुए एक मामूली कॉन्स्टेबल आखिर में वह कर दिखाती है जो आप आसानी से सोच लेंगे.
भूमि न तो पुलिस की होती है और न ही नायक की. दोनों को एक ही तराजू में किस तरह उसे बराबर तोलकर रखना है, भूमि बहुत अच्छी तरह जानती है. तभी तो वह अपनी सूझबूझ और तेज दिमाग से कहानी को पूरी तरह बदल देती है. इधर, भूमि, नायक को अपने जाल में फंसाती है और उल्टी गंगा बहाती है. वहीं, दूसरी ओर वह पुलिस को चकमा देकर खुद रियल लाइफ 'नायक' बन जाती है. सगी तो भूमि किसी की नहीं रहती, सिवाए खुद के. अपनी पर्सनल लाइफ, परिवार, पुलिस की नौकरी, नायक और प्रॉस्टीट्यूशन के रैकेट को भूमि अकेले हैंडल करती है. हालांकि, बीच में तो आपको कहानी में ऐसा नजर आएगा, 'पुलिस, नायक के पीछे और भूमि, सेक्स के पीछे.'
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कैसा रहा डायरेक्शन?
अब आते हैं डायरेक्शन और स्टोरीटेलिंग पर. तो यह कुछ खास नजर नहीं आया. हालांकि, देसीपन जरूर इसमें देने की कोशिश की गई है. जैसे चौल में रहन-सहन दिखाया गया है, देसी भाषा का इस्तेमाल हुआ है, खुलेआम सेक्स दिखाया गया है, गाली सुनने को मिली है, नारीशक्ति का अच्छा मैसेज दिया है, बस कमी रह गई तो कहानी को ठीक-ठाक समय में बताकर खत्म करने की. हर एपिसोड 50-55 मिनट का रखने का कोई तुक समझ सा नहीं आया. कहानी खींची तो गई है, साथ में इसे आप देखते-देखते ही प्रिडिक्ट भी कर लेंगे, यह तो पक्का है. आप बहुत आसानी से समझ जाएंगे कि आखिर में क्या क्लाइमेक्स होने वाला है. सही मायने में कहें तो सिडक्शन के बिजनेस में भूमि परदेशी ड्रग्स माफिया किंग को पकड़ने के लिए आई थी, लेकिन वह इसी बिजनेस का हिस्सा बनकर रह गई.
कहानी कुछ खास नहीं है. काफी बिखरी हुई है. अचानक से आने वाले सीन्स आपको एक बार को सोचने पर मजबूर कर देंगे कि आखिर इसे आप दिखाई गई कहानी से कनेक्ट कैसे करें. इतना जरूर कहना पड़ेगा कि यह वेब सीरीज आखिर में आपको एक बढ़िया मैसेज जरूर देगी.
स्टाइलिंग पर किया ठीक-ठाक काम
भूमि परदेशी कॉन्स्टेबल जरूर है, लेकिन उसको सिडक्शन के बिजनेस में डालने के लिए उसकी स्टाइलिंग पर काफी अच्छा काम किया गया है. उसके फैशन में एक क्लास दिखाई गई है. इसके अलावा भूमि को बोहो शीक स्टाइल में देखा गया है, जिसे काफी सिंपल रखने की कोशिश की गई है.
मजबूत है भूमि का किरदार
भूमि, टूटती है, बिखरती है, खुद को समेटती है, संभालती है और आखिर में बता देती है कि नारी भी किसी से कम नहीं होती. उसे सिर्फ समाज में बराबरी का हक नहीं मिलता. पुलिस की नौकरी में, पति की नजरों में, परिवार में भूमि की कीमत नहीं समझी गई, लेकिन क्राइम की दुनिया में उसे इज्जत मिली. सम्मान मिला. इसी दुनिया को भूमि ने अपना बनाया. यहां मौजूद औरतों का साथ दिया और उनके लिए मसीहा बनी.
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नायक की भूमिका किशोर कुमार जी ने निभाई है. चेहरे पर तेज, अलग एटीट्यूड और दिमाग में क्लैरिटी आपको इनके किरदार में देखने को मिलेगा. एसीपी फर्नांडिज का रोल विश्वास किनी ने निभाया है. दिमाग से तेज, ऑपरेशन को हैंडल करने का जज्बा और केस की नब्ज तक पहुंचने का दम रखने वाला, इस किरदार के लिए विश्वास बेस्ट नजर आए. भूमि परदेशी का रोल अदिति पोहानकर ने प्ले किया है. अकेले जीवन में सूझबूझ से आगे बढ़ने का विश्वास अदिति के चेहेर पर साफ नजर आया. ऐसा लगता है कि शायद अदिति ही इस किरदार के लिए बनी थीं. उन्होंने पूरी तरह इससे जस्टिस किया है. स्टार कास्ट में बहुत बड़े कोई चेहरे नहीं लिए गए. काम में अच्छे और सीरीज के मुताबिक एकदम बेस्ट कास्ट तय की गई है.
क्यों देखें और क्यों न देखें?
इस वेब सीरीज में आपको सबकुछ देखने को मिलेगा. अच्छा, बुरा, क्राइम, पुलिस, इंसान, इंसान और इंसान के बीच में हल्की सी लाइन, कानून, सिडक्शन बिजनेस, डर, जान चली जाने का हर पल सताता खौफ, यह सब देखकर काफी मिक्स्ड फीलिंग आएगी. भूमि एक ऐसी लड़की नजर आएगी, जिसको यह पता है कि उसके अंदर पावर है, लेकिन वह उसे कन्ट्रोल करना बस नहीं जान पाती है. वह पावर, उसके अंदर सबकुछ बदल देती है.
अगर आपके पास ज्यादा समय है तो ही इस वेब सीरीज में अपना समय खर्च करें. जीवन के सात घंटे इस वेब सीरीज को सोच-समझकर दें. वरना तो कहानी काफी प्रिडिक्टेबल है, आप रिव्यू पढ़कर समझ ही जाएंगे.