
विक्रम और बेताल की पौराणिक कहानी को तो आपने सुना ही होगा. कैसे राजा विक्रमादित्य की मुलाकात बेताल से हुई थी और बेताल ने उन्हें अलग-अलग कहानियां सुनाकर उनसे सही जवाब देने को कहा था. बेताल पच्चीसी के उसी कॉन्सेप्ट को डायरेक्टर पुष्कर और गायत्री ने पुलिस और गैंगस्टर पर आधारित फिल्म के रूप में दर्शकों को परोसा है. नाम दिया गया 'विक्रम वेधा'.
फिल्म की शुरुआत होती है एसएसपी विक्रम (सैफ अली खान) से, जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है. विक्रम को अपराधियों की जान लेने में कोई दिक्कत नहीं है. अपने अभी तक के करियर में 18 लोगों की जान ले चुके विक्रम और उसकी स्पेशल टीम को एक ही आदमी की तलाश है. ये आदमी शातिर होने के साथ-साथ निडर और खूंखार भी है. इसकी हैवानियत के चर्चे दूर-दूर तक हैं. ये वो शख्स है जो तीसरे माले से तलवार लेकर कूदा और एक नेता के दो टुकड़े कर दिए. नाम है वेधा (ऋतिक रोशन).
महीनों से विक्रम और उसकी टीम वेधा की तलाश कर रही है. इस बीच उन्होंने मिलकर कई गुंडों को मौत के घाट उतार दिया है. वेधा के लिए जाल बिछाने जा ही रहे थे कि वो खुद पुलिस के सामने हाजिर हो गया. यहीं से शुरू हुआ विक्रम और वेधा के बीच चूहे-बिल्ली का खेल और कहानियों का सिलसिला, जो ढेरों ट्विस्ट और टर्न्स के साथ शॉकिंग और दिलचस्प डिटेल्स से भरा है.
वेधा अपनी कहानियों के जरिए विक्रम के साथ-साथ आपको भी अपनी दुनिया में ले जाता है. उसकी दुनिया काली है, जिसमें रंग सिर्फ एक ही इंसान घोलता है. और वो है उसका भाई. दूसरी तरफ विक्रम अपनी पत्नी प्रिया के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रहा है. प्रिया पेशे से वकील है. दोनों की शादीशुदा जिंदगी में आग भी वेधा ही लगाता है. तो वेधा की कहानियां आखिर किस बारे में हैं? क्या विक्रम उसे पकड़ पाएगा या चकमा खा जाएगा? और वेधा के केस को लेकर एक दूसरे के खिलाफ खड़े विक्रम और प्रिया की सुलह होगी या नहीं, ये सब और बहुत कुछ फिल्म में देखने वाली चीज है.
सबसे पहले बात ऋतिक रोशन की करते हैं. ऐसा शायद पहली बार है जब ऋतिक को एक निर्दयी और खूंखार गैंगस्टर के रूप में देखने का मौका मिला है. उनकी परफॉरमेंस देखने के बाद इस किरदार के लिए उनकी मेहनत साफ नजर आती है. फिल्म में ऋतिक को वेधा के तीन अलग-अलग रूपों में देखा गया है. सभी में उनका स्वैग अपनी जगह था. स्टाइलिश और कूल होने के साथ-साथ ऋतिक रोशन के वेधा रोल में आपके अंदर डर पैदा करने की क्षमता भी है. इंटेंस एक्शन सीन हो या फिर अल्कोहलिया गाने में पागलपंती, हर रूप में ऋतिक छाए हैं.
सैफ अली खान ने अपने विक्रम के किरदार को काफी अच्छे से निभाया है. वेधा का एक डायलॉग है, जिसे आपने ट्रेलर में देखा होगा. वो विक्रम से कहता है कि हम दोनों एक जैसे हैं सर. पर्दे पर आपको ऐसा होते हुए भी नजर आता है. एकदम अलग जिंदगी और जरूरतें होने के बावजूद विक्रम काफी हद तक वेधा जैसा है. वो भी चतुर और तेजतर्रार है और सबसे एक कदम आगे रहता है. साथ ही साथ वो इमोशनल भी है. विक्रम के किरदार को निभाना सैफ अली खान के लिए काफी मजेदार रहा होगा, क्योंकि उन्हें पर्दे पर देखने में मुझे तो मजा आया.
राधिका आप्टे, विक्रम की पत्नी प्रिया के रोल में हैं. सैफ अली खान संग उनकी केमिस्ट्री काफी बढ़िया दिखी. दोनों की नोकझोंक, उनका प्यार और तकरार देखना काफी अच्छा लगता है. फिल्म में 'द फैमिली मैन' के शारिब हाशमी, रोहित सराफ, योगिता बिहानी और सत्यदीप मिश्रा जैसे बढ़िया कलाकार अहम रोल्स में हैं और सभी ने बेहतरीन काम किया है.
डायरेक्टर पुष्कर और गायत्री ने इस कहानी को काफी बढ़िया तरीके से लिखा है. यह बात 2017 में ही साबित हो गई थी. लेकिन उन्होंने इस फिल्म को भी उतने ही बढ़िया ढंग से बनाया है जितने तमिल वर्जन को बनाया था. फिल्म की कहानी आपको एक के बाद एक राइड पर लेकर जाती है और अपनी सीट से जोड़े रखती है. फिल्म में एक्शन का भी काफी सही डोज आपको मिलता है. सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. एडिटिंग क्रिस्प है और बैकग्राउंड म्यूजिक लाजवाब है. तो बस फिर और क्या चाहिए!